पुतला माटी का-धैर्यशील येवले

पुतला माटी का
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नही डरता इंसान
अपने ईश्वर से
अगर डरता होता
नही रखता बैर
इंसान ,इंसान से

राम ,कृष्ण
बुद्ध ,महावीर
ईसा ,मूसा
नानक ,मुस्तफा
ताओ ,शिंतो
जीयूस ,हेरिकलीज़
जर्सस्थ्रु ,यहवा
देते रहे संदेश मानव को
रख प्रेम व करुणा
इंसान ,इंसान से ।

यहाँ तक कि ढहाए
अपने ही मार्गदर्शक
अवतारों पर सितम
इंसान ने ,
शैतान नाच उठा
रब के सामने
बोला देख मैंने
क्या बना दिया तेरे
इंसान को इंसान से ।

तुलसी ,कबीर
हसन ,हुसैन
पॉल ,पीटर
ऋषभदेव, दशमेश
कन्फ्यूशियस ,लाओत्से
रख दिल मे
प्रेम ,करुणा ,अहिंसा
कहते रहे ,
बारबार इंसान से ।

पाषाण युग से आजतक
कभी प्रेम नही किया
न जागी करुणा
इंसान की ,इंसान से ।

रावण ,कंस
फिरौन ,हेरोद
युदस ,यज़ीद
इब्लीस
ने जैसा चाहा
वैसा काम करवाया
इंसान से ।

जो चल रहा है
शैतान की बताई राह पर
क्यो बनाया
मिट्टी का इंसान
आपने ?
सभी धर्मावतार
पूछ रहे है ,भगवान से ।

धैर्यशील येवले इंदौर ।

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मेरी ये रचना उन तमाम इंसानों को समर्पित है ।
जो इंसान हो कर भी इंसानों के जुल्म और सितम का शिकार हुए है ।
धैर्यशील येवले इंदौर ।

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