सुएला की सबसे ज्यादा आलोचना पुलिस को फटकार लगाने के मामले में हो रही थी। सुनक पर एक्शन लेने का दबाव था।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने होम सेक्रेटरी सुएला ब्रेवरमैन को पद से हटा दिया है। अब तक फॉरेन मिनिस्ट्री संभाल रहे जेम्स क्लेवर्ली को होम मिनिस्टर बनाया गया है। जबकि पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरॉन को विदेश मंत्री बनाया गया है। कुछ और बदलाव भी संभव हैं।
प्राइम मिनिस्टर ऋषि सुनक ने पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरॉन को नया विदेश मंत्री बनाया है। इसका अनुमान पहले से था। डेविड 2010 से 2016 तक PM रहे।
भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन ने हाल ही में कई विवादित बयान दिए थे। सुनक की पार्टी के अंदर से ही कई दिनों से यह मांग उठ रही थी कि सुएला की बयानबाजी ब्रिटेन की मिडिल ईस्ट पॉलिसी के खिलाफ है और वो अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने की कोशिश कर रही हैं।
हाल ही में सुएला ने पुलिस को फटकार लगाई थी, जबकि पुलिस उनके अंडर में ही काम करती है।
अब तक फॉरेन मिनिस्ट्री संभाल रहे जेम्स क्लेवर्ली सुनक सरकार में होम सेक्रेटरी की जिम्मेदारी संभालेंगे।
पुलिस पर टिप्पणी महंगी पड़ी
बाकी यूरोपीय देशों की तरह ब्रिटेन में भी फ्रीडम ऑफ स्पीच पर काफी जोर दिया जाता है। इजराइल और हमास की जंग में बेगुनाहों के मारे जाने को लेकर ब्रिटेन में काफी प्रदर्शन हो रहे हैं। यहां फिलिस्तीन और इजराइल के समर्थक भिड़ भी चुके हैं। कानून-व्यवस्था संभालने का जिम्मा सुएला के हाथ में ही था। उन्होंने बेहतर मैनेजमेंट स्किल्स दिखाने के बजाय सारा ठीकरा पुलिस पर ही फोड़ दिया।
पिछले हफ्ते फिलिस्तीन के समर्थन में एक रैली के दौरान भीड़ ने पुलिस पर भी हमला कर दिया था। इसके बाद सुनक कैबिनेट के कई मंत्रियों और पार्टी मेंबर्स ने सुएला से जवाब मांगा तो उन्होंने इसे पुलिस की नाकामी बता दिया।
आर्म्ड फोर्सेस मिनिस्टर जेम्स हेपे ने इस पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा- होम सेक्रेटरी अखबार में आर्टिकल लिख रही हैं। अपनी ही पुलिस को निशाना बना रही हैं। उनके बयानों की वजह से हिंसक झड़पें हो रही हैं। इससे ब्रिटेन में कम्युनिटी टेंशन बढ़ रहा है।
सुनक पर दबाव बढ़ रहा था
विपक्षी नेता वेट्टी कूपर ने मीडिया से कहा- होम सेक्रेटरी बहुत जिम्मेदारी वाला पद है और सुएला इस काबिल नहीं हैं कि उन्हें इस पोस्ट पर रखा जाए। पुलिस पर टिप्पणी को सुनक के ऑफिस ने भी खारिज कर दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी सुएला के बयानों को गैर जिम्मेदार हरकत बताया था।
बोरिस जॉनसन की सरकार में 43 साल की सुएला ब्रेवरमैन अटॉर्नी जनरल थीं। वे हिंदू-तमिल परिवार से हैं। हालांकि उनके पेरेंट्स केन्या और मॉरिशस से ब्रिटेन आए थे। सुएला का जन्म 3 अप्रैल 1980 को लंदन में ही हुआ। उनकी परवरिश वेंबले में हुई, इसलिए उनके पास ब्रिटिश नागरिकता है।
ब्रेवरमैन ने पिछले साल जुलाई में एक लीडरशिप कैंपेन के लॉन्च वीडियो में अपने माता-पिता के बारे में कहा था- वे ब्रिटेन से प्यार करते थे। उन्हें यहां उम्मीद दिखाई दी थी। उन्हें यहां सुरक्षा मिली। इस देश ने उन्हें मौका दिया। इसलिए मेरा पॉलिटिक्स में करियर बनाने का मकसद साफ है। मैं इस देश में अवसर पैदा करने के लिए काम करूंगीं।
क्या है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट
भारत और ब्रिटेन के बीच दोतरफा कारोबार 4 लाख करोड़ रुपए का है। फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के बाद टैक्स में बड़ी राहत मिलेगी। ब्रिटेन ने 2004 में भारत के साथ एक रणनीतिक साझेदारी शुरू की थी। वह आतंकवाद, परमाणु गतिविधियों और नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम में भारत के साथ है।
ब्रिटेन में भारतीय मूल के 15 लाख लोग हैं, जो वहां की GDP में 6% का योगदान देते हैं। ब्रिटेन में करीब 1 लाख भारतीय छात्र पढ़ते हैं। ब्रिटेन और भारत के बीच बीते दो दशक में व्यापार 3 गुना बढ़ा है। बीते साल भारत ने 51,054 करोड़ का आयात किया, जबकि निर्यात 79,000 करोड़ रुपए रहा। सेवा क्षेत्र को मिलाकर कारोबार 3.81 लाख करोड़ रुपए है।
सुएला ने मार्च में ब्रिटिश न्यूज चैनल स्काई न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘पाकिस्तानी मूल के पुरुष ब्रिटिश लड़कियों का शोषण करने वाले नेटवर्क में शामिल हैं। वे उनका शोषण और रेप करते हैं।’ सुएला ब्रेवरमैन ने कहा कि पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिशर्स सांस्कृतिक दृष्टिकोण के मामले में ब्रिटिश मूल्यों पर खरे नहीं उतरते।’ उन्होंने कहा- कुछ ब्रिटिश-पाकिस्तानी मूल के पुरुष ब्रिटेन में बच्चों के यौन उत्पीड़न का नेटवर्क चला रहे थे। लेकिन अथॉरिटी और सिविल सोसाइटी ने राजनीतिक वजहों से उनसे नजर फेर रखी थी।