नाइजीरियन युवक जॉन अनुबिरी की कहानी, मैट्रिमोनियल साइट के जरिए जबलपुर की महिला से किया फ्रॉड, 6 साल बाद दोषमुक्त; अब देश भेजना पड़ रहा भारी – देखें VIDEO

नाइजीरिया का जॉन अनुबिरी उर्फ ब्राउनी (43) न चाहते हुए भी इन दिनों जबलपुर पुलिस का मेहमान है। 2018 में स्टेट साइबर सेल ने उसे उसके तीन भारतीय साथियों के साथ गिरफ्तार किया था। मामला मैट्रिमोनियल साइट शादी डॉट कॉम के जरिए जबलपुर की महिला से फ्रॉड का था।

6 साल तक जबलपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में केस चला। 25 दिन पहले कोर्ट ने उसे बरी कर दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि साइबर सेल पुलिस के पास ब्राउनी के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। इस अपराध में उसे जितनी सजा मिलनी थी, जेल में रहकर काट ली।

ब्राउनी रिहा तो हो गया, लेकिन अब मध्यप्रदेश सरकार और पुलिस के सामने बड़ी समस्या यह है कि कैसे इसे नाइजीरिया भेजा जाए। फिलहाल वह 25 दिन से सिविल लाइन थाने में रह रहा है। उसके खाने – पीने का सारा खर्च पुलिस उठा रही है। जबलपुर पुलिस उसे उसके देश पहुंचाने के लिए दूतावास से कॉन्टैक्ट में है।

6 साल पहले फ्रॉड…

महिला से कहा- गिफ्ट कस्टम में पकड़ा गया, इंडियन करेंसी में 16 लाख मंगवाए

शहर के विजय नगर में रहने वाली महिला से ब्राउनी, उसके तीन साथी हरेंद्र सिंह, बद्रीश मिश्रा और शिवम गुप्ता ने 16 लाख 26 हजार रुपए ऐंठे थे। बद्रीश मिश्रा ने शादी डाट कॉम पर महिला से दोस्ती की। बताया कि वह लंदन का रहने वाला है और पेशे से डॉक्टर है। अपना नाम मैक्स विलियम बताकर शादी का प्रपोजल रखा। बातचीत शुरू हुई तो महिला ने अपना मोबाइल नंबर दे दिया।

एक महीने तक दोनों के बीच बातचीत होती रही, इसके बाद 3 मार्च 2018 को बद्रीश ने हरेंद्र, शिवम और ब्राउनी के साथ मिलकर महिला को फोन लगाया। उसने कहा कि वह लंदन से भारत आया है। उसके लिए गिफ्ट लाया है, लेकिन कस्टम वालों ने रोक लिया है। मदद के नाम पर उसने महिला से उसके बैंक खाते में भारतीय रुपए डालने को कहा।

ऐसी कहानी बताकर महिला से 16 लाख 26 हजार रुपए अपने बैंक खाते में जमा करा लिए। पैसे जमा कराने के बाद मोबाइल बंद कर लिया। ठगी का पता लगने पर अप्रैल 2018 को महिला ने स्टेट साइबर सेल ऑफिस में शिकायत की थी।

ब्राउनी और उसके तीन साथियों को 2018 में गिरफ्तार किया गया था।

कानपुर और दिल्ली से हुए थे गिरफ्तार

स्टेट साइबर सेल ने ब्राउनी को द्वारिका (दिल्ली), उसके साथी हरेंद्र सिंह और शिवम गुप्ता को कानपुर और बद्रीश मिश्रा को दिल्ली से पकड़ा था। जबलपुर कोर्ट ने जेल भेजा, तीन साल जेल में रहे, 2021 में चारों जमानत पर बाहर आ गए।

शिवम, बद्रीश और हरेंद्र अपने-अपने घर चले गए, जबकि वीजा और पासपोर्ट नहीं होने पर ब्राउनी दिल्ली में रुका रहा। मामले में सुनवाई चल रही थी। पेशी के लिए ब्राउनी को कई बार नोटिस भेजे गए। जब वह नहीं आया तो उसके खिलाफ स्थाई वारंट निकाला गया।

स्टेट साइबर सेल ने उसे जून 2024 में दिल्ली से दोबारा गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। एक महीने तक जबलपुर सेंट्रल जेल में रहने के बाद जुलाई 2024 में पंचम सत्र अपर न्यायाधीश की कोर्ट ने ब्राउनी को दोषमुक्त कर दिया।

सिविल लाइन थाना पुलिस ने ब्राउनी को अपने साथ रखा है।

नाइजीरिया भेजने का खर्च करीब डेढ़ लाख, भारत सरकार उठाएगी

नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल (जबलपुर) से बाहर आने पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने ब्राउनी को अपने साथ रखा है। सिविल लाइन थाना प्रभारी धीरज राज ने कहा कि ब्राउनी के वीजा की वैधता खत्म हो गई है। वह यहां अच्छे से रह रहा है। कभी-कभी अपनी बहन से बात करता है।

थाना प्रभारी ने बताया कि जबलपुर पुलिस की एक टीम हाल ही में दिल्ली दूतावास जाकर ब्राउनी को नाइजीरिया भिजवाने के लिए लेटर देकर आई है। उसे भारत से नाइजीरिया तक भिजवाने में करीब डेढ़ लाख रुपए का खर्च आ रहा है। जबलपुर से मुंबई और फिर केन्या के रास्ते मध्यप्रदेश पुलिस ब्राउनी को नाइजीरिया लेकर जाएगी।

ब्राउनी गरीब घर से है। उसके परिवार के पास इतने पैसे नहीं है कि उसे लाने के लिए खर्च कर सकें। यही वजह है कि भारत सरकार ब्राउनी को उसके देश तक छोड़ने का खर्च उठा रही है।

2015 में वीजा लेकर भारत आया था ब्राउनी

2015 में ब्राउनी अपने कुछ दोस्तों के साथ वीजा और पासपोर्ट लेकर भारत आया था। दिल्ली में उसने ऑटो पार्ट्स का काम किया। इस दौरान वह बद्रीश, शिवम और हरेंद्र के संपर्क में आया और साइबर फ्रॉड करना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि जबलपुर की महिला के अलावा इन लोगों ने और भी कई महिलाओं के साथ शादी डॉट कॉम के जरिए ठगी की है। दिल्ली में ही इन लोगों ने किराए का एक घर ले रखा था। यहीं से अपने पूरे सिस्टम को चलाते थे। इन लोगों ने अलग-अलग नाम से बैंक के खाते भी खोल रखे थे।

अमीर महिलाओं को सर्च कर बनाते थे टारगेट

स्टेट साइबर पुलिस में पदस्थ निरीक्षक नीलेश ने बताया कि स्टेट साइबर सेल ने जांच में पाया कि ब्राउनी के ग्रुप के सभी सदस्यों का अलग-अलग काम था। हरेंद्र, बद्रीश और शिवम शादी डॉट काम में ऐसी महिलाओं को सर्च करते थे, जिनकी प्रोफाइल हाईफाई होती थी। अमीर महिलाओं की लिस्ट बनाने के बाद ब्राउनी का काम होता था फर्जी नाम से वेबसाइट पर प्रोफाइल बनाकर अंग्रेजी में बात करना।

5वीं पास ब्राउनी की इंग्लिश बहुत अच्छी है। जब कभी भी वह किसी महिला से बात करता तो वह इम्प्रेस हो जाती। यही कारण था कि बहुत ही आसानी से शादी डॉट काम में अच्छे घर की महिलाएं भी इसके झांसे में आ जाती थीं।

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