बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी हाल ही में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनी हैं. उनका नाम भी बदल गया है, वो अब श्री यमई ममता नंदगिरी कहलाएंगी. प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ 2025 में ममता ने अपना पिंडदान कर ये ऐलान किया था, लेकिन उनके महामंडलेश्वर बनने पर बाबा रामदेव ने ऐतराज जताया है. रामदेव ने कहा कि एक दिन में कोई संत नहीं बन सकता है.
एक दिन में संत कैसे?
बाबा रामदेव ने कहा- सनातन का महाकुंभ पर्व, जहां हमारी जड़ें जुड़ी हुई हैं, एक भव्य उत्सव है. ये एक पवित्र पर्व है. कुछ लोग कुंभ के नाम पर अश्लीलता, नशा और अनुचित व्यवहार करते हैं. ये महाकुंभ का वास्तविक मतलब नहीं है.
इसी के साथ बाबा रामदेव ने PTI से बातचीत में ममता कुलकर्णी के संत बनने पर भी बिना उनका नाम लिए कहा कि, “कुछ लोग, जो कल तक सांसारिक सुखों में लिप्त थे, अचानक एक ही दिन में संत बन गए हैं, या महामंडलेश्वर जैसी उपाधि प्राप्त कर ले रहे हैं.”
बता दें, ममता के महामंडलेश्वर बनने के बाद कई संत उनके इस फैसले पर ऐतराज जता चुके हैं. सबका यही मानना है कि ऐसे प्रतिष्ठित पद को हासिल करने के लिए सालों के आध्यात्मिक अनुशासन और समर्पण की जरूरत होती है. जबकि ममता को एक ही दिन में महामंडलेश्वर चुन ली गईं.
VIDEO | Prayagraj: Yoga Guru Ramdev on Maha Kumbh says, "The great Kumbh festival of Sanatana, where our roots are connected, is a grand celebration. This is a sacred festival Some people are associating vulgarity, intoxication, and inappropriate behaviour in the name of Kumbh -… pic.twitter.com/gAqDPc6lnB
— Press Trust of India (@PTI_News) January 26, 2025
जब महामंडलेश्वर बनीं ममता
बता दें, 24 जनवरी की शाम को ममता का पट्टाभिषेक किया गया था. इसके बाद आजतक से बातचीत में उन्होंने कहा था कि ”ये अवसर 144 सालों बाद आया है, इसी में मुझे महामंडलेश्वर बनाया गया है. ये केवल आदिशक्ति ही कर सकती हैं. मैंने किन्नर अखाड़ा ही इसलिए चुना, क्योंकि यहां कोई बंदगी नहीं है, ये स्वतंत्र अखाड़ा है. जीवन में सब चाहिए आपको. एंटरटेनमेंट भी चाहिए. हर चीज की जरूरत होनी चाहिए. ध्यान ऐसी चीज है, जो भाग्य से ही प्राप्त हो सकता है. सिद्धार्थ (गौतम बुद्ध) ने बहुत कुछ देखा था फिर उनमें परिवर्तन आया.”
ममता ने बताया था कि कड़ी परिक्षा के बाद उन्हें ये पद सौंपा गया है. वो बोली थीं, ”4 जगतगुरू ने मेरी परीक्षा ली. मुझसे कठिन प्रश्न किए. मेरे उत्तरों से वो समझ गए कि मैने कितनी तपस्या की है. मुझसे 2 दिनों से आग्रह कर रहे थे कि महामंडलेश्वर बनो तो मैने कहा मुझे लिबास की क्या आवश्यकता है. इस कपड़े को सम्मिलित करूंगी तब इसे धारण कर सकती हूं, क्या पुलिस वाला घर पर भी वर्दी पहनता है.”