आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा समेत उसके साथी चेतन गौर और शरद जायसवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मंगलवार रात भोपाल के एक थाने के लॉकअप में रखा गया था। वे रात करीब 1 बजे तक आपस में बातें करते रहे। रात में शरद की तबीयत बिगड़ी तो उसे हमीदिया अस्पताल ले जाया गया।
बुधवार को लोकायुक्त ने तीनों से अलग-अलग पूछताछ की। अब तक की जांच में सौरभ की 40 करोड़ रुपए की संपत्ति होने की बात साफ हो चुकी है। कार्रवाई के दौरान सौरभ के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में 50 से अधिक संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए थे, जिनकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है।
लोकायुक्त ने सौरभ, शरद और चेतन को गिरफ्तार कर अलग-अलग पूछताछ की।
ये संपत्तियां सौरभ के रिश्तेदारों, सहयोगियों और अविरल कंपनी के नाम पर हैं। हालांकि, लोकायुक्त पुलिस ने जब सौरभ से संपत्तियों को लेकर सवाल किए, तो उसने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। जब दस्तावेज सामने रखे तो एक ही जवाब देता रहा- ‘मेरे नाम पर नहीं हैं’। मेंडोरी के खाली प्लॉट में कार से मिले 52 किलो साेने को भी अपना नहीं बताया।
जांच में 18 रिश्तेदारों के नाम सामने आए हैं। उनसे भी पूछताछ की जाएगी। सौरभ ने बताया कि उसके हर कारोबार की जानकारी चेतन और शरद को है। चेतन के बयान में सौरभ की बात का विरोध देखने को मिला। वहीं, शरद एन्जायटी होने का कहकर सवालों के जवाब देने से बचा। तीनों के बयान लेने के बाद अब उनका आमना-सामना कराया जाएगा। पूछताछ के आधार पर लोकायुक्त आरोपियों की संख्या में इजाफा कर सकती है।
लोकायुक्त की पूछताछ में ये बोले सौरभ, चेतन और शरद…
सौरभ बोला- चेतन और शरद बिजनेस पार्टनर सौरभ शर्मा से बुधवार सुबह लोकायुक्त की टीम ने करीब दो घंटे पूछताछ की। इसमें करोड़ों रुपए की संपत्ति, घर और स्कूल से बरामद सोने के जेवरात, कैश और चांदी की सिल्लियों के संबंध में जानकारी ली। सौरभ ने अधिकतर सवालों के जवाब टाल दिए। जो संपत्तियां उसके नाम थीं, सिर्फ उनसे संबंधित जवाब दिए। उसने रियल एस्टेट कारोबार को ही अपना फुल टाइम जॉब बताया।
रिश्तेदारों के नाम दर्ज संपत्तियों के बारे में उसने उन्हीं से बात करने को कहा। पूछताछ में सौरभ ने चेतन और शरद को बिजनेस पार्टनर बताया। कहा कि दोनों को उसके हर कारोबार की जानकारी है। उसने कहा- जहां भी चेतन और शरद के दस्तावेज इस्तेमाल किए, दोनों को इसकी जानकारी होती थी। कई सरकारी दफ्तरों में वह खुद मौजूद रहकर प्रक्रिया पूरी कराते थे।
चेतन बोला- पार्टनर नहीं, सौरभ का कर्मचारी हूं लोकायुक्त टीम ने चेतन से करीब डेढ़ घंटे पूछताछ की। वह अपने पुराने बयानों पर कायम रहा। उसने बताया कि वह सौरभ के लिए कर्मचारी की हैसियत से काम करता है। जिन दस्तावेजों में उसे सौरभ का बिजनेस पार्टनर बताया गया, उसकी जानकारी उसे नहीं है। सौरभ के कहने पर वह किसी भी दस्तावेज पर साइन कर दिया करता था।
सौरभ के पास उसके कई अहम दस्तावेजों जैसे- ड्राइविंग लाइसेंस, आधार, वोटर आईडी और पेन कार्ड की कॉपी है। वह मनचाही जगहों पर इन दस्तावेजों का इस्तेमाल करता था।
पूछताछ के दौरान ही चेतन को पता लगा कि सौरभ ने उसके नाम से पेट्रोल पंप का भी अलॉटमेंट करा रखा है।
शरद से नहीं किए जा सके सवाल जवाब हिरासत में लिए जाने के बाद से ही शरद घबराहट होने की शिकायत कर रहा था। लॉकअप में पहुंचने के बाद रात 2 बजे उसने सीने में दर्द की बात कही। सीनियर अधिकारियों से परमिशन लेने के बाद उसे मेडिकल चेकअप के लिए हमीदिया अस्पताल ले जाया गया। दो घंटे इलाज के बाद बेहतर महसूस करने पर उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में शरद के माथे से अचानक तेज पसीना आने लगा था। उसने घबराहट की शिकायत की। जिसके बाद उससे पूछताछ नहीं की जा सकी।
सौरभ के रिश्तेदारों से भी होगी पूछताछ लोकायुक्त के रडार पर सौरभ के 18 रिश्तेदार हैं। उसकी रिमांड खत्म होते ही उसकी मां, पत्नी, बहन, जीजा और जबलपुर में रहने वाले साले रोहित तिवारी से पूछताछ की जाएगी। इन सभी के नाम से सौरभ द्वारा संपत्तियों की खरीद फरोख्त की गई है।
सौरभ के निर्माणाधीन जयपुरिया स्कूल से इन सभी रिश्तेदारों सहित चेतन और शरद के नाम की संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे। लोकायुक्त यह भी पता लगाएगी कि और कितने लोगों के नाम सौरभ ने संपत्ति बनाई है। इन संपत्तियों का करंट स्टेटस क्या है?
थाने में आरोपियों को रखना लोकायुक्त की मजबूरी सूत्रों के मुताबिक, लोकायुक्त परिसर में हवालात नहीं है। लिहाजा तीनों आरोपियों को नजदीकी थाने में रखना मजबूरी था। थाने के हवालात के बाहर तीनों की सुरक्षा के लिए अलग से इंतजाम किए गए। लोकायुक्त ने लॉकअप के बाहर अपने चार गार्ड तैनात किए थे। पुलिस लाइन के पांच जवान भी थाने में तैनात रहे।
डिनर में दाल चावल और सब्जी रोटी मिली सौरभ, शरद और चेतन को लोकायुक्त कार्यालय में करीब 9:30 बजे सादा खाना खिलाया गया। इसे कार्यालय के किचन में ही तैयार किया गया था। इसमें तुअर दाल, स्टीम राइस, एक सब्जी और चार-चार रोटियां दी गई थीं। तीनों ने थोड़ा-थोड़ा ही खाना खाया था।
सौरभ और शरद ने पीने के लिए आरओ के पानी की मांग की थी। तीनों को खाना परोसने से पहले लोकायुक्त के एक अधिकारी ने स्वयं खाना खाकर चेक किया था। इसी तरह लोकायुक्त कार्यालय में ही तीनों को सुबह नाश्ते में पोहा और चाय दी गई। दोपहर के खाने में भी सब्जी रोटी और दाल चावल दिए गए। लंच कराने के बाद ही शरद को कोर्ट के लिए रवाना किया गया।