भोपाल में आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को लेकर उनके वकील राकेश पाराशर ने सौरभ की हत्या की साजिश की आशंका जताई है। ग्वालियर में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि यूपी के बाहुबली नेता अतीक अहमद की तरह सौरभ की भी पुलिस कस्टडी में हत्या हो सकती है।
इसे लेकर उन्होंने भोपाल कोर्ट में अर्जेंट सुनवाई के लिए एक आवेदन दायर किया है। जिसमें कहा गया है कि लोकायुक्त कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं कर रहा है। मामले में 4 फरवरी को कोर्ट सुनवाई करेगा।
सौरभ शर्मा और शरद का शुक्रवार को आमना-सामना कराया गया।
सौरभ को लोकायुक्त ऑफिस तक खुले में लाया गया वकील राकेश पाराशर ने कोर्ट में लगाए आवेदन में सौरभ शर्मा की सुरक्षा में बड़ी चूक और लापरवाही को बताया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने सौरभ को रिमांड पर देने के साथ लोकायुक्त पुलिस को महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए थे। जिसमें विशेष रूप से सौरभ की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम रखना था, लेकिन कोहेफिजा थाने से लोकायुक्त ऑफिस तक सौरभ को खुले में ले जाया गया। इस दौरान लोकायुक्त के सभी अधिकारी सिविल ड्रेस में मौजूद रहे।
वकील ने कहा कि ऐसे हालातों के बीच जिस तरह पुलिस कस्टडी में अतीक अहमद की हत्या की गई थी, उसी तरह सौरभ की भी हत्या की जा सकती है। इस संभावना को अब नकारा नहीं जा सकता है। यदि इन हालातों के बीच सौरभ की हत्या होती है तो सभी रिस्पॉन्सिबल अधिकारियों के खिलाफ हत्या और उसके षड्यंत्र रचने की धाराओं में मामला दर्ज हो। इस कार्रवाई की मांग कोर्ट में आवेदन लगाकर की गई है।
कोर्ट ने आवेदन को स्वीकार कर लिया है। अब इस मामले की सुनवाई 4 फरवरी को होगी। उम्मीद है कि कोर्ट इस मामले में सुनवाई के बाद लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लगी। कोर्ट ने आवेदन पर लोकायुक्त पुलिस को 4 फरवरी को जवाब पेश करने के आदेश दिए है।
सौरभ शर्मा बोला- सब मुझे ही फंसाने पर तुले हैं इससे पहले शुक्रवार को भोपाल में लोकायुक्त ने करोड़पति पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा का उसके साथी शरद से आमना-सामना कराया। सौरभ ने कहा कि सब मुझे ही फंसाने पर तुले हैं। उसने खुद को बेकसूर बताया। शरद लगातार छापों में मिली करोड़ों रुपए की नकदी, जेवरात और चांदी की सिल्लियों सहित तमाम प्रॉपर्टी को केवल सौरभ की बताता रहा।
लोकायुक्त ने रिमांड के तीसरे दिन शुक्रवार दोपहर में दोनों को बैठाकर पूछताछ की। दोनों ने ही 52 किलो गोल्ड और 11 करोड़ कैश से भरी कार के बारे में जानकारी होने से इनकार कर दिया। सौरभ ने लोकायुक्त अधिकारी को जवाब देते हुए कहा कि कार चेतन की है। उससे ही जानकारी मांगे तो बेहतर होगा। कार से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।
शरद से लोकायुक्त ने पूछे सवाल
लोकायुक्त: अगर तुम केवल एम्पलाई थे तो सौरभ की अविरल कंपनी में डायरेक्टर के पद पर कैसे काम कर रहे थे। कंपनीज की आड़ में सौरभ अवैध कारोबार करता है तो क्यों उसका विरोध नहीं किया। उसके हर गुनाह में बराबरी के हिस्सेदार होते हुए स्वयं को इनोसेंट दिखाने की कोशिश क्यों कर रहे हो? शरद: मैं सिर्फ लालच में था। सौरभ के साथ जिंदगी बेहतर ढंग से चल रही थी। अच्छी सैलरी के अलावा कई सुविधाएं मिल रही थीं। सौरभ अपने कई काम बेहद कॉन्फिडेंशियल रखते थे।
सौरभ ने कहा- मैं एक बार ही दुबई टूर पर गया सौरभ: जो कुछ होता था। आपस में डिसाइड करने के बाद ही करते थे। मेरे हर कारोबार की शरद को पूरी जानकारी है। इसके लाइफ स्टाइल से अंदाजा कीजिए कोई सैलरी बेस्ड एम्प्लाई के शौक ऐसे नहीं हो सकते। मेरी गैर मौजूदगी का फायदा उठाकर सब मुझ पर थोपकर अपने आप को बेगुनाह साबित करने की प्लानिंग कर चुके हैं।
सौरभ: मैं केवल एक ही बार दुबई के टूर पर गया हूं। पत्नी के साथ वीकेंड मनाने के इरादे गया था। 15 दिन का टूर था। छापे की खबर मिलते ही 7वें दिन लौट आया था। मेरा विदेश में कोई कारोबार नहीं है, दुबई में मेरी कोई संपत्ति नहीं है। मेरे पासपोर्ट जब्ती की कार्रवाई भी कर दी गई है।
शरद-सौरभ के नाम इंदौर में चार संपत्ति
शरद के नाम पर इंदौर में चार महंगी संपत्तियां होने की बात भी लोकायुक्त जांच में सामने आई हैं। इन में से दो संपत्तियों को कंपनी के नाम पर खरीदा गया है। हालांकि, सौरभ का कहना है कि चारों संपत्तियां शरद की हैं।