मुखर रहे मोहन…विपक्ष रहा मौन… कौशल किशोर चतुर्वेदी

मुखर रहे मोहन…विपक्ष रहा मौन…

राज्यपाल महोदय के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 13 मार्च 2025 यानि गुरुवार को धन्यवाद ज्ञापन किया गया। मोहन सरकार के कार्यकाल का यह दूसरा बजट सत्र है। मोहन ने राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्षी सदस्यों की आपत्तियों को शामिल करते हुए अपनी बात पूरी मुखरता से रखी तो विपक्ष पर लगातार चुटकियां भी लेते रहे। मानो मोहन पूरे आनंद में थे और विपक्ष उन्हें आनंदित देख मगन था। विधानसभा का पिछला सत्र विपक्ष के विरोध की भेंट चढ़ गया था। और स्थितियां वह बन गईं थीं कि बिना राष्ट्रगान के ही सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा था। पर ठीक इसके विपरीत वर्तमान सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद जताते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुखरता के साथ विपक्ष पर तीखी चुटकियां भी लीं, पर विपक्ष मानो मौन धारण किए सब कुछ मुस्कराहट संग सहन करता रहा। यहां तक कि डॉ. मोहन यादव ने यहां तक कह दिया कि लोकतंत्र देखिए कि बुआजी की जगह भतीजे और पिता की जगह पुत्रों ने सदन में ले ली है। पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मोहन यादव पर हमलावर होने का विचार भी मन में नहीं लाया। आपत्तियों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आपत्तिकर्ता विधायक जयवर्धन की सोच पर सवालिया निशान लगाते रहे, पर विपक्ष सब कुछ शांतभाव से सहन करता रहा। ऐसा नजारा शायद विपक्षी खेमे में पहले कभी नहीं देखा गया था। मुख्यमंत्री ने धन्यवाद भाषण को 2003 वर्सेस 2023 और वर्तमान पर केंद्रित कर विपक्ष यानि कांग्रेस को आइना दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पर नेता प्रतिपक्ष पूरे भाषण में गिने-चुने पलों में ही बोलते दिखे। वाकआउट करने में महारत हासिल कर चुके विपक्ष का यह नया अवतार समझ से परे माना जा सकता है। इसी सदन ने विपक्ष का वह रौद्र रूप भी देखा है जब तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपना भाषण पूरा करना भी संभव नहीं हो पाया था। पर राज्यपाल के अभिभाषण पर इस बार विपक्ष का यह मौन मानो सदन में नए युग का सारथी बनता नजर आ रहा था। सालों से विपक्ष जहां सत्ता पक्ष को मौन करने में हर अस्त्र-शस्त्र का संधान कर खुद को गौरवान्वित महसूस करता नजर आता था, वही विपक्ष आज अनुशासन से शासित दिखाई दिया।
यही वजह है कि विपक्ष मौन में जितना गहरा उतरता गया, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उतने ही ज्यादा मुखर होते रहे। और मोहन की जवाब देने की शैली इस बार उतनी ही ज्यादा निखरी-निखरी नजर आती रही। भगोरिया को राज्य का उत्सव घोषित करने पर मोहन यादव ने आदिवासी नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को धन्यवाद देने को बेबस कर दिया। तो धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए उन्होंने सबसे पहले ही यह कहा था कि लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप अपनी बात रख विपक्ष का मत सुनते और उसका उपयुक्त उत्तर देते हुए मध्यप्रदेश विधानसभा की व्यवस्था संचालित हो रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विधानसभा अध्यक्ष का विधानसभा में नई परम्पराएं और व्यवस्था स्थापित करने के लिए आभार मानते हुए कहा कि बदलते दौर में समय के महत्व को पहचानते हुए व्यवस्थाओं में बदलाव आवश्यक है। और शायद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह आह्वान विपक्ष के मौन धारण का माध्यम बन गया। विपक्ष और सत्ता पक्ष ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव से सुना कि माननीय राज्यपाल महोदय का अभिभाषण नए लक्षण और रणनीतियों को समाहित करते हुए हमारे प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य का रोडमैप है। यह हमारे समय के महान विभूतियों की विचार दृष्टि को समाहित करता है। अभिभाषण में महात्मा गांधी की विश्व दृष्टि, भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की सोच और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकास दृष्टि का समावेश है। वर्ष 2003 से 2023 तक सुशासन, प्रभावी नीतियों और विकासोन्मुखी योजनाओं के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली। वर्ष 1960 में, मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत की 80 प्रतिशत थी। लेकिन, कुशासन, कमजोर नीतियों और अर्थिक कुप्रबंधन के चलते 2003 तक यह घटकर मात्र 60 प्रतिशत रह गई। राज्य की आर्थिक विकास दर वर्ष 2002-03 तक 4.43 प्रतिशत थी जो वर्तमान में 11.05 प्रतिशत हो गई है। राज्य की जीडीपी वर्ष 2002-03 में 71 हजार 594 करोड़ थी जो अब 15 लाख 3 हजार 395 करोड़ हो गई है। इसी प्रकार प्रति व्यक्ति आय तब 11 हजार 718 रुपए वार्षिक थी, जो अब बढ़कर एक लाख 52 हजार 615 रुपए वार्षिक हो गई है। प्रदेश, देश की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले प्रदेशों में से एक है। कृषि क्षेत्र का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 44 प्रतिशत योगदान है।
फिर अपनी सरकार की सभी उपलब्धियां गिनाते हुए और 2003 का आंकड़ा बताकर विपक्ष को आइना दिखाते रहे मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2002-03 में औद्योगिक क्षेत्रों की संख्या मात्र 23 थी जो अब बढ़कर 320 हो गई है। वर्ष 2025 को उद्योग एवं रोजगार वर्ष घोषित किया गया है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से 3 लाख 77 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की मेजबानी से भोपाल भी गौरवान्वित हुआ।
तो मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट और चीता स्टेट बनने के बाद लेपर्ड स्टेट बना है। और यहां तक कि प्रदेश गिद्ध, सियार और भेड़िया की दृष्टि से भी अव्वल है। तब विपक्ष से आवाज आई कि गधों की प्रदेश में क्या स्थिति है, यह भी बता दीजिए। तब विपक्ष का तीर विपक्ष पर ही चला और माहौल हास-परिहास में बदल गया। भोपाल का रातापानी बना 8वाँ और माधव टाइगर रिजर्व 9वां टाइगर रिजर्व बना है। प्रदेश में चीतों की संख्या भी बढ़ी है। मध्यप्रदेश आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और वन्य जीव पर्यटन का त्रिवेणी संगम बन गया है। और अंत में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में विकास का कारवां निरंतर आगे बढ़ता रहेगा। हर हाथ को काम मिले-मेहनतकश को इनाम मिले-किसान को उचित दाम मिले-व्यापारी को सही अंजाम मिले और कलाकार को सम्मान मिले इसी भाव से हमारी सरकार कार्य करती रहेगी।
अब यह मोहन की माया है या सदन में अध्‍यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा दी गई व्‍यवस्‍था कि सदस्य व्यक्तिगत आरोप−प्रत्यारोप से बचें और संसदीय परंपरा के अनुरूप शब्दावली का उपयोग करें। किसी का भी असर हो, पर डॉ. मोहन यादव का मुखर होकर धन्यवाद ज्ञापित करना और विपक्ष का लगभग पूरे समय मौन रहकर सुनना, वाकई सदन में बदलाव का नया युग नजर आता रहा …।

कौशल किशोर चतुर्वेदी

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। दो पुस्तकों “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।

वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश‌ संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *