डॉक्टर नहीं ले रहे कोरोना पॉजिटिव मरीज
अब कई देश अपने यहां ऐसे मरीजों को लेने से ही मना कर दे रहे हैं जिससे मौतों का आंकड़ा और बढ़ रहा है। बेल्जियम जैसे देश से अब ऐसी ही खबरें आ रही हैं। वहां के अस्पतालों में डॉक्टर अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों को लेने से ही मना कर दे रहे हैं जिससे मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। सबसे अधिक परेशानी सीनियर सिटीजनों को उठानी पड़ रही है। डॉक्टर उन्हें अपने यहां एडमिट ही नहीं कर रहे हैं। कई जगहों से ऐसी बातें सामने आ रही हैं कि डॉक्टर इलाज नहीं कर रहे बल्कि वो परिजनों से मरीज के लिए भगवान से दुआ मांगने को कह रहे हैं।
बढ़ा संक्रमण, कम हो गई बेड़ों की संख्या
बेल्जियम में 18 मार्च को लॉकडाउन हुआ था। दर्जनों नर्सिंग-होम में निवासियों की मृत्यु पहले ही हो चुकी है। लॉकडाउन के बाद तो लोगों ने बचाव के लिए काफी कदम उठाए मगर जब वायरस का संक्रमण फैलने लगा तो लोग खुद ही घबरा गए और इनकी संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ने लगी। ऐसे में अस्पताल में बेड़ों की संख्या कम पड़ने लगी और मरीज अधिक हो गए। अब अस्पताल प्रबंधन के सामने ये संकट खड़ा हो गया कि वो किसका इलाज करें और किसको छोड़े।
तब कुछ डॉक्टरों ने सीनियर सिटीजनों को उनके हाल पर छोड़ने का फैसला किया और महिलाओं, बच्चों और अन्य की ओर ध्यान देना शुरू किया। कई बार जब लोग फोन करके अस्पताल में अपने घर से सीनियर सिटीजन का इलाज कराने के लिए ले जाने को कहते थे तो उनको मना किया जाने लगा।
ऐसी बातें सुनकर लोगों की आंखों से आंसू निकल आए। मैगी डी ब्लॉक, बेल्जियम के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने साक्षात्कार के लिए मना कर दिया और लिखित प्रश्नों का जवाब नहीं दिया। साक्षात्कार में अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टरों ने अपनी नीतियों का बचाव किया। उन्होंने कहा कि नर्सिंग-होम के कर्मचारियों ने अस्पताल में बीमार रोगियों की देखभाल की मांग की।