17 साल बाद घूसकांड में हाईकोर्ट की पूर्व जस्टिस निर्मल यादव को क्लीनचिट, CBI कोर्ट ने सभी आरोपियों को किया बरी

चंडीगढ़. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस निर्मल यादव को 15 लाख रुपये के घूसकांड में 17 साल बाद बड़ी राहत मिली है. CBI की स्‍पेशल कोर्ट ने सालों पुराने इस केस में पूर्व जज जस्टिस निर्मल यादव को क्‍लीनचिट दे दी है. इस मामले में तीन अन्‍य आरोपी थे, जिन्‍हें कोर्ट ने आरोपों से बरी कर दिया है. बता दें कि इस हाईप्रोफाइल घूसकांड ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. जजों की नियुक्ति प्रक्रिया पर भी सवाल उठने लगे थे. सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद अब इस मामले का फिलहाल के लिए पटाक्षेप हो गया है.

15 लाख रुपये रिश्वत मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व जस्टिस निर्मल यादव मामले चंडीगढ़ स्थित CBI की स्‍पेशल कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. पूर्व जज जस्टिस निर्मल यादव समेत इस मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है. स्‍पेशल कोर्ट का यह फैसला 17 साल बाद सामने आया है. बता दें कि न्‍यायपालिका में भ्रष्‍टाचार के मामले ने इस कथित कांड के बाद खूब तूल पकड़ा था. स्‍पेशल कोर्ट के फैसले के बाद अब इस मामले का अंत हो गया है.

17 साल बाद आया फैसला
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व जस्टिस निर्मल यादव से जुड़े बहुचर्चित भ्रष्टाचार मामले में 29 मार्च 2025 को चंडीगढ़ स्थित CBI की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. बता दें कि यह मामला साल 2008 का है, जब जस्टिस यादव पर 15 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा था. मामले के अुनसार, 15 लाख रुपये की राशि गलती से एक अन्य जज निर्मल कौर के घर पहुंच गई थी. CBI ने इस मामले की जांच शुरू की और लंबे समय तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद अब 17 साल बाद इस मामले में फैसला आया है. बता दें कि जस्टिस यादव (जो 2011 में उत्तराखंड हाईकोर्ट में स्थानांतरण के बाद सेवानिवृत्त हो गई थीं) पर यह आरोप था कि उन्होंने एक जमीन सौदे में पक्ष लेने के लिए रिश्वत मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उस वक्त उन्हें क्लीनचिट देते हुए ट्रांसफर की सिफारिश की थी, लेकिन CBI ने अपनी जांच जारी रखी थी. इस मामले में कई गवाहों और सबूतों के आधार पर सुनवाई हुई.

तीन अन्‍य आरोपियों को भी राहत
स्‍पेशल कोर्ट ने गवाहों की गवाही पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, इस केस में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व जस्टिस निर्मल यादव, दिल्ली के होटल कारोबारी रविंदर सिंह भसीन, प्रॉपर्टी डीलर राजीव गुप्ता और निर्मल सिंह आरोपी थे. इस केस के एक आरोपी संजीव बंसल की मौत हो चुकी है. सीबीआई कोर्ट में इस मामले की 300 से ज्यादा सुनवाई हो चुकी है और 76 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. हालांकि, मुकदमे के दौरान 10 गवाह अपने बयान से पलट गए.

गलत जज के घर आया था रिश्वत
हाईकोर्ट की जज रही जस्टिस निर्मलजीत कौर के घर गलती से रिश्वत के 15 लाख रुपए पहुंच गए थे. CBI केस के मुताबिक, यह रकम जस्टिस निर्मल यादव के लिए थी. जस्टिस निर्मलजीत कौर के पीअन अमरीक सिंह ने 13 अगस्त 2008 को हुए इस प्रकरण की शिकायत दी थी. संजीव बंसल का मुंशी प्रकाश राम उनके घर प्लास्टिक बैग में यह रकम लेकर पहुंचा था. उसने पीअन को कहा कि दिल्ली से कुछ पेपर्स आए हैं, जो डिलिवर करने हैं. हालांकि, बैग में मोटी रकम थी. केस की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच CBI को सौंपी गई थी.

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