सावधान!:भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं साइबर क्राइम के मामले

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के हिसाब से साल 2019 में साइबर क्राइम के 44,546 मामले दर्ज किये गये हैं. साल 2018 में दर्ज साइबर क्राइम के 28248 मामलों के हिसाब से यह संख्या 63.5 फीसदी अधिक है. आंकड़ों के हिसाब से साल 2017 में साइबर क्राइम की संख्या 21,796 रही थी.नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक साल 2018 की तुलना में देश के शहरी इलाके में साइबर क्राइम के मामले 82 फीसदी बढ़े हैं. साल 2018 में भारत के शहरी इलाके में साइबर क्राइम के 18,732 मामले दर्ज किये गए थे.

 

अधिकतर मामले कर्नाटक से आए:-NCRB की रिपोर्ट की माने तो पिछले साल सबसे ज्यादा साइबर क्राइम के मामले कर्नाटक से दर्ज किए गए हैं। यहां से करीब 12,000 से अधिक केस दर्ज किए गए हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश से करीब 11416 दर्ज किए गए। इसी तरह महाराष्ट्र में करीब 5000 साइबर क्राइम के केस दर्ज हुए। मुंबई में साइबर क्राइम के मामलों में 45 फीसदी की बढ़ोतरी का खुलासा रिपोर्ट में हुआ है। जबकि महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के साथ होने वाले आपराधिक मामले भी 7.3% ,4.4% और 13.6% बढ़े हैं।

 

जानिए सबसे ज्यादा किस तरह के मामले मिले हैं:-रिपोर्ट में जारी आंकड़े बताते हैं कि 2019 में सबसे ज्यादा साइबर क्राइम दर्ज हुए हैं उसमें 60 फीसदी केस फ्रॉड का था। 5 फीसदी केस फिजिकल एब्यूज का रहा। वहीं, 4 फीसदी दुश्मनी में इमेज खराब करने के मकसद से किया गया क्राइम रहा। 3 फीसदी के करीब प्रैंक के रहे। इतना ही नहीं करीब 1200 से ज्यादा मामले ऐसे रहें जो कि पर्सनल खुन्नस की वजह से किए गए थे। गुस्से में किए गए 581 केस दर्ज हैं। टेरर फंडिंग से संबंधित करीब 200 केस सामने आए हैं।

 

एजेंसियों से संपर्क करें:-ऐसे मामलों में आप साइबर अपराधों की जांच और कार्रवाई करने वाली एजेंसियों से संपर्क कर सकते हैं। आप इन दो जगहों पर शिकायत कर सकते हैं – पहला, अपने राज्य की पुलिस की साइबर क्राइम सेल और दूसरा भारत सरकार की वह हाई लेवल एजेंसी, जो साइबर चुनौतियों के मामले देखती है। उसका नाम है – सेंट्रल इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In)। तीसरा, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल, जिसके काम-काज का दायरा पूरा भारत है।

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