कानपुर का बिकरू गांव, जहां जैसे ही सूरज डूबता है, लोग जल्दी-जल्दी अपने घर लौट लगते हैं और घरों के दरवाजे बंद कर लेते हैं. ये दास्तां उत्तर प्रदेश के उस गांव की है जिसने हाल के दिनों में सबसे भायवह खून-खराबा वाला मंजर देखा था. अब पहले की तरह लोग दिन में या शाम को बैठकर बातें नहीं करते हैं. सूरज डूबते ही एक भयानक सन्नाटा बिकरू को घेर लेता है
वैसे तो ये सुनने में बहुत अटपटा सा लगता है कि किसी व्यक्ति का भूत मरने के बाद उसके घर में हो. लेकिन बिकरू गांव के लोगों का कहना है कि विकास दुबे के टूटे हुए घर से उसके अट्टहास करने की आवाज रोज सुनाई देती है. स्थानीय लोग बताते हैं कि विकास दुबे का भूत हर रोज शाम होने के साथ घर में पहुंच जाता है और जोर जोर से अट्टहास करता है. उसके अट्टहास की गर्जना दूर दूर तक सुनाई देती है.
ध्वस्त कर दिया गया था विकास दुबे के बिकरू गांव वाला घर:-आपको बता दें कि जब विकास दुबे ने पुलिस पर हमला किया था और कुछ दिनों तक फरार चल रहा था तो योगी आदित्यनाथ सरकार ने उसके घर को कुर्क करवा दिया था. ये घर विकास दुबे का था और लोगों का कहना है कि उसे इस घर से बहुत लगाव था. यही कारण है कि आज भी भूत बनकर विकास दुबे घर में रहता है और अपने किये पर हंसता है. ये दावा स्थानीय लोगों का है.विकास दुबे के ध्वस्त घर के पास रहने वाले एक परिवार का दावा है कि उन्होंने कई तरह की आवाजें भी सुनी हैं.
एक महिला ने कहा, “एक से ज्यादा मौकों पर, हमने खंडहर में लोगों को किसी बात पर चर्चा करते हुए सुना है, हालांकि आवाज साफ सुनाई नहीं दी. बीच में थोड़ा हंसी-मजाक भी चलने का आभास हुआ. यह काफी हद तक वैसा ही था, जैसा विकास के जिंदा रहने के दौरान घर में होता था.”
विकास दुबे के भूत को देखने का दावा:-गौरतलब है कि स्थानीय लोगों ने दबी जुबान में स्वीकार किया है कि उन्होंने अक्सर विकास दुबे को उसके घर के खंडहर में बैठा देखा है. दो-तीन जुलाई की रात को बिकरू हत्याकांड के बाद विकास दुबे के घर को सरकार ने तोड़ दिया था. एक बुजुर्ग ने दावा किया, “हमने उसे वहां बैठे और मुस्कुराते हुए देखा है.
यह कुछ ऐसा है जैसे वह हमें कुछ बताने की कोशिश कर रहा है. हमें यकीन है कि वह अपनी मौत का बदला लेगा.” आपको बता दे कि मीडिया ऐसी किसी भी बात की पुष्टि नहीं करता लेकिन स्थानीय लोगों का जो कहना है हम उसी आधार पर पूरी घटना आपको बता रहे हैं.
दर्दनाक और अकाल मौत की वजह से नहीं मिली विकास दुबे को शांति:-गैंगस्टर विकास दुबे का 10 जुलाई को उत्तरप्रदेश पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था. उसने जीवन भर पापकर्म किये. इसके बाद उसने जो खूनी खेल खेला उससे उनकी आत्मा भी हिल गयी. भीषण नरसंहार का जिम्मेदार होने के नाते विकास दुबे की अकाल मौत हुई थी. अब उसका भूत यही सब सोचकर परेशान हो रहा है.
स्थानीय पुजारी का कहना है कि ऐसे मामलों में जहां अकाल मृत्यु हुई होती हैं, ऐसी घटनाएं होती हैं उनमें प्राणी की आत्मा भटकती रहती है. विकास दुबे के मामले में अंतिम संस्कार ठीक से नहीं किया गया और मृत्यु के बाद की रस्में भी नहीं की गईं क्योंकि उसका एनकाउंटर हुआ था और परिजन भी उससे खफा थे.