अपने बच्चों को एक बेहतर नागरिक बनाइये और समृद्द भारत के निर्माण में अपना योगदान दें -राजकुमार जैन

अपने बच्चों को एक बेहतर नागरिक बनाइये और समृद्द भारत के निर्माण में अपना योगदान दें

अपने बेटे को एक अच्छा नागरिक, अच्छा पति, अच्छा दामाद बनने की शिक्षा दे और एक अच्छे समाज के निर्माण में अपना योगदान दें ।

अपनी बेटी को वैसी ही बहू बनने की शिक्षा दें जैसी बहू आप स्वयं के लिए चाहते हैं ।

जैसी सास आप अपनी लाडली के लिए चाहती हैं, स्वयं भी वैसी ही सास बनें अपनी बहू के लिए ।

जिन जीवन मूल्यों, पृवर्तीयों और आचरण की कामना आप अपनी बिटिया के लिए उसके विवाह उपरान्त बने घर में होने की करती है वही जीवन मूल्य और आचरण आपको अपने घर भी में अपनाने चाहिए ।

जिस तरह के दामाद की कल्पना आप अपनी बिटिया के लिए चाहते हैं वैसा ही दामाद बनने की शिक्षा अपने बेटे को भी दें ।

यदि आप मानते हैं कि एकल परिवार बेहतर होता है और आप अपनी बिटिया के लिए एकल परिवार चाहते हैं और शादी के बाद आप बिटिया को एकल परिवार बनाने के लिए प्रेरित करते हैं तो अपने बेटे को भी एकल परिवार के लाभ समझाए और उसे भी अपना एकल परिवार बनाने को प्रेरित करें ।

यदि आप चाहते हैं कि आपकी लाडली अपने घर (ससुराल) की हर बात आपको बताए और अपने घर के हर मसले में आपकी सलाह ले और यह बात आपको सही लगती है तो अपनी बहू को भी यही स्वतंत्रता सहर्ष प्रदान कीजिये ।

एक अच्छी पहल के बीज बोना आज हमारे हाथ में है ।

आपकी बिटिया जो शिक्षा और संस्कार आज अपने परिवार से पाएगी उसीका उपयोग वो भविष्य में जब स्वयम सास बनेगी तो अपनी बहू से निर्वाह करने में करेगी |

जब वो स्वयं एक माँ बनेगी तो (माँ जो कि बच्चे की प्रथम शिक्षक होती है ) तो जो शिक्षा और संस्कार उसने अपने जन्मदाता परिवार से पाई थी वही शिक्षा संस्कार वो अपनी संतान को हस्तांतरित करेगी और एक अच्छे समाज का निर्माण करेगी |

आज से ही शुरू करें । बच्चों को उचित शिक्षा प्रदान कर पीढ़ियों से चले आ रहे सास-बहु, ससुर-दामाद के इस अघोषित युद्ध को समाप्त कर एक समृद्ध समाज के निर्माण में आपना योगदान दें ।

राजकुमार जैन

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