ब्राह्मण देवता

ब्राह्मण देवता क्यों कहा जाता है?

श्रीराम मंदिर भूमीपूजन के समय आचार्य आ.गंगाधर पाठक पौराहित्य कर रहे थे. देश के प्रधानमंत्री मोदीजी साक्षात यजमान के रूप में पूजन हेतु विद्यमान थे। आचार्यजी दक्षिणा स्वरूप में जो चाहते उनको वो प्राप्त हो जाता । समक्ष में आ.मोहनजी भागवत , योगी आदित्यनाथजी और अनेक संतश्रेष्ठ उपस्थिति थे। परंतू वेदाचार्य पाठक शास्री ने दक्षिणा में क्या मांगा? वे बोले-
” सबकुछ तो आपने दे ही दिया है.. बचा है मथुरा और काशी.. वो भी पूरा कर दीजिये.. यही मेरी आज की दक्षिणा है !
देश के लिए दक्षिणा में मथुरा और काशी की मुक्ती मांगी।
धन, धान्य, संपदा आदि न मांगते हुए राष्ट्र के गौरव के लिये ये दक्षिणा मांग कर पुनः एक बार सिद्ध कर दिया कि ” राष्ट्राय स्वाहा ,इदं न मम ”
ब्राह्यणों को दक्षिणा के लिए लोभी- लालची कहने वालों के लिए ये एक सबक है।

ऐसे श्रेष्ठ ब्राह्मण देवता को त्रिवार वंदन.
???????

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *