रूस में भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच लद्दाख में तनाव को कम करने को लेकर बातचीत हुई, लेकिन लगता है कि चीन तनाव कम करने की बजाय युद्ध पर पूरी तरह से उतारू है। चीन की तरफ से बयान आया है कि भारत लद्दाख में सीमा गतिरोध के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है और चीन अपने क्षेत्र की एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेगा।
बयान के मुताबिक, वेंग फेंगही ने कहा कि सीमा विवाद के चलते भारत और चीन के संबंध गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं और ऐसे में जरूरी था कि दोनों देशों के रक्षा प्रमुख आमने-सामने बैठकर खुले तौर से बातचीत करें.
चीन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चीन-भारत सीमा पर मौजूदा तनाव के कारण और सच्चाई स्पष्ट है और इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से भारत पर है. बयान में कहा गया है कि चीन अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ सकता है. चीन की सशस्त्र सेना अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में पूरी तरह से प्रतिबद्ध, सक्षम और आश्वस्त है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंचे थे, दोनों पक्षों को उसे ईमानदारी से लागू करना चाहिए. चीन ने कहा कि सीमा विवाद को बातचीत और परामर्श के माध्यम से हल करने पर जोर दिया जाना चाहिए.
भाषा की खबर के मुताबिक, भारत और चीन के मध्य पर सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच शुक्रवार को दो घंटे से अधिक समय तक बैठक हुई. जिसमें पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव को कम करने पर ध्यान केन्द्रित रहा. सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी. पूर्वी लद्दाख में मई में सीमा पर हुए तनाव के बाद से दोनों ओर से यह पहली उच्च स्तरीय आमने सामने की बैठक थी.