भारत और अमेरिका के साथ गहराते तनाव के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि उनका किसी देश के साथ ‘कोल्ड वॉर या हॉट वॉर’ लड़ने का कोई इरादा नहीं है। चीनी राष्ट्रपति ने अमेरिका और उसकी विदेश नीतियों पर निशाना साधते हुए संयुक्त राष्ट्र आम सभा में यह भी कहा कि दुनिया को सभ्यताओं की लड़ाई में नहीं फंसना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि चीन आगे भी विवादों का निपटारा शांतिपूर्वक बातचीत से करता रहेगा।बता दें कि ट्रंप ने कोरोनावायरस महामारी के लिए चीन की जवाबदेही तय करने की मांग की थी.
पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ महीनों से चल रहे तनाव के बीच जिनपिंग ने महासभा के अपने भाषण में कहा कि चीन कभी भी अपने आधिपत्य का विस्तार करने या फिर अपना प्रभाव कहीं और बढ़ाने की कोशिश नहीं करेगा. उन्होंने यह भी काह कि चीन अपने विवादों और मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाना जारी रखेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 4 जुलाई को लद्दाख पहुंचे थे, तो उन्होंने यहां पर कहा था कि विस्तारवाद का युग खत्म हो गया है, जिसे चीन के लिए संदेश के तौर पर देखा गया था. भारत ने चीन की आक्रामकता का जवाब आर्थिक मोर्चे पर कूटनीतिक तरीके से देने का प्रयास किया है, जिसमें देश के कई सेक्टरों से चीनी संस्थाओं और कंपनियों का हस्तक्षेप कम करना है.
इस पर भी चीनी राष्ट्रपति ने अप्रत्यक्ष रूप से टिप्पणी की. शी जिनपिंग ने कहा कि ‘हमारा देश बंद दरवाजों के पीछे अपना विकास नहीं करेगा. बल्कि हम वक्त के साथ घरेलू प्रसार को सबसे ऊपर और फिर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रसार को एक दूसरे को मजबूत बनाने का विकास प्रतिमान बनाना चाहते हैं, इससे चीन के आर्थिक विकास को भी जगह मिलेगी और इससे वैश्वविक अर्थव्यवस्था और विकास भी सुधर पाएगा.’
वायरस को लेकर हो रहे हमलों के जवाब में जिनपिंग ने कहा कि ‘हमें इस वक्त में एक दूसरे के साथ खड़ा होना चाहिए. विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व में विज्ञान का अनुसरण करना चाहिए. और इस मुद्दे पर राजनीति करने की किसी कोशिश को नकारा जाना चाहिए.’
इसी बीच बता दें कि मंगलवार को चीन-भारत सैन्य वार्ता का छठा दौर 14 घंटे चला लेकिन सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि इस दौर की भी बातचीत बेनतीजा रही है. जानकारी है कि इस दौर की बातचीत में पूर्वी लद्दाख में अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित टकराव बिंदुओं के पास तनाव कम करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया. हालांकि दोनों पक्षों ने बातचीत आगे बढ़ाने के लिए फिर से बैठक करने पर सहमति जताई है.