चीन की चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप ने अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी बताया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि अभी तक जिन लोगों को इस वैक्सीन के दोनों टीके लगाए जा चुके हैं उनमें किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा है। कंपनी ने अपने आधिकारिक वीचैट अकाउंट पर कहा कि अभी तक इस वैक्सीन की डोज लगभग 1 लाख लोगों को दी गई है।
चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप के सलाहकार झोउ सोंग के मुताबिक, चीन में आपातकालीन इस्तेमाल के लिए कोरोना की तीन वैक्सीन को मंजूरी दी गई है, जिनमें से दो वैक्सीन तो चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप ने ही विकसित किए हैं। उन्होंने बताया कि वैक्सीन की डोज उन लोगों को दिए जा रहे हैं, जिन्हें उच्च जोखिम वाले जगहों या फिर विदेश भेजा गया था। इसमें स्वास्थ्य कर्मचारी, राजनयिक और अन्य कर्मचारी शामिल हैं।
हाल ही में चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप (सीएनबीजी) और सिनोवैक बायोटेक लिमिटेड ने बताया था कि चार और देशों ने अपने यहां चीन में बने कोरोना वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल को मंजूरी दे दी है। इसमें सर्बिया और पाकिस्तान जैसे देश शामिल हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप के तीसरे चरण के ट्रायल में 10 देशों के करीब 50 हजार लोग शामिल हो सकते हैं। हालांकि संयुक्त अरब अमीरात, पेरू, बहरीन, जॉर्डन, मोरक्को और अर्जेंटीना जैसे देशों में तो इस वैक्सीन के ट्रायल पहले से ही चल रहे हैं।
हाल ही में चीन ने अपनी पहली कोरोना वैक्सीन को दुनिया के सामने पेश किया था, जिसे सिनोवैक बायोटेक और सिनोफॉर्म ने मिलकर तैयार किया है। हालांकि यह वैक्सीन बाजार में कब तक आएगी, इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक यह उपलब्ध हो पाएगी।
वैक्सीन को लेकर पश्चिमी देशों पर निशाना
चीन के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अपनी वैक्सीन को लेकर पश्चिमी देशों पर निशाना भी साधा है। उन्होंने कहा कि हमने फिर से साबित कर दिया है कि कोरोना के खिलाफ हमारी वैक्सीन बहुत प्रभावी है। यह उन पश्चिमी देशों को करारा जवाब है जो हमारी वैक्सीन की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे थे। चीन की यह वैक्सीन दुनियाभर के अग्रणी कोरोना वायरस वैक्सीनों में से एक है।