दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच चीन की एक वाइरस-विज्ञानी (virologist) ने दावा किया है कि कोरोना वायरस मानव निर्मित है और उसे चीन के वुहान में तैयारी किया गया है. कोरोना वायरस का पहला मामला, चीन के वुहान शहर में पिछले साल दिसंबर में सामने आया था. उसके बाद इस जानलेवा वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया. उसके बाद से ही चीन पर ये आरोप लगते रहे हैं कि कोविड-19 वायरस मानव निर्मित है और उसे चीन में ही बनाया गया है. लेकिन चीन लगातार इस बात से इनकार करता रहा है कि उसने कोरोना वायरस बनाया.
अमेरिका लगातार चीन पर ही कोरोना वायरस बनाने का आरोप लगाता रहा है. वहीं यूरोप के कई देश भी इस खतरनाक वायरस की उत्पत्ति के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं. लेकिन अब खुद चीन की ही एक महिला विरोलॉजिस्ट ने कोरोना वायरस को मानव निर्मित बताकर चीन पर फिर से सवाल उठा दिए हैं. बता दें कि लि-मेंग यान (Li-Meng Yan) नाम की ये महिला वायरस विज्ञानी चीन सरकार की धमकी के बाद अमेरिका में आकर रह रही हैं. उन्होंने ही अब कोरोना वायरस के मानव निर्मित होने का दावा किया है.
वीरोलॉजिस्ट लि-मेंग यान ने कहा है कि उनके पास कोरोनावायरस को मानव निर्मित साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं जिसे वह जल्द पेश करेंगी। उन्होंने चीन सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस वायरस को लेकर चीन बहुत कुछ छुपा रहा है और मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि यह एक चीन द्वारा मानव निर्मित वायरस है। मेरे पास इसके सबूत हैं और मैं ये साबित कर दूंगी।
लि-मेंग ने कहा कि कोरोना वुहान के मीट मार्केट से नहीं आया है क्योंकि यह मीट मार्केट एक स्मोक स्क्रीन है, जबकि यह वायरस प्रकृति की देन नहीं है। वहीं जब उनसे पूछा गया कि अगर यह वायरस वुहान के मीट मार्केट से नहीं आया है तो आखिर इसकी उत्पत्ति कैसे हुई। फिर इसका जवाब देते हुए लि मेंग ने कहा कि यह खतरनाक वायरस वुहान के लैब से आया है और यह मानव निर्मित है।
उन्होंने कहा कि इस वायरस का जीनोम अनुक्रम एक मानव फिंगर प्रिंट की तरह है और इसके आधार पर ही वे साबित कर देंगी कि यह एक मानव निर्मित वायरस है। उन्होंने कहा कि किसी भी वायरस में मानव फिंगर प्रिंट की उपस्थिति यह बताने के लिए काफी है कि इसकी उत्पत्ति मानव द्वारा की गई है।
लि-मेंग ने कहा कि भले ही आपके पास जीव विज्ञान का ज्ञान न हो या आप इसे नहीं पढ़ते हैं, लेकिन फिर भी आप इसके आकार से इस वायरस की उत्पत्ति की पहचान कर लेंगे। इस दौरान उन्होंने चीन सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि धमकी के बाद मैं हांगकांग छोड़कर अमेरिका चली गई लेकिन मेरी सारी निजी जानकारी सरकारी डेटाबेस से मिटा दी गई और मेरे साथियों से मेरे बारे में अफवाह फैलाने के लिए कहा गया।
लि-मेंग ने कहा कि सरकार मुझे झूठा साबित करने के लिए तरह -तरह के हथकंडे अपना रही है और हत्या करने तक का आरोप लगा रही है, लेकिन मैं अपने लक्ष्य से पीछे हटने वाली नहीं हूं। लि-मेंग का कहना है कि वह कोरोना वायरस का अध्ययन करने वाली पहले कुछ वैज्ञानिकों में से एक थीं। दिसंबर 2019 के अंत में उनका दावा था कि उन्हें विश्वविद्यालय में उनके पर्यवेक्षक द्वारा एसएआरएस जैसे मामलों के एक विषम समूह को देखने के लिए कहा गया था जो कि चीन में उत्पन्न हुआ है।
उन्होने आगे कहा कि मैं हर चुनौती का सामना करने को तैयार हूं और जल्द ही साबित कर दूंगी कि यह वायरस मानव निर्मित है।