भारतीय फार्मा कंपनी की दवा :इससे कोविड -19 के हल्के लक्षणों का होगा इलाज

हैदराबाद की फार्मा कंपनी डॉ. रेड्‌डीज ने बुधवार को भारतीय बाजार में ‘Redyx’ ब्रांड नेम से रेमडिसिविर लॉन्च की हैइसमें एंटीवायरल ड्रग रेमडेसिविर की डोज है। इससे कोरोना के ऐसे मरीजों का इलाज किया जाएगा जिसमें कोविड-19 के हल्के लक्षण दिख रहे हैं। दवा का एक वॉयल 100 एमजी का होगा। यह दवा बाजार में किस कीमत पर उपलब्ध होगी, कम्पनी ने इस बारे में जानकारी नहीं दी है।

कम्पनी के सीईओ (ब्रांडेट मार्केट) एमवी रमन्ना के मुताबिक, हम ऐसे प्रोडक्ट्स को लगातार तैयार करना जारी रखेंगे जो मरीजों की जरूरत को पूरा करे। Redyx दवा भी हमारे में इसी कमिटमेंट का हिस्सा है, जो देश में कोरोना से लड़ने वाले मरीजों के लिए है।

कोविड-19 की एविगन दवा लॉन्च की थी

हाल ही में डॉ. रेड्‌डीज लैबोरेट्रीज ने कोविड-19 की दवा लॉन्च की थी। इसमें एंटीवायरल ड्रग फेविपिराविर की डोज थी, जिसे एविगन ब्रांड नाम से लॉन्च किया गया था। यह दवा कोरोना के हल्के और मध्यम लक्षणों वाले मरीजों के लिए है। इसकी एक टेबलेट की कीमत 99 रुपए है।

जापान की फ्यूजीफिल्म टोयामा केमिकल ने डॉ रेड्डीज़ को भारत में इस दवा के उत्पादन और बिक्री का विशेषाधिकार दिया है।

सस्ती कोविड-19 दवाएं:-

MSN ग्रुप की दवा फेविलो, कीमत 33 रुपये प्रति टेबलेट है

सन फार्मास्युटिकल्स की दवा फ्लूगार्ड, कीमत 35 रुपये प्रति टेबलेट है.

जेनवर्क्ट फार्मा की दवा फेविवेंट है. कीमत 39 रुपये प्रति टेबलेट है.

ग्लेनमार्क फार्मा की दवा फेबिफ्लू है. कीमत 75 रुपये प्रति टेबलेट है.

सिप्ला की दवा सिप्लेंजा है. कीमत 68 रुपये प्रति टेबलेट है.

हेट्रो लैब की दवा फेविविर है. कीमत 59 रुपये प्रति टेबलेट है.

ब्रिंटन फार्मा की दवा फेविटन है. कीमत 59 रुपये प्रति टेबलेट है.

रेमडेसिविर दवा (Remdesivir) के बारे में जानिए:-
(1) बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मई में जब इस बात का ऐलान हुआ कि कोविड-19 के मरीजों पर एक दवा असरदार साबित हो रही है तो इसे लेकर बड़ी उम्मीदें पैदा हो गई थीं. यह दवा रेमडेसिविर ही थी. शुरुआती जांच में पता चला था कि यह दवा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को जल्दी ठीक कर सकती है. इस दवा ने कोरोना मरीजों के इलाज में अच्छा असर दिखाया और इस कोरोना काल में इस दवा की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कई कंपनियों ने यह दवा तैयार की.

क्रूड ऑयल में 7% की बड़ी गिरावट, दाम $40/ बैरल के नीचे, भारत में सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल

(2) अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित अमेरिकी कंपनी गिलिएड ने यह दवा इबोला बीमारी के लिए बनाई थी. कोरोना के इलाज में रेमडेसिविर के प्रभाव को लेकर दुनिया के कई देशों में क्लीनिकल ट्रायल हुए थे, जिनमें पाया गया कि इस दवा के इस्तेमाल से मरीजों के ठीक होने का समय 15 दिन से घटकर 11 दिन से भी कम हो जाता है. यह दवा वायरस के जीनोम पर असर करती है, जिससे उसके बढ़ने की क्षमता पर असर पड़ता है.

(3) अमेरिकी संस्था नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शस डिजीजेस (NIAID) ने इस दवा का जब क्लीनिकल ट्रायल किया था, तो उत्साहजनक परिणाम सामने आए थे. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, चीन और दक्षिण कोरिया समेत दुनिया के कई देशों के अस्पतालों में 1,063 लोगों पर यह परीक्षण किया गया था. जिन मरीजों को रेमडेसिविर दी गई, उनमें मृत्यु दर आठ फीसदी पाई गई, जबकि जिनका इलाज प्लेसिबो से किया गया उनमें मृत्यु दर 11.6 फीसदी थी.

(4) कुछ मरीजों रोगियों को रेमडेसिविर दिया गया, जबकि कुछ का प्लैसीबो या वैकल्पिक इलाज किया गया. NIAID के प्रमुख एंथनी फाउची ने तब कहा था, “रेमडेसिविर से स्पष्ट देखा गया कि इससे मरीजों में रिकवरी टाइम कम हुआ है. यानी मरीज जल्दी ठीक हो सकते हैं. नतीजों से सिद्ध हुआ कि दवा इस वायरस से लड़ने में कारगर है. इससे मरीजों के इलाज की संभावना का द्वार खुल गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *