परिवहन विभाग के कॉन्स्टेबल रहे सौरभ शर्मा के काले कारनामों का खुलासा उसके सबसे करीबी शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर ने लोकायुक्त पूछताछ के चौथे दिन शनिवार को किया। शरद ने जानकारी दी कि सौरभ के सहयोग से उसके साले रोहित तिवारी ने जबलपुर में बाल सागर तालाब की जमीन पर कॉलोनी काटी है। इस कॉलोनी का नाम न्यू शास्त्री नगर है। ये खसरा नंबर 662 पर है।
लोकायुक्त की टीम सौरभ, शरद और चेतन को गिरफ्तार कर अलग-अलग पूछताछ कर रही है।
50 एकड़ से ज्यादा जगह में बनी इस कॉलोनी में 193 आलीशान बंगले तैयार किए जा चुके हैं। नगर निगम इस कॉलोनी को अवैध घोषित कर चुका है। 2023 में प्रशासन और नगर निगम का अमला इस कॉलोनी के मकानों को तोड़ने पहुंचा था। तब रोहित ने अपनी हाई प्रोफाइल अप्रोच का इस्तेमाल कर अमले को लौटा दिया था। बता दें कि शरद और चेतन से शनिवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक पूछताछ की गई।
चेतन बोला- गोल्डन कार का सिर्फ रजिस्ट्रेशन मेरे नाम लोकायुक्त कार्यालय में लगातार चौथे दिन चेतन से भी पूछताछ की गई। हालांकि, छुट्टी होने के कारण कार्यालय में केवल केस के इन्वेस्टिगेटर डीएसपी वीरेंद्र सिंह सहित उनकी टीम मौजूद रही। 6 जवान बाहरी सुरक्षा में तैनात रहे।
साढ़े तीन घंटे की पूछताछ में चेतन और शरद को एक ही कमरे में रखा गया था। चेतन से मुख्य तौर पर मेंडोरी के जंगल में मिली सोने से लदी कार के संबंध में पूछताछ की गई। चेतन ने बताया कि इनोवा कार का रजिस्ट्रेशन मेरे नाम था। इसे सौरभ खुद यूज करता था। इस कार को चलाने के लिए उसका एक प्राइवेट ड्राइवर था।
कार में सोना मिलने के बाद से ही ड्राइवर अंडरग्राउंड है। चेतन के बताए नाम और पते के आधार पर लोकायुक्त इस इनोवा को चलाने वाले ड्राइवर से पूछताछ करेगी।
चेतन बोला- कार का इस्तेमाल सौरभ करता था चेतन ने कहा, ‘यदि कार में भरे जाने वाले पेट्रोल की बिलिंग और उसके इंश्योरेंस रिन्यूवल का पेमेंट मोड चेक किया जाए तो साफ हो जाएगा कि कार का इस्तेमाल मैं नहीं सौरभ करता था।’ चेतन ने बताया कि वह सौरभ का बेहद साधारण एम्पलॉई है। जिस कार में गोल्ड मिला है, उसे 20 जनवरी 2020 को श्री तुलजा भवानी ऑटो, नवगांव ग्वालियर से खरीदा गया था।
कार खरीदने के लिए उसके दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। कार खरीदते समय सौरभ साथ था। उसने ही चेक के माध्यम से कार का डाउन पेमेंट किया था।
इस कार को टोयोटा फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड से फाइनेंस कराया गया था। इसकी ईएमआई चेतन के अकाउंट से कटती थी लेकिन ईएमआई की डेट से पहले उसके अकाउंट में किश्त की रकम किस अकाउंट से आती थी, यह भी चेक किया जाए तो सारी बातें साफ हो जाएंगी।
रिमांड के दौरान इन बिंदुओं पर हो रही पूछताछ
पढ़िए, सौरभ पर दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट
मैं उप पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र सिंह विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय में पदस्थ हूं। सौरभ शर्मा सेवानिवृत्त आरक्षक म.प्र. परिवहन विभाग भोपाल के विरुद्ध लोकायुक्त संगठन भोपाल में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत पर गोपनीय सत्यापन उपरांत सर्च कार्रवाई के दौरान 2,85,0000/- रुपए नगद, 50,0000/- से ज्यादा के आभूषण, 2,10,0000/- से ज्यादा की चांदी एवं कई करोड़ रुपए के वाहन और विलासितापूर्ण जीवन में उपयोग में आनेवाला सामान बरामद हुआ है।
अतिरिक्त मात्रा में अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी प्राप्त हुए हैं। जो 195/2024 धारा 13 (1) बी सहपठित 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की श्रेणी में आने पर सौरभ शर्मा, पत्नी दिव्या शर्मा, मां उमा शर्मा, सहयोगी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल पर अपराध पंजीबद्ध किया।
करीबी रिश्तेदारों से भी होगी पूछताछ
सौरभ शर्मा की रिमांड खत्म होने के बाद लोकायुक्त उसके करीबी रिश्तेदारों से पूछताछ करेगी। इसमें उसकी मां, पत्नी, मौसेरे जीजा, जबलपुर में रहने वाले साले सहित करीब 18 लोग शामिल हैं। इन सभी लोगों का अचल संपत्तियों से कनेक्शन जुड़ रहा है।