इंदौर में मेट्रो की अंडर ग्राउंड लाइन बिछाने को लेकर अब नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ही आपत्ति दर्ज करा दी है। विजयवर्गीय ने बुधवार को एमजी रोड पर मेट्रो के रूट का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद विजयवर्गीय ने कहा कि एमजी रोड पर हम मेट्रो अंडर ग्राउंड नहीं चाहते हैं। मेट्रो शहर के लिए बोझ नहीं बने नागरिकों के लिए उपयोगी बने।
उन्होंने कहा कि यदि मेट्रो लाइन अंडर ग्राउंड डाली जाएगी तो एमजी रोड खराब हो जाएगी। हम एमजी रोड से मेट्रो के अंडर ग्राउंड जाने से मुक्ति चाहते हैं। इसमें तीन से चार विकल्प थे, दो से तीन विकल्प हमने और दिए हैं। जिस पर मेट्रो की टीम और हमारे एक्सपर्ट बैठक कर देखेंगे। हम एक हफ्ते बाद फिर बैठेंगे और शहर के लिए अच्छा सोल्यूशन निकालेंगे।
विजयवर्गीय ने आगे यह भी कहा कि इसके पहले जब मेट्रो को लेकर अधिकारियों ने बैठक ली थी तो जनप्रतिनिधियों को गलत जानकारी दी गई थी, लेकिन अब ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया जाएगा जो शहर हित में ना हो। इसलिए अधिकारियों से वैकल्पिक रूट को लेकर भी चर्चा हुई है और जल्द ही उनके साथ दोबारा बैठक होगी। उन्होंने अफसरों को नए सिरे से निर्माण लागत का आकलन करने को कहा है।
हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से मेट्रो रुट और स्टेशनों का नोटिफिकेशन हो चुका है। इस कारण संभावना कम ही है कि मेट्रो के रुट में बदलाव हो सके। मेट्रो रेल कार्पोरेशन पहले ही अंडर ग्राउंड रुट के लिए निर्माण कंपनी तय कर चुका है और दो माह बाद एयरपोर्ट वाले हिस्से से काम भी शुरू हो जाएगा।
डबल डेकर ब्रिज बनाना होगा
यदि मेट्रो पलासिया चौराहा से अंडर ग्राउंड करने पर सहमति नहीं बनती है तो फिर पलासिया चौराहे पर डबल डेकर ब्रिज ही बनाना होगा। प्रदेश सरकार ने बीआरटीएस हटाने के निर्देश दिए हैं। उसके बाद सभी प्रमुख चौराहों पर ब्रिज बनाए जाएंगे।
यदि मेट्रो का ट्रैक पलासिया चौराहा से क्रास होगा तो फिर ट्रैक के बीस फीट ऊपर से ब्रिज बन पाएगा। इसके चलते ब्रिज की लंबाई भी एक किलोमीटर से ज्यादा रहेगी। पांच माह पहले इंदौर में हुई बैठक में मंत्री विजयवर्गीय के निर्देश पर ही मेट्रो के दो वैकल्पिक रुटों का अध्ययन अफसरों ने किया। नोटिफिकेश होने के बाद बदलने की गुंजाइश नहीं रही।
अधिकतर जनप्रतिनिधि पलासिया के पहले से अंडर ग्राउंड चाहते हैं मेट्रो
इंदौर के मध्य हिस्से में मेट्रो के रुट का काम अभी तक शुरू नहीं हो पा रहा है। यहां मेट्रो का अंडर ग्राउंड काम होना है और नाथ मंदिर से इसे अंडर ग्राउंड करना तय हुआ है, लेकिन शहर के ज्यादातर जनप्रतिनिधि चाहते हैं कि पलासिया चौराहा के पहले से मेट्रो अंडर ग्राउंड हो, ताकि पलासिया चौराहे पर ब्रिज बनाने में भी परेशानी न आए।
घाटा लेकर मेट्रो नहीं चलाएंगे
मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो के कामर्शियल रन को लेकर भी मंत्री विजयवर्गीय ने स्पष्ट कह दिया है कि घाटा लेकर हम मेट्रो नहीं चलाएंगे। विधिवत प्लानिंग के साथ उसे शुरू किया जाएगा। हम किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमपीएमआरसीएल) इन दिनों शहर के गांधी नगर स्टेशन से सुपर कॉरिडोर के स्टेशन क्रमांक-तीन के बीच 5.90 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो रेल चलाने की तैयारी कर रहा है। यह गलियारा शहर की नई बसाहट में स्थित है।