गुरु का तारा हुआ अस्त,आगे शुक्र का भी होगा अस्त इसके चलते
इस वर्ष मात्र 28 शुद्ध विवाह के मुहूर्त,,,,,आचा र्य पण्डित रामचन्द्र शर्मा वैदिक, शोध निदेशक भारद्वाज ज्योतिष व आध्यात्मिक शोध संस्थान,इंदौर,,9755014181, मलमास समाप्त हुआ, सूर्यभी उत्तरायण हो गए।सामान्यतः मलमास के समाप्त होते ही विवाह आदि मङ्गल कार्यों का सिलसिला शुरू हो जाता है,किन्तु इस वर्ष ऐसा नही हुआ।विवाह योग्य युवक युवतियां इंतजार करते रह गए।बाउजूद इसके नए साल में विवाह के मात्र 28 शुद्ध मुहूर्त ही पञ्चाङ्ग कारों ने निर्धारित किये है।
मकर संक्रांति के बाद मङ्गल कार्य नही हो सकेंगे। आचार्य पण्डित शर्मा वैदिक ने बताया कि शुद्ध विवाह के मुहूर्त निर्धारण में गुरु शुक्रास्त के साथ ही विविध समयशुद्धि का ध्यान रखना पड़ता है जिसके बाद ही मुहूर्तों का निर्धारण पञ्चाङ्ग कर्ता करते है
इस वर्ष सूर्य उत्तरायण होने के बावजूद लम्बी अवधि तक शुक्र व गुरु के तारा अस्त होने से विवाह आदि मङ्गल कार्य नही हो सकेंगे। संक्रांति के बाद 100 दिनों तक शुभ कार्य नही हो सकेंगे आगे पञ्चाङ्ग कर्त्ताओं ने 25 अप्रैल से शुद्ध विवाह के मुहूर्त अपने अपनेपंचांगों में निर्धारित किये है।आचार्य शर्मा ने बताया कि 17 जनवरी 2021 रविवार से गुरु का तारा अस्त हुआ जो 13 फरवरी 2021 को उदित होगा।इसके बाद 14 फरवरी 21 से शुक्र का तारा अस्त होगा जो 18 अप्रैल 2021 को उदित होगा।सामान्यतः गुरु व शुक्र के तारा अस्त होने की स्तिथि में महत्वपूर्ण शुभ कार्य वर्जित होते है जैसे विवाह, देवी देवताओं की मूर्ती प्रतिष्ठा ,गृह प्रवेश,गृहारम्भ आदि। विवाह में गुरु व शुक्र का विशेष महत्व है ,इनके अस्त होने से फल प्राप्ति की इच्छा से किये कार्य वर्जित होते है। शुक्र के अस्त होने से इसका प्रभाव क्षीण हो जाता है ।यह काम जीवन का कारक माना जाता है वहीँ देवराज गुरु धर्म व शुभ कार्यों का प्रमुख कारक माना जाता है साथ ही गुरु के बलाबल का कन्या हेतु होना आवश्यक है। गुरु व शुक्र की भूमिका को ज्योतिर्ग्रन्थों ने विवाह आदि मङ्गल कार्यों हेतु महत्वपूर्ण माना है।इनके अस्त होने से नीरसता * की स्तिथि रहती है अतः जब जब गुरु व शुक्र का तारा अस्त होता है विवाह आदि शुभ कार्य नही किये जाते है। 24अप्रैल तक *शुभ कार्य नही हो सकेंगे अतः विवाह योग्य युवक युवतियों को 100 दिनों तक धैर्य रखना होगा। आचार्य पण्डित रामचन्द्र शर्मा वैदिक ने बताया कि नए वर्ष 2021 में विवाह के मात्र 28 ही शुद्ध मुहूर्त पञ्चाङ्ग कारों ने निर्धारित किये है,, ।अप्रैल 2021 में,,,25 ,26 ,27,30 कुल चार मुहूर्त,,,मई 2021 में,,2,7,8,22,23,24,26,30 कुल 8 मुहूर्त,,जून 2021 में5,19,20,24,30 कुल 5 मुहूर्त, जुलाई 2021 में 1 व 7 कुल 2 मुहूर्त,,, नवम्बर 2021में 20,21,28,29,30 कुल 5 मुहूर्त व दिसम्बर 2021 में 1, 7,11 व 13 कुल 4 मुहूर्त,,इस प्रकार बाकी बचे 2021 में निर्णय सागर पञ्चाङ्ग के अनुसार शुद्ध विवाह के मात्र 28 ही मुहूर्त है जो विगत एक दशक में सबसे कम मुहूर्त है ,,इसका प्रमुख कारण गुरु शुक्र का तारा अस्त होना व विविध समयशुद्धि विवेचना ही है। विविध समय शुद्धि विवेचना में धनु व मीन की संक्रांति अर्थात मलमास, देव शयनकाल,महालय श्राद्ध पक्ष व होलाष्टक आदि प्राकृतिक आपदा काल.।आचार्य पण्डित रामचंद्र शर्मा वैदिक, अध्यक्ष, मध्यप्रदेश ज्योतिष व विद्वत परिषद।