जमीन की माल्कियत के नियमो से बढ़ रहा भूमि क्राइम और अधिकारी दे रहे हवा

कृषि भूमि के लिए सिर्फ जमीन की रजिस्ट्री कराने से आप मालिक नहीं होते आपको नामंतरन कराना आवश्यक होता है जोकि रजिस्ट्री के साथ ना होकर रजिस्ट्री के बाद की प्रक्रिया है जिसमें काफी समय लगता है इस बीच यदि बेचवाल मर जाता है तो उसके बच्चे नामांतरण की प्रक्रिया पर रोक लगा देते हैं और आप जमीन मालिक बनने से वंचित हो जाते हैं।

जमीन की रजिस्ट्री के लिए भारी-भरकम रकम सरकार लेती है तो नामंत्रण हाथों हाथ क्यों नहीं करती।
जब नामांतरण नहीं होता है तो पटवारी, तहसीलदार, पुलिस और गुंडा तत्व इन सभी बातों में इंवॉल्व हो जाते हैं और आपको अच्छी खासी रकम देना पड़ती है या आप लटके रहते हो।

हमारे यहां नामांतरण और डायवर्सन दो ऐसी प्रक्रिया है जो बिना रिश्वत के असंभव है।

रेवेन्यू विभाग भ्रष्टाचार का महाकुंभ बनता जा रहा है।

कोई भी व्यक्ति फार्म हाउस या कृषि भूमि खरीदते है तो कृपया नामांतरण कराकर भू अधिकार पुस्तिका तुरंत प्राप्त करने की कोशिश रखें वरना आप बाद में काफी मोटी रिश्वत देंगे या आपकी भूमि विवाद में फंस जाएगी।

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