गिरीश चंद्र मुर्मू को कैग की जिम्मेदारी मिल सकती है
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गिरीश चंद्र मुर्मू का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। मुर्मू केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल थे। उन्होंने बुधवार को इस्तीफा दे दिया था। 1985 बैच के आईएएस ऑफिसर मुर्मू गुजरात कैडर के अफसर हैं। सूत्रों के मुताबिक, मुर्मू को कॉम्पट्रॉलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (कैग) बनाकर दिल्ली भेजा जा रहा है। फिलहाल राजीव महर्षि कैग हैं और वे इसी हफ्ते रिटायर हो रहे हैं।
र्मू के अचानक इस्तीफे पर उमर अब्दुल्ला ने सवाल उठाए
5 अगस्त यानी एक दिन पहले जब कश्मीर में धारा 370 हटने का एक साल पूरा हुआ, ठीक उसी दिन सोशल मीडिया और वॉट्सऐप ग्रुप्स पर अचानक मुर्मू के इस्तीफे की खबर वायरल हुई। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि लेफ्टिनेंट गवर्नर से जुड़ी चर्चा अचानक कैसे शुरू हो गई?
कौन हैं मनोज सिन्हा?
मनोज सिन्हा पूर्व में गाजीपुर से सांसद रहे हैं और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के बड़े चेहरे हैं. हालांकि, 2019 का लोकसभा चुनाव वो हार गए थे, जिसे एक बड़ा झटका माना गया था. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मनोज सिन्हा मंत्री रह चुके हैं और उनके पास रेलवे के राज्यमंत्री और संचार राज्यमंत्री का कार्यभार था.
उत्तर प्रदेश के 2017 के विधानसभा चुनाव में जब भारतीय जनता पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिली थी, तब मनोज सिन्हा ही मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे थे. वो दिल्ली से वाराणसी पूजा करने पहुंच गए थे और उम्मीद में थे कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
लेकिन पार्टी की ओर से योगी आदित्यनाथ को आगे किया गया. मनोज सिन्हा की गिनती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद नेताओं में होती है. ऐसे में अब एक बार फिर केंद्र सरकार की ओर से मनोज सिन्हा को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है.