- प्रदेश में इनकी संख्या 174, स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त ने सभी जिलों के सीएमएचओ को चेतावनी पत्र जारी किए
शहर के 14 अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं। प्रदेश में ऐसे अस्पतालों की संख्या 174 है। इनमें सबसे अधिक 59 ग्वालियर जिले के हैं। कुछ बंद हो चुके हैं, लेकिन विभाग के पास इनकी जानकारी नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त ने सभी जिलों के सीएमएचओ को अस्पतालों की सूची के साथ चेतावनी पत्र जारी किया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यदि जल्द इन अस्पतालों का पंजीयन नहीं हुआ, तो सीएमएचओ जिम्मेदार माने जाएंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इंदौर के मामले में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दो अस्पतालों के नाम में संशोधन हुआ था, इसलिए पुराने नामों से रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया गया।
इंदौर में ही 400 रीन्युअल आवेदन लंबित
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कई अस्पतालों का पंजीयन सिर्फ इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि आवेदन के बाद परीक्षण में दस्तावेज पूरे नहीं होते। विभिन्न विभागों की एनओसी, डॉक्टर्स डिग्री सहित कई बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज करवाई जाती है और अस्पतालों को दोबारा दस्तावेज जमा करवाने के लिए कहा जाता है।
इनके निपटारे में समय लगता है। हाल ही में हुई संभागीय बैठक में यह भी सामने आया कि इंदौर में ही करीब 400 रीन्युअल आवेदन लंबित हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए हर साल 28 फरवरी तक आवेदन जमा किए जाते हैं। इस बार विभाग ने समय सीमा बढ़ाकर 28 मार्च कर दी थी, फिर भी 174 अस्पताल समय पर पंजीयन नहीं करवा सके।
बिना रजिस्ट्रेशन वाले इंदौर के अस्पताल
{जगतगुरु दत्तात्रेय हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, सिंहासा {अमोल हॉस्पिटल, वायएन रोड {श्री हरी हॉस्पिटल, अंबिकापुरी कॉलोनी {दिव्यज्योति हेल्थ केयर सेंटर, कैलोद {सौरभ हॉस्पिटल, खजूरी बाजार {एलएनसीटी आयुर्वेद हॉस्पिटल, कनाड़िया {शेख हबीब हॉस्पिटल, कोहिनूर कॉलोनी {ममता हॉस्पिटल,राऊ {द्वारकाधीश हॉस्पिटल, कछालिया {श्री चौबीस अवतार हॉस्पिटल, बेटमा रोड {श्री गुरुकृपा हॉस्पिटल, शिक्षक नगर {यशलोक हॉस्पिटल, सुदामा नगर
दो अस्पतालों को जारी किए नोटिस
नर्सिंग होम एक्ट शाखा प्रभारी शिवेंद्र अवस्थी का कहना है कि जिन 14 अस्पतालों की सूची मिली है, उन्होंने नवीनीकरण के लिए आवेदन ही नहीं किया है। इनमें से कुछ अस्पताल बंद हो चुके हैं। दो अस्पतालों को नोटिस जारी कर दिया गया है।