दमोह के मिशन अस्पताल में 7 हार्ट मरीजों की मौत के मामले में जांच तेज हो गई है। एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि आरोपी डॉक्टर नरेंद्र यादव उर्फ एनजॉन केम का पॉलीग्राफी टेस्ट कराया जाएगा। इसके लिए पीएचक्यू को पत्र लिखा है।
एसपी ने मामले की जांच के लिए पांच अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। उन्होंने कहा कि पोलीग्राफ टेस्ट कोर्ट में सबूत नहीं माना जाता, लेकिन यह जांच को सही दिशा देने में मदद करेगा।
पुलिस को प्रयागराज में आरोपी के घर से नकली दस्तावेज बनाने का सामान मिला है। कई आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं।
कानपुर में आरोपी के परिवार से पूछताछ
कानपुर में आरोपी के परिवार से पूछताछ में पता चला कि वह 1998 तक वहीं रहा। एमबीबीएस की पढ़ाई के बाद वह वहां से चला गया। स्कूल के रिकॉर्ड में उसका नाम नरेंद्र यादव और पिता का नाम गया बहादुर यादव दर्ज है। उसने निजी नौकरी करके अपनी पढ़ाई का खर्च उठाया था।
2013 में नोएडा में केस दर्ज हुआ था
जांच में एक और अहम जानकारी सामने आई है। 2013 में नोएडा के कैलाश अस्पताल में भी आरोपी के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों का केस दर्ज हुआ था। इसके बाद वह वहां से फरार हो गया। संभवतः इसी कारण उसने अपना नाम बदला। नोएडा पुलिस सोमवार तक संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करा देगी।
आरोपी ने जबलपुर और बिलासपुर में काम किया
सीएमएचओ से भी बात की गई है। एफआईआर में शामिल दो अन्य लोगों में किसके नाम जोड़े जाएंगे इसकी जानकारी सीएमएचओ बताएंगे अभी तक यह पता चला है कि आरोपी ने नरसिंहपुर, जबलपुर और बिलासपुर में काम किया है। लेकिन वहां पर इसका कोई भी विवादित रिकॉर्ड नहीं मिला है।