मध्य प्रदेश के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं. गुरुवार को शिवपुरी जिले में पहुंचे मंत्री पटेल ने अधिकारियों पर गुस्सा जाहिर करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की. माता मंदिर पर पूजा-अर्चना के बाद कार्यों की जानकारी लेने के दौरान वह अधिकारियों से नाराज हो गए और कार में बैठते वक्त गुस्से में बोले, “तुम पूरे समय नौटंकी करने वाले हो.”
दरअसल, जिले की पोहरी तहसील के देवपुरा गांव में क्वारी नदी के पास आयोजित ‘जल गंगा संवर्धन’ अभियान के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल पहुंचे हुए थे. इस दौरान मंत्री किसी बात पर अधिकारियों के ऊपर नाराज हो गए. अब इस पूरे वाकए का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
अहंकार और दम्भ से भरे प्रहलाद सिंह पटेल जनता को नौटंकीबाज बुला रहे हैं!
जनता ने सत्ता क्या दे दी…कभी भिखारी, कभी साले, कभी नौटंकीबाज जैसे शब्दों से जनता को अपमानित कर रहे हैं!
• हर बार जनता का अपमान कर माफी नहीं मांगने वाले पटेल को जनता ही सबक सिखाएगी! pic.twitter.com/MjQ8uxAQlb
— MP Congress (@INCMP) April 11, 2025
एमपी सरकार के कैबिनेट मंत्री पटेल के दौरे के दिन शिवपुरी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे, और जिला प्रशासन का पूरा अमला उनकी सेवा में व्यस्त था. इस वजह से जल गंगा संवर्धन अभियान के कार्यक्रम में व्यवस्थाओं को लेकर मंत्री पटेल की नाराजगी सामने आई.
पटेल की नाराजगी का मुख्य कारण यह भी था कि गर्मियों में पौधरोपण की योजना बनाई गई थी, जिस पर उन्होंने सवाल उठाया. मंत्री का कहना हैकि गर्मियों में पौधरोपण कौन करता है? हम 20 जून के बाद पौधरोपण करेंगे.”
इस बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इसे जनता के अपमान से जोड़ते हुए मंत्री पर तीखा हमला बोला. कांग्रेस ने कहा कि सत्ता के नशे में चूर प्रहलाद पटेल लगातार जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं. पार्टी ने आरोप लगाया कि मंत्री पहले ‘भिखारी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर जनता का अपमान कर चुके हैं. कांग्रेस ने चेतावनी दी, “हर बार जनता का अपमान कर माफी नहीं मांगने वाले पटेल को जनता ही सबक सिखाएगी.”
प्रहलाद पटेल इससे पहले भी अपने बयानों को लेकर विवादों में रह चुके हैं. मार्च 2025 में राजगढ़ जिले के सुठालिया में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने जनता की मांगों को ‘भीख मांगने’ की आदत करार दिया था. उस समय कांग्रेस ने इसे जनता का अपमान बताते हुए प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किए थे और उनके इस्तीफे की मांग की थी.