दमोह के बांसा तारखेड़ा में सोमवार सुबह होमगार्ड के जवान की घर में घुसकर तलवार मारकर हत्या कर दी गई। हमलावरों ने गले पर 40 से ज्यादा वार किए। बेटे और भतीजे पर 15 राउंड गोलियां बरसाईं। आरोपी और मृतक एक ही परिवार के हैं।
आरोपियों ने एक महीने पहले मृतक और उनके परिजनों को मर्डर की धमकी दी थी। कहा था, ’15 दिन में वे सभी को जान से खत्म कर देंगे। मुख्य आरोपी राजा ने होमगार्ड जवान से कहा था कि 15 दिन में सिर काटूंगा। सोमवार सुबह वे आए। पहले दो बच्चों को गोली मारी, फिर भाई की तलवार से गर्दन काट दी।’यह बात मृतक नगर सैनिक रमेश विश्वकर्मा के छोटे भाई हरि विश्वकर्मा ने बोले- तीनों आरोपी एक ही बाइक से आए थे। वे तीन हाईटेक पिस्टल से लैस थे। हत्याकांड के बाद क्षेत्र में दहशत है। पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ केस तो दर्ज कर लिया है, लेकिन सभी गिरफ्त से दूर हैं। परिवार ने और भी लोगों के शामिल होने का आरोप लगाया है। वहीं, पुलिस कह रही है कि जांच चल रही है, जैसे ही सबूत मिलते जाएंगे, आरोपियों के नाम बढ़ते जाएंगे।
तीन आरोपियों ने होमगार्ड जवान पर उनके चाचा के घर तलवारों से हमला किया। दमोह से कोचिंग पढ़कर लौट रहे बेटे-भतीजे पर सरेराह फायरिंग की।
वारदात के पीछे की वजह जानने क्षेत्र में घूमी, परिजन और पुलिस से भी बात की…
वारदात सोमवार सुबह करीब 8 बजे हुई। उमेश पिता रमेश विश्वकर्मा (23) और विक्की पिता हरिशंकर (24) दोनों चचेरे भाई दमोह से ट्यूशन पढ़कर बाइक से लौट रहे थे। दोनों कॉलेज छात्र थे। जैसे ही, दमोह-सागर स्टेट हाईवे से उतरकर गांव के लिए घात लगाए बैठे आरोपी राजा, गोलू और सजल ने पिस्टल से फायर कर दिया। गोली दोनों को लगी। वे बाइक से नीचे गिर गए। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
आरोपी यहां फायर करने के बाद सीधे होमगार्ड जवान रमेश विश्वकर्मा (50) के घर पहुंचे। यहां कई राउंड फायर किए, लेकिन रमेश नहीं मिला, क्योंकि आरोपियों के घर पहुंचने पहले वह रिलेटिव राजेंद्र विश्वकर्मा का बेटा मनू उनके घर पहुंचा था। उसने आरोपियों से राजीनामा करवाने की बात कहकर बाइक से घर ले आया था।
इसके बाद अचानक से आरोपी राजेंद्र के घर पहुंचे। यहां उन्होंने पहले होम गार्ड सैनिक रमेश की तलवार से गर्दन काट दी। इसके बाद पिस्टल से चार से पांच फायर किए। वारदात के बाद तीनों फरार हो गए।
एक ही परिवार के तीन सदस्यों की हत्या के बाद घर में मातम है। परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है।
कार के पहिए से बछड़े का पैर तोड़ने से उपजा विवाद
मृतक होमगार्ड सैनिक रमेश विश्वकर्मा के भाई हरि विश्वकर्मा ने बताया- ‘एक महीने पहले आरोपी राजा विश्वकर्मा दमोह के रॉकी सुरेखा की कार लेकर गांव आया था। उस समय रॉकी सुरेखा भी उसके साथ आए थे। राजा ने कार मेरे बछड़े पर चढ़ा दी, जिससे उसके एक पैर में फ्रैक्चर हो गया था। गुस्से में हमने राजा को पांच-छह चांटे मार दिए। हकीकत में वह इतना बड़ा विवाद नहीं था कि उन्होंने इतना भयानक बदला लिया।
बड़े भाई रमेश विश्वकर्मा का बेटा उमेश और मेरा बेटा विक्की सुबह घर से बाइक लेकर दमोह में कोचिंग जाने के लिए निकले थे। दमोह सागर रोड के पास एप्रोच मार्ग पर आरोपी राजा विश्वकर्मा, गोलू विश्वकर्मा और सजल विश्वकर्मा ने मेरे बेटे और मेरे भतीजे को गोलियों से छलनी कर दिया।
राजेंद्र के घर पहुंचकर आरोपियों ने इसी जगह रमेश विश्वकर्मा की गर्दन काटी थी। यहां खून फैला पड़ा ळै।
सरेराह इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपी मेरे घर पहुंचे। उन्होंने 10 से 12 फायर किए। मैं उस समय घर की छत पर नहा रहा था। आरोपियों के पास जो पिस्तौल थी, उसमें 12- 12 राउंड के कारतूस बनते हैं।
आरोपियों के आने के पहले उनका सहयोगी मेरे रिश्तेदार राजेंद्र विश्वकर्मा का छोटा बेटा मनु बाइक लेकर मेरे घर आया। हनुमान जी के चबूतरे पर बैठे भाई को यह कहकर अपने साथ ले गया कि चलो राजीनामा करना है। वहां आरोपियों ने भाई की तलवार से गर्दन काट दी। उन पर कई राउंड गोलियां दागीं।
हरि विश्वकर्मा का आरोप है कि मेरा रिश्तेदार राजेंद्र भले ही खुद को बेकसूर बता रहा है, लेकिन शक है कि वह भी षड्यंत्र में शामिल था। आरोपियों ने उसे कॉल किया था कि मेरे बड़े भाई को लेकर आओ। यदि वे इसमें शामिल नहीं हैं, तो भाई को अपने घर क्यों बुलाया? यदि मुझे वह बता देता, तो मैं भाई को अपने घर में रखता और यह हत्याकांड नहीं होता।
15 दिन में सिर काटने की धमकी दी थी
हरि विश्वकर्मा से यह पूछने पर कि एक महीने बाद अचानक ऐसा क्या हुआ कि मामला हत्याकांड तक पहुंच गया, तो उन्होंने बताया कि आरोपियों ने एक महीने पहले हुए विवाद के बाद धमकी दी थी कि वह 15 दिन में भाई रमेश की मुंडी (सिर) काटेंगे और परिवार के अन्य लोगों की हत्या करेंगे।
हम सतर्क तो थे, लेकिन यह नहीं जानते थे कि वे इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि हत्याकांड में दमोह के बिल्डर रॉकी सुरेखा का भी हाथ है। आरोपी जो हथियार लेकर आए थे, उन्हें उन्हीं के द्वारा सप्लाई किए गए हैं, क्योंकि आरोपी राजा विश्वकर्मा उनके यहां काम करता है।
राजेंद्र विश्वकर्मा के घर पहुंचकर आरोपियों ने कई राउंड फायर किए थे। के निशान भी वहां लगे टीन शेड में देखे जा सकते हैं।
विक्की की बहन बोली- ढाई किलोमीटर दौड़ लगाई, फिर ऑटो से पहुंची चौकी
मृतक विक्की की बहन आरती विश्वकर्मा ने बताया कि आरोपियों ने दोनों भाइयों की हत्या की। मेरे घर जाकर गोलियां बरसाईं। मैंने अपने छोटे भाई और पिता को घर के अंदर किया। पीछे के दरवाजे से निकलकर भागकर रोड पर पहुंची। वहां से करीब ढाई किलोमीटर दौड़ लगाने के बाद सिहोरा गांव के पास ऑटो मिला, जिसमें बैठकर में सागर नाका चौकी पहुंची। वहां मेरे रिश्तेदार राजेंद्र विश्वकर्मा पहले से मौजूद थे। उन्होंने मेरी काॅलर पकड़ी, मुझे धक्का दिया, गालियां दँ और कहा कि मैंने किसी को नहीं मारा।
चचेरे भाई से फोन पर कहा था- आज हत्या करूंगा
रमेश के रिश्तेदार राजेंद्र विश्वकर्मा ने परिवार के आरोपों पर कहा- सुबह करीब 6 बजे मेरे बेटे सौरभ के मोबाइल पर आरोपी का फोन आया था। उसने सौरभ से कहा था कि आज रमेश और उनके परिवार के लोगों की हत्या करेगा। राजेंद्र ने बताया कि उमेश और विक्की कोचिंग पढ़ने दमोह गए थे। राजेंद्र ने सौरभ से कहा कि 100 नंबर पर पर पुलिस को सूचना दे दो, ताकि उमेश और विक्की को पुलिस वहीं रोक ले, लेकिन 100 नंबर पर कॉल रिसीव नहीं हुआ।
मुख्य आरोपी राजा तीन के साथ बाइक से आया था। फिलहाल वह फरार है।
मेरे घर में घुसकर तलवार से हमला किया
राजेंद्र ने बताया कि मैंने रमेश विश्वकर्मा को अपने घर बुलाया और उन्हें फोन आने की जानकारी दी। हम दोनों बात कर रहे थे, तभी गोलू विश्वकर्मा, राजा विश्वकर्मा और सजल विश्वकर्मा आ गए। मैंने रमेश को अपने घर में छिपा दिया। आरोपियों ने मेरी कालर पकड़कर सिर पर माउजर (बंदूक) अड़ा दी और जान से मारने की धमकी दी। उसके बाद घर में घुसकर रमेश की तलवारों से हत्या कर दी।
होमगार्ड सैनिक के परिवार में सिर्फ एक बेटा बचा
होमगार्ड सैनिक मृतक रमेश विश्वकर्मा नौकरी के साथ ही खेती भी करते थे। उनके चार बेटे थे, जिसमें से दो कि पहले मौत हो चुकी है। हत्याकांड में तीसरे बेटे उमेश की मौत हुई है। अब परिवार में एक बेटा प्रवीण और उनकी पत्नी हैं। वहीं, मृतक विक्की इकलौता था। उसकी दो बहने पूजा और आरती हैं। पिता हरि विश्वकर्मा किसान हैं
घटनास्थल पर पुलिस को गोलियों के खाली खोखे भी मिले हैं।
रॉकी सुरेखा ने कहा- मुझे सुबह पता चला
मृतक के परिवारवाले दमोह के जिन बिल्डर रॉकी सुरेखा पर आरोप लगा रहे हैं, उनका कहना है कि राजा उनके यहां ड्राइवर है। इस घटना से उनका लेना-देना नहीं है। रविवार रात 10 बजे राजा ने मुझे घर छोड़ा। गाड़ी लेकर ऑफिस में चला गया था, जहां वह रात में ठहरता था।
सुबह मैंने अपने कर्मचारी से राजा को बुलाने के लिए कहा, तो उसने बताया कि राजा रात में ही गांव चला गया है। उसकी दादी का स्वास्थ्य खराब है। कुछ देर बाद दूसरा कर्मचारी आया। बताया कि सोशल मीडिया पर बांसा तारखेड़ा में हत्याकांड की खबर चल रही है, जिसमें ड्राइवर राजा का भी नाम आ रहा है।
एसपी बोले- अभी तीन लोगों पर दर्ज हुई है FIR
दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने हत्याकांड को लेकर बताया कि अभी तीन आरोपियों के नाम सामने आए हैं, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज गई है।