जन्माष्टमी के श्रेष्ठ मुहूर्त

जन्माष्टमी 12 अगस्त 2020 बुधवार को श्रेष्ठ मुहूर्त
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?पूर्णिमा के बाद भादो के महीने की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था! इस दिन पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है।

?11 अगस्त को सुबह 9:06 मिनट के बाद अष्टमी तिथि का आरंभ हो जाएगा, जो 12 अगस्त को 11 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। वहीं रोहिणी नक्षत्र का आरंभ 13 अगस्त को सुबह तीन बजकर 27 मिनट से पांच बजकर 22 मिनट तक रहेगा। हमारे यहां सूर्योदय तिथि की विशेषता मानी जाती है, इसलिए सभी वैष्णव 12 को व्रत करे।

?मथुरा व्रन्दावन और द्वारिका में 12 अगस्त को जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इसलिए हमें भी उसी दिन ही पर्व मनाना चाहिए

? जन्माष्टमी व्रत-उपवास की महिमा ?

?? जन्माष्टमी का व्रत रखना चाहिए, बड़ा लाभ होता *जन्माष्टमी एक तो उत्सव है, दूसरा महान पर्व है, तीसरा महान व्रत-उपवास और पावन दिन भी है।

?? जन्माष्टमी के दिन किया हुआ जप अनंत गुना फल देता है ।
?? उसमें भी जन्माष्टमी की पूरी रात जागरण करके जप-ध्यान का विशेष महत्त्व है। जिसको

?ऊं क्लीं कृष्णाय नमः
मंत्र का और अपने गुरु मंत्र का थोड़ा जप करने को भी मिल जाय, उसके त्रिताप नष्ट होने में देर नहीं लगती ।

?? ‘भविष्य पुराण’ के अनुसार जन्माष्टमी का व्रत संसार में सुख-शांति और प्राणीवर्ग को रोगरहित जीवन देनेवाला, अकाल मृत्यु को टालनेवाला, गर्भपात के कष्टों से बचानेवाला तथा दुर्भाग्य और कलह को दूर भगानेवाला होता है।

☯जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण को दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक कर पंचामृत अर्पित करना चाहिए। माखन मिश्री का भोग लगाएं।

?व्रत विधि…?

● उपवास की पूर्व रात्रि को हल्का भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।

● बालकृष्ण के जन्म की कथा को पढ़े/ सुने।

● रात्रि 12 बजे विधि-विधान द्वारा पंचामृत से अभिषेक, पंचोपचार या षोडशोपचार से पूजन करें।

● बालकृष्ण का घ्यान करे..

?करारविन्देन पदारविन्दं मुखारविन्दे विनिवेशयन्तम्।वटस्य पत्रस्य पुटे शयानं बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि॥

● फिर निम्न मंत्र से पुष्पांजलि अर्पण करें

“प्रणमे देव जननी त्वया जातस्तु वामनः।
वसुदेवात तथा कृष्णो नमस्तुभ्यं नमो नमः।
सुपुत्रार्घ्यं प्रदत्तं में गृहाणेमं नमोऽस्तुते।”

● अंत में प्रसाद वितरण कर भजन-कीर्तन करते हुए, सम्पूर्ण रात्रि व्यतीत करें।

शुभ मुहूर्त….

?12 अगस्त को पूजा का शुभ समय रात 12 बजकर 5 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक है। पूजा की अवधि 43 मिनट तक रहेगी।

श्री बालकृष्ण लाल की जय…?

जय श्री राधे… जय श्री कृष्ण
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