तेलंगाना में हुए ईएसआई घोटाला मामले की आरोपी इंश्योरेंस मेडिकल सर्विसेज़ की पूर्व निदेशक देविका रानी और ईएसआई की फार्मासिस्ट नागलक्ष्मी के यहां छापेमारी में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को ₹4.47 करोड़ की अघोषित नकदी मिली है।!
सामने आया है कि इस रकम को साइबराबाद क्षेत्र में वाणिज्यिक और आवासीय स्थान खरीदने के लिए निवेश किया गया था.
6 आवासीय फ्लैट, 15000 वर्गफुट जमीन खरीदी
जानकारी के मुताबिक, देविका रानी ने फर्जी मेडिकल बिल के जरिए सरकार से 9 करोड़ रुपये का गबन किया था. वहीं फार्मासिस्ट नागा लक्ष्मी ने संपत्ति खरीदने के लिए 72 लाख रुपये का भुगतान किया था. ACB ने कहा, दोनों आरोपी अधिकारियों ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर 6 आवासीय फ्लैट और लगभग 15,000 वर्ग फुट की व्यावसायिक जगह खरीदने के लिए इस बेहिसाब धन का निवेश किया था.
जमानत पर हैं दोनों आरोपी
सामने आया है कि देविका रानी ने बेनामी संपत्ति में 22 लाख रुपये का निवेश किया था. जांच एजेंसी ने संपत्ति खरीदने के लिए चेक और ऑनलाइन स्थानांतरण के माध्यम से भुगतान किए गए 2.29 करोड़ रुपये की पहचान की.
पिछले साल सितंबर में हुई थीं गिरफ्तार
पिछले साल सितंबर में एसीबी ने तत्कालीन निदेशक देविका रानी और छह अन्य लोगों को कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना के तहत औषधालयों और अस्पतालों को दवाओं की आपूर्ति में घोटाले में गिरफ्तार किया था. देविका रानी ने अनधिकृत फर्मों से ड्रग्स और सर्जिकल किट खरीदकर कई करोड़ रुपये डकार लिए. राज्य सरकार के निर्देशों के बाद इस घोटाले की जांच शुरू की थी.