भगोड़े विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट से झटका, अवमानना मामले में पुनर्विचार याचिका खारिज

 

 

बैंकों से लोन को लेकर डिफाल्टर हुए किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या  को सुप्रीम कोर्ट  से बड़ा झटका मिला है. सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना मामले में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने 2017 के फैसले पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया. बता दें, माल्या  ने कोर्ट के एक आदेश की अवहेलना करते हुए 4 करोड़ अमेरिकी डॉलर अपने बच्चों के नाम ट्रांसफर कर दी थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने मई 2017 में उसे अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था. कोर्ट के इस फैसले के बाद माल्या ने अदालत में एक पुनर्विचार याचिका दाखिल कराई थी, जिसपर जस्टिस यूयू ललित और अशोक भूषण की बैंच ने गुरुवार (27 अगस्त) को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. दौरान कोर्ट ने बताया था कि विजय माल्या  के खिलाफ दो बड़े आरोप हैं, जिसमें पहला है कि उसने अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं किया और दूसरा संपत्तियों को गलत तरीके से छिपाने की कोशिश की.

इस मामले में न्यायालय ने जून में अपनी रजिस्ट्री को यह बताने के लिए कहा था कि बीते तीन साल में माल्या की पुनर्विचार याचिका को संबंधित अदालत के समक्ष सूचीबद्ध क्यों नहीं किया गया. उसने रजिस्ट्री को बीते तीन साल में याचिका से संबंधित फाइल को देखने वाले अधिकारियों के नामों समेत सभी जानकारी मुहैया कराने के लिए कहा था. माल्या ने 2017 के उस फैसले पर पुनर्विचार करने की याचिका दाखिल की है जिसमें उन्हें संपत्ति की जानकारी छिपाने पर अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया था.

जुलाई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि माल्या की सजा पर फैसला प्रत्यर्पण के बाद होगा. केंद्र को कहा था कि जब माल्या को भारत लाया जाए तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाए. सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद माल्या कोर्ट में पेश नही हुए थे. इससे पहले 9 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना था क्योंकि उन्होंने संपत्ति का पूरा ब्योरा नहीं दिया. कोर्ट ने 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था.

दरअसल 9 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या के खिलाफ अदालत की अवमानना और डिएगो डील से माल्या को मिले 40 मिलियन यूएस डॉलर पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था. बैंकों ने मांग की है कि 40 मिलियन यूएस डॉलर जो डिएगो डील से मिले थे उनको सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराया जाए.

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