इसलिए है हमारा इंदौर पूरे देश में स्वच्छता में नंबर 1 …
इंदौर की गेर वास्तव में किसी को भी अचंभित कर देती है। पहली बार एक व्यक्ति की मौत ने गेर को दु:खद बना दिया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संवेदनशीलता दिखाते हुए गेर में शामिल होने का कार्यक्रम निरस्त कर दिया। हुड़दंगियों द्वारा महिलाओं और बच्चों को भी निशाना बनाने की खबरें आईं। कई लोग घायल हुए। यह सब कुछ गेर की स्थापित मान्यताओं से भिन्न और दु:खद था। फिर भी गेर का गौरव कल भी गौरवान्वित कर रहा था और कल भी गौरवान्वित करता रहेगा। और इससे भी ज्यादा गौरव की बात है लाखों लोगों के होली खेलने के बाद हुई गंदगी से शहर को कुछ घंटों में ही मुक्त कराने की स्वच्छतम शहर इंदौर की प्रतिबद्धता। मेयर पुष्यमित्र भार्गव का यह कहना ठीक ही है कि ‘इसलिए है हमारा इंदौर पूरे देश में स्वच्छता में नंबर 1।’ उन्होंने गर्व से साझा किया कि ‘गेर निकलते ही निगम का अमला सफाई अभियान के लिए मैदान में।’
सबसे बड़ी दुर्घटना गेर की शुरुआत में ही एक व्यक्ति की मौत हो गई। गेर में कई लोग घबराहट से बेहोश हुए और कई घायल हुए जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। कई चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें दिख रहा है कि महिलाएं, बच्चियां रो रही हैं और हुड़दंगी उन्हें परेशान कर रहे हैं। सीएम डॉ. मोहन यादव रंगपंचमी गेर में शामिल होने इंदौर पहुंच गए थे लेकिन युवक की मृत्यु की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने गेर में शामिल होने का कार्यक्रम निरस्त कर दिया। यह जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन की थी कि किसी तरह की घटनाएं और दुर्घटना नहीं हो पाती। पर बेहतर पक्ष यह रहा कि नगर निगम इंदौर सबकी अपेक्षाओं पर खरा उतरा। इंदौर को देश का स्वच्छतम शहर बनाए रखने के संकल्प पर भी नगर निगम खरा उतरा। दरअसल गेर के बाद नगर निगम की टीम तीन चरणों में सफाई करती है, सबसे पहले मशीनों से रंग और गुलाल को हटाया जाता है, उसके बाद झाड़ू की टीम झाड़ू लगाकर पूरी सड़कों को साफ करती है और आखिर में पूरे क्षेत्र को पानी से धोया जाता है। और पूरे शहर को स्वच्छ बनाए रखने की इंदौर के सफाईकर्मियों की अपनी मेहनत इसी तरह की है। इसीलिए स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर शहर पिछले सात सालों से बाजी मार रहा है।
गेर के बाद राजवाड़ा और मध्य क्षेत्र की सड़कें, रंग, गुलाल, जूते-चप्पल, प्लास्टिक से पट गईं थीं, लेकिन तीन बजे गेर समाप्त होते ही सफाई अमले ने कमर कस ली। राजवाड़ा सहित पूरे गेर रूट मार्ग पर पांच सौ से ज्यादा सफाई कर्मचारी एक साथ पहुंचे और सफाई शुरू कर दी। इंदौर स्वच्छता में नंबर वन क्यों है, इसका अहसास यहां की सफाई व्यवस्था हर त्योहार पर कराती है। चाहे होली हो या दीवाली, शहर की सड़कों पर कचरा फैलने के बाद उसे उठाने में नगर निगम देर नहीं लगाता। इंदौर में 19 मार्च 2025 को निकली गेर में भी सड़कों पर खूब कचरा, कीचड़, गाद, रामरज, रंग, पॉलीथिन आदि के रूप में फैला। इसे नगर निगम के अमले ने मात्र डेढ़ घंटे यानी 90 मिनट में साफ कर गेर मार्ग की सड़कों को चकाचक कर दिया। इंदौर में करीब पांच लाख लोग गेर मेें शामिल हुए थे। गेर खत्म होने के बाद 500 सफाईकर्मियों के अलावा 20 से ज्यादा स्वीपिंग मशीनें, 10 से ज्यादा टैंकर व अन्य संसाधनों की मदद से राजवाड़ा चौक के आसपास की सड़कें साफ की गईं। एक से डेढ़ घंटे के भीतर पूरा मार्ग साफ हो गया। यही प्रमाण है कि इंदौर सफाई में सात बार पहले नंबर पर क्यों रहा और अब इंदौर आठवीं बार यह खिताब हासिल करने को पूर्ण संकल्पित हैं। यह पहली बार नहीं है। दीपावली के दिन भी सुबह तीन बजे सफाई अमले ने पूरा शहर साफ कर दिया था। इसी तरह रंग पंचमी पर भी कम समय में मध्य हिस्से को साफ करने का लक्ष्य नगर निगम की टीम ने पूरा किया। पहले धूल व अन्य कचरा सड़क से उठाया गया। फिर मशीनों से गंदगी साफ की गई। सड़कों पर पहले सफाईकर्मियों ने एक जगह कचरा एकत्र कर लिया। फिर जेसीबी से उस कचरे को डंपरों में भरा गया। तीन डंपर से ज्यादा कचरा पूरे गेर मार्ग से निकला। गीले और सूखे कचरे की मात्रा दस टन से ज्यादा थी। इस कचरे को वाहनों में भरकर ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंचाया गया। जो लोग शाम को राजवाड़ा घूमने आए। वे साफ सड़कें देखकर सफाई व्यवस्था की प्रशंसा करते नजर आए।
तो कहीं न कहीं हमें गेर में हुईं घटनाओं-दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदारों को सबक सिखाना होगा। ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके किए की सजा देनी चाहिए और सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने को उन्हें मजबूर करना चाहिए। ताकि गेर का गौरव अक्षुण्य रहे। वहीं इंदौर के सफाईकर्मियों को सेल्यूट कर पूरे प्रदेश को उनसे सीख लेने की जरूरत है। पूरे प्रदेश का सिर इंदौर के स्वच्छतम शहर बनते ही गर्व से ऊंचा हो जाता है। पूर्ण विश्वास है कि सात साल से स्वच्छतम इंदौर ने सतत प्रदेश का मान बढ़ाया है और आठवें साल भी इंदौर प्रदेश को गौरवान्वित करेगा…।
कौशल किशोर चतुर्वेदी
कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। दो पुस्तकों “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।
वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।