कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए सबसे कारगर उपाय वैक्सीन है, जिसे बनाने में सैंकड़ों वैज्ञाानिक रात-दिन जुटे हुए हैं। ऐसे में इस महामारी से जूझ रहे भारत और निम्न आय वाले देशों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने शुक्रवार को कहा कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और गावी(Gavi) के साथ बड़ी साझेदारी हुई है। इस साझेदारी की वजह से भारत और निम्न आय वाले देशों को सिर्फ 3 डॉलर यानि 225 रुपये में वैक्सीन मिलेगी। अब इंतजार बस कोरोना वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के पूरा होने का है।
बता दें कि वैक्सीन बनाने की रेस में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सटी सबसे आगे है। यहां वैक्सीन का ट्रायल दूसरे फेज में पहुंच गया है। वहीं पुणे स्थित एसआईआई यहां विकसित होने वाली वैक्सीन के साथ काम कर रही है।
इससे पहले भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सटी द्वारा विकसित कोविड-19 के वैक्सीन के देश में दूसरे व तीसरे चरण के मानव परीक्षण के लिये सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को मंजूरी दे दी।
अधिकारियों ने बताया कि डेटा केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के विशेषज्ञ पैनल ने पहले और दूसरे चरण के परीक्षण से मिले डेटा पर गहन विचार विमर्श करने के बाद ‘कोविशिल्ड’ के भारत में स्वस्थ वयस्कों पर दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण की मंजूरी दी।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भारत और निम्न आय वाले देशों के लिए कोविशील्ड और नोवावैक्स वैक्सीन के 100 मिलियन यानी 10 करोड़ खुराक के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए शुक्रवार को बहुत बड़ी साझेदारी हुई है। कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और गावी के साथ बड़ी साझेदारी हुई है। इस साझेदारी का सीधा फायदा भारत जैसे देशों को होगा।
बता दें कि गावी का लक्ष्य पब्लिक प्राइवेट ग्लोबल हेल्थ पार्टनरशिप के तहत गरीब देशों में टीकाकरण अभियान को समर्थन और सहयोग करना है। यह बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन का हिस्सा है। खबरों के मुताबिक, साल 2021 की पहली छमाही में भारत और अन्य देशों में वितरण के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को दो वैक्सीन के उत्पादन में साझेदारी के तहत करीब 150 मिलियन डॉलर की मदद करेगी।
गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख के पार पहुंच गई हैं। वहीं, दुनियाभर में करोड़ों लोग इस जानलेवा वायरस की चपेट में आ चुके हैं और लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में जल्द से जल्द वैक्सीन आना बेहद जरूरी है, तभी इस वायरस पर काबू पाया जा सकता है।