भारत के स्‍ट्रीट वेंडर्स की मदद करेंगे शेफ विकास खन्‍ना

कोरोना महामारी से ‘प्रभावित’ भारत के 10 लाख स्‍ट्रीट वेंडर्स की मदद करेंगे शेफ विकास खन्‍ना

कोरोना वायरस महामारी के बीच स्‍टार शेफ विकास खन्‍ना जरूरतमंदों की मदद में जुटे हुए हैं. कोविड-19 के प्रकोप के बीच वे पूरे देश में करीब ढाई करोड़ जरूरतमंद लोगों को खाना बांटने के लक्ष्‍य के बेहद करीब पहुंच चुके हैं. अब उन्‍होंने इस महामारी के चलते मुश्किलों का सामना कर रहे एक करोड़ स्‍ट्रीट वेंडर्स और उनके परिवारों को जरूरी राशन उपलब्‍ध कराने का फैसला किया है.भारत में कोरोना का प्रकोप फैलने के बाद से इस 48 वर्षीय मशहूर शेफ और लेखक ने मैनहट्टन में अपने घर से बड़े पैमाने पर खाद्य वितरण अभियान का संचालन किया है.

मार्च में भारत मेें लॉकडाउन लागू होने के बाद से लोग अपनी जगहों में फंस गए थे और उन्‍हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. खन्ना ने न्‍यूज एजेंसी PTI को बताया, “हम राशन एकत्र कर रहे हैं और देशभर में लगभग 10 मिलियन स्ट्रीट वेंडर्स के लिए भोजन/राशन देने की योजना बना रहे हैं जो वास्तव में भारतीय भोजन की असली विरासत को संभाल रहे हैं.” खन्‍ना ने 125 से अधिक भारतीय शहरों में कई अनाथालयों, वृद्धाश्रमों, कुष्ठ केंद्रों, विधवा आश्रमों, मुंबई के प्रसिद्ध डब्बावालों, वाराणसी में कारीगरों और शिल्पकारों के साथ-साथ प्रवासी श्रमिकों और सैकड़ों हजारों लोगों को राशन, भोजन और जरूरी सामान वितरित किया है. लगभग 50 अग्रणी ब्रांडों, सार्वजनिक और निजी संगठनों और व्यक्तियों ने खन्‍ना के ‘Feed India’ अभियान के साथ भागीदारी की है और इसके प्रति समर्थन जताया है.

खन्ना जल्द ही कोरोना वायरस महामारी के बीच पूरे भारत में 25 मिलियन लोगों को भोजन वितरित करने के ‘माइल स्‍टोन’ को छू लेंगे. वे कहते हैं कि वह इस उपलब्धि को महान गायिका लता मंगेशकर को समर्पित करेंगे, जिनके साथ उनकी ‘खास बांडिंग’ है. विकास खन्‍ना याद करते हैं कि उनकी मां कई घंटों तक काम करने और अमृतसर में भोजन का प्रबंध करने के बाद लताजी के गीतों को सुना करती थीं. खन्ना इसके साथ ही बिहार और असम के बाढ़ग्रस्‍त क्षेत्रों में दो मिलियन लोगों को भोजन, कपड़े, मच्छर भगाने वाली आवश्यक सामग्री, मोमबत्तियाँ जैसी सामग्री की आपूर्ति करने की योजना पर भी काम कर रहे हैं. उनकी कोशिश इन दोनों राज्‍यों के दूरदराज में रह रहे प्रभावितों पर पहले राहत सामग्री पहुंचाने की है.

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