सुमात्रा टापू पर 2010 से धधक रहा ज्वालामुखी सोमवार को एक बार फिर फूट पड़ा है। इंडोनेशिया के 120 सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक सिनाबुंग ‘रिंग ऑफ फायर’ में आता है। करीब एक साल तक शांत रहने के बाद जब यह ज्वालामुखी फूटा तो इतनी राख निकली कि आसमान में दो किलोमीटर ऊंचा धुएं का विशाल पहाड़ बन गया। यही नहीं, इससे निकली राख 30 किलोमीटर दूर स्थित बेरास्तगी तक पहुंच गई और इस इलाके से गुजरने वाले यात्री विमानों के लिए अलर्ट जारी करना पड़ा।
इंडोनेशिया के वॉल्केनोलॉजी और जियोलॉजिकल हेजाड मिटिगेशन सेंटर के एक स्थानीय अधिकारी ने कहा, ‘सिनाबुंग के रेड जोन से बचने के लिए हम सभी के लिए चेतावनी जारी कर रहे हैं.’ हालांकि इसके कारण आसपास के इलाकों में राख की मोटी परत सी फैले गई, इसके कारण कम से एकम एक गांव में दिन में ही रात जैसा नजारा पैदा हो गया. नामानतेरान गांव के प्रमुख ने कहा, ‘जब राख आई. जब यह चमकीले से गहरे रंग में बदलकर वातावरण पर छा गई तो ऐसा लगा जैसे रात का अंधेरा छा गया है.’ उन्होंने बताया कि इसके चलते फसल को काफी नुकसान पहुंचा है.
कोरोना वायरस की महामारी ने स्थिति को और गंभीर कर दिया क्योंकि डरे लोगों की ओर से सुरक्षा के नियमों की अनदेखी की गई. स्थानीय आपदा एजेंसी के प्रमुख ने बताया, ज्वालामुखि’के धधकने के बाद स्थानीय लोग बिना फेस मास्क के एकत्रित हो गए क्योंकि वे अफरातफरी और डर का माहौल व्याप्त हो गया था.’ गौरतलब है कि करीब 400 वर्ष तक सुप्त अवस्था में रहने के बाद सिनाबुंग 2010 में पहली बार भभक उठा था. बाद में 2013 में भी यह भभका था, इसके बाद से यह बहुत अधिक सक्रिय बना हुआ है. 2016 में सात लोगों को जान गंवानी पड़ी थी जबकि 2014 में ऐसी ही घटना में 16 लोगों की जान गई थी.