मुझे आज तक एक बात समझ में नहीं आई कि भगवान इन BA/MA और BSC/ MSC पास IAS को इतना परम ज्ञान कैसे दे देता है कि जो IAS एक दिन पहले तक गृह सचिव बन कर पुलिस और कानून व्यवस्था संभाल रहा होता है वो अगले दिन अचानक से वित्त विशेषज्ञ बन कर वित्त सचिव बन जाता है , तीसरे दिन पता चलता है कि अरे नहीं वो तो स्वास्थ्य विशेषज्ञ हैं और उन्हें स्वास्थ्य सचिव बना उन लोगों के सिर पर बैठा दिया जाता है जिनका पूरा जीवन इस क्षेत्र को समझने और मैनेज करने में बीत जाता है ।
यहां तो भगवान ने केवल इतनी ही बुद्धि दी कि पहले 5 साल दिए (MBBS) फिर 3 साल और ( MD/MS ) फिर 3 साल और (senior residency) और फिर सालों साल medical के क्षेत्र में काम करने के बाद भी पूरी तरह से (100%) विषय विशेषज्ञ नहीं बन पाये और आखिर में पता चला कि परम ज्ञानी स्वास्थ्य विशेषज्ञ बनने के लिए तो BA B.Sc करना था !
जिन लोगों ( IAS) का असली मकसद केवल सही प्रतिभा और किसी क्षेत्र के विषय विशेषज्ञ को खोज कर सेवा में नियोजित ओर संरक्षण देने का ( human resource management) था वो कब अपने आपको ही विषय विशेषज्ञ और सर्वज्ञानी समझने लगे पता ही नहीं चला ।
Covid epidemic का जो mismanagement हम लोग देख रहे हैं,
वो सब इन्हीं सर्व ज्ञानियों की मेहरबानी है ।
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