समय पर फ़्लैट नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फ़ैसला,बिल्डर को देना होगा 6% सालाना ब्याज

बिल्डरों की मनमानी का शिकार हुए खरीदारों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बड़ी जीत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने समय पर पजेशन नहीं देने और खराब सुविधाओं के लिए बैंगलुरू के दो बिल्डरों DLF Southern Homes और एनाबेल बिल्डर्स एंड डेवलपर्स (Annabel Builder) को दोषी माना है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि बिल्डरों को अपार्टमेंट खरीदारों के एग्रीमेंट में प्रति वर्ग फीट पेनाल्टी के अलावा, अपार्टमेंट की डिलिवरी में देरी की अवधि के लिए भी फ्लैट की कीमत पर खरीदारों को अलग से ब्याज देना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि बिल्डरों को फ्लैट्स की लागत पर सालाना 6% ब्याज का भुगतान करना होगा, जिन्हें फ्लैट का पजेशन देने में 2 या 4 साल की देरी हुई है.

यह जुर्माना हर महीने पांच रुपये प्रति वर्ग फीट जुर्माने से अलग होगा, जो डेवलपर ने ABA (apartment buyers agreement) के तहत डिलिवरी में देरी के लिए भुगतान (जो कि 1500 वर्ग फीट फ्लैट के लिए 7500 रुपये प्रति महीना होता है) करने पर सहमति दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ने जब डेवलपर्स घर खरीदारों को एक सपना बेचते हैं, तो उन्हें उस सपने को साकार करने के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

क्या है पूरा मामला ?
ये मामला है बैंगलुरू के DLF Southern Homes जिसे अब Begur OMR Homes के नाम से जाना जाता है और एनाबेल बिल्डर्स एंड डेवलपर्स का है, इन बिल्डर्स के प्रोजेक्ट में लोगों ने फ्लैट्स बुक कराए थे. DLF के प्रोजेक्ट में कुल 1980 फ्लैट्स बनाए जाने थे. लेकिन यहां के खरीदारों को न तो वक्त पर पजेशन मिला और जब मिला तो वादे के मुताबिक उन्हें वो सुविधाएं नहीं मिलीं. इसके बाद घर खरीदारों ने बिल्डरों के खिलाफ National Consumer Disputes Redressal Commission (NCDRC) का दरवाजा खटखटाया, घर खरीदारों की मांग थी कि बिल्डर ने फ्लैट का पजेशन देने में देरी की है, इसलिए उसका मुआवजा मिलना चाहिए, साथ ही ब्याज और टैक्स भी वापस मिलने चाहिए.

घर खरीदारों की शिकायत थी कि बिल्डर जरूरी सुविधाएं देने में नाकाम रहा है, एग्रीमेंट के मुताबिक क्लब हाउस भी नहीं दिया गया. लेकिन NCDRC में घर खरीदारों को निराशा हाथ लगी. कमीशन ने घर खरीदारों की मांगों को मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद घर खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. जहां कोर्ट ने NCDRC के फैसले को पलट दिया और बिल्डरों को मुआवजा चुकाने का आदेश दिया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *