प्राइवेसी को लेकर फेसबुक के स्वामित्व वाले इंस्टैंट मैसेजिंग एप WhatsApp की लाख आलोचना हो रही है लेकिन सच यह है कि आज भी व्हाट्सएप पर लोगों का भरोसा कायम है। भारत के 79 फीसदी WhatsApp यूजर्स आज भी व्हाट्सएप को इस्तेमाल करना चाहते हैं। एक नए सर्वे में यह बात सामने आई है।
साइबर मीडिया रिसर्च (CMR) के नए सर्वे के मुताबिक भारत के 79 फीसदी यूजर्स WhatsApp की सेवाएं जारी रखने के लिए पुनर्विचार कर रहे हैं, जबकि 28 फीसदी यूजर्स ऐसे हैं जो व्हाट्सएप को छोड़ना चाह रहे हैं। वॉट्सऐप अपनी नई प्रिवेसी पॉलिसी को 8 फरवरी 2021 से लागू करने वाला था, लेकिन फिलहाल इसे कुछ महीनों के लिए टाल दिया गया है।
मई 2021 में लागू होगी नई पॉलिसी
यूजर्स से मिले नेगेटिव रिस्पॉन्स के कारण कंपनी को इसे मई 2021 तक के लिए टालना पड़ा है। कंपनी चाहती है कि इस दौरान यूजर वॉट्सऐप की नई प्रिवेसी पॉलिसी को अच्छे से पढ़ और समझ सकें। नई पॉलिसी को लागू करने की तारीख को आगे बढ़ाने का फैसला काफी हद तक कंपनी के पक्ष में रहा है। ऐसा न होने पर वॉट्सऐप के ऐक्टिव यूजर्स की संख्या में भारी कमी आ सकती थी।
यूजर्स के बीच काफी नाराजगी
वॉट्सऐप की नई पॉलिसी से यूजर्स में कंपनी को लेकर कई तरह की सोच पैदा हो गई है। 49 प्रतिशत यूजर्स इससे काफी नाराज हैं और 45 प्रतिशत यूजर्स ने वॉट्सऐप पर कभी भरोसा न करने की बात कही है। वहीं, वॉट्सऐप यूज करने वाले 35 प्रतिशत यूजर्स ने इसे ब्रीच ऑफ ट्रस्ट यानी भरोसे का तोड़ा जाना करार दिया है।
स्पैम मेसेज के साथ फिशिंग अटैक का खतरा
साइबरमीडिया की रिसर्च में कहा गया है कि वॉट्सऐप और फेसबुक मेसेंजर के ज्यादातर यूजर्स थर्ड पार्टी सर्वर पर स्टोर की जा रही चैट्स को लेकर चिंतित रहते हैं। रिसर्च फर्म के अनुसार वॉट्सऐप और फेसबुक मेसेंजर के 50 प्रतिशत से ज्यादा यूजर्स को लगभग हर दिन स्पैम मेसेज मिलते हैं। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किय गया है कि सर्वे में हिस्सा लेने वाले यूजर्स में 50 प्रतिशत ऐसे थे जिन्हें अनजान नंबर से संदिग्ध मेसेज मिले थे जिनमें फिशिंग अटैक और वायरस वाले लिंक थे।
टेलिग्राम और सिग्नल पर शिफ्ट हो रहे यूजर
फिशिंग अटैक के लिए वॉट्सऐप हैकर्स का पसंदीदा प्लैटफॉर्म है। सर्वे के मुताबिक वॉट्सऐप पर फिशिंग अटैक होने की आशंका 52 प्रतिशत है। जबकि, टेलिग्राम के लिए यह 28 प्रतिशत ही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सर्वे में हिस्सा लेने वाले यूजर्स में से 41 प्रतिशत टेलिग्राम और 35 प्रतिशत यूजर सिग्नल पर शिफ्ट होने की सोच रहे हैं।