ईडी के छापे, गायत्री फूड कंपनी की डायरेक्टर ने खाया जहर, कंपनी के मालिक बोले – मुझे बर्बाद करने केंद्रीय मंत्री पासवान के इशारे पर हुई छापेमारी; पूर्व सीईओ के आरोपों पर मोदी की सफाई… देखें VIDEO

मध्यप्रदेश में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे के बाद जयश्री गायत्री फूड कंपनी की डायरेक्टर पायल मोदी का जहर खा लेना देश भर में सुर्खियों में है। वजह ये है कि इससे पहले भी आष्टा के परमार दंपती के सुसाइड में ईडी की भूमिका पर सवाल उठे हैं।

कंपनी के मालिक किशन मोदी का कहना है कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के इशारे पर उनके कारोबार को बर्बाद करने के लिए पहले ईओडब्ल्यू, फिर एफएसएसएआई और अब ईडी ने छापेमारी की है। कंपनी के पूर्व पार्टनर और पासवान के दामाद चंद्रप्रकाश पांडे और उसके भाई वेदप्रकाश पांडे के डर से पत्नी पायल ने ये कदम उठाया है।

इन आरोपों पर कंपनी के पूर्व सीईओ सुनील त्रिपाठी से बात की तो उन्होंने उल्टे मोदी पर आरोप लगाए। कहा- मोदी ने दुबई में कंपनी खोली थी और वह भागने की फिराक में थे। किशन मोदी ने माना कि उनकी दुबई में कंपनी है, मगर वो देश छोड़कर भागने वाले नहीं थे।

ईडी के छापे, पायल मोदी के जहर खाने और केंद्रीय मंत्री पर आरोपों का क्या कनेक्शन है? कंपनी कब शुरू हुई और कैसे इसका टर्नओवर 600 करोड़ रुपए हो गया? कंपनी पर क्या-क्या आरोप हैं…पढ़िए

ईडी ने कब, कहां और क्यों मारा छापा

सबसे पहले जानते हैं, मंत्री पासवान पर आरोप क्यों हैं मोदी के बिजनेस पार्टनर रहे चंद्रप्रकाश पांडे पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान के दामाद हैं। उन्होंने प्रेम विवाह किया था। किशन मोदी की मानें तो चंद्रप्रकाश से उनकी मुलाकात दिल्ली में हुई थी। उस दौरान उन्होंने खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान से अपनी रिश्तेदारी बताई थी। केंद्रीय मंत्री से मुलाकात भी कराई थी।

चंद्रप्रकाश उन्हें नए बिजनेस क्लाइंट दिलाने में मदद करता था। 2016 में उसने हमारी कंपनी जॉइन कर ली। 2018 में बिहार में आसमा फूड नाम से एक नई कंपनी शुरू हुई। उसमें चंद्रप्रकाश का भाई वेदप्रकाश डायरेक्टर है। 2022 तक चंद्रप्रकाश कंपनी से जुड़ा रहा।

मोदी का कहना है कि रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान केंद्र सरकार में खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री हैं। जाहिर तौर पर चंद्रप्रकाश और चिराग पासवान के करीबी रिश्ते हैं। पासवान पर लग रहे आरोपों पर उनसे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनके पीए मोहित ने मंत्री के रैली में होने की बात कही। उन्हें ई-मेल भी किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के साथ चंद्रप्रकाश पांडे।

मोदी बोले- 80 करोड़ का गबन किया इसलिए उन्हें हटाया किशन मोदी के मुताबिक, हरीपुर स्थित फैक्ट्री में पार्टनर रहे वेद प्रकाश पांडे और चंद्र प्रकाश पांडे ने पूर्व CEO सुनील त्रिपाठी के साथ मिलकर करीब 80 करोड़ रुपए का गबन किया था। इस मामले में पिछले साल जून में हबीबगंज थाने में FIR दर्ज कराई गई थी। इससे डेढ़ साल पहले भी FIR दर्ज करवाई गई थी। इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद हमने उन्हें कंपनी से बाहर कर दिया।

किशन मोदी का दावा है कि उन्हें पूर्व पार्टनर वेद प्रकाश पांडे और चंद प्रकाश पांडे ने पहले ही आगाह किया था कि उनके यहां ED की रेड होगी। उन्होंने कहा था- कुछ बड़ा होगा। 27 जनवरी को वेद प्रकाश पांडे ने फोन कर पूछा कि उनका कोई फ्लैट चूना भट्‌टी में है क्या? मोदी को याद नहीं था इसलिए उन्होंने अपनी पत्नी से इस बारे में पूछा।

तब पता चला कि चूना भट्‌टी वाले फ्लैट में उनके ससुर रहते थे। वह फ्लैट लंबे समय से बंद पड़ा है। इसके बाद वेद प्रकाश पांडे ने फोन काट दिया। अगले दिन ED ने उसी फ्लैट पर छापा मारा, जहां से कुछ नहीं मिला।

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, चंद्र प्रकाश पांडे, वेद प्रकाश पांडे, सुनील त्रिपाठी, भगवान सिंह मेवाड़ा और हितेष पंजाबी ने मिलकर ये छापे डलवाए हैं। ये सभी मंत्री पासवान की राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल कर हमें परेशान कर रहे हैं।

– किशन मोदी, डायरेक्टर, जयश्री-गायत्री फूड प्रा. लिमिटेड

ईडी को पहले ही मिल गया था कथित सुसाइड नोट

किशन मोदी की पत्नी पायल मोदी ने 30 जनवरी की शाम करीब 7:30 बजे जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की कोशिश की। उन्हें तुरंत निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। 31 जनवरी को पायल मोदी को होश आ गया था। किशन मोदी के मुताबिक, पायल ने एक सुसाइड नोट लिखा था। जिसे उसने अपनी दोस्त को दिया था।

ईडी सूत्रों के अनुसार, सुसाइड अटेंप्ट के दो दिन पहले ही जब मोदी के ठिकानों पर छापा मारा गया था तो उन्हें पायल मोदी का कथित सुसाइड नोट मिल गया था। जिसकी जानकारी उन्होंने चूनाभट्टी थाना पुलिस को दी थी।

इस बारे में जब किशन मोदी से बात की तो उन्होंने कहा, ‘ईडी को जो लेटर मिला था, वह दूसरा था। वह लेटर हमारे पूरे परिवार ने लिखा था और हम उसे मीडिया को देने जा रहे थे। लेकिन ईडी ने पहले ही हमसे वो लेटर ले लिया था।’

किशन ने आगे कहा कि सुसाइड लेटर मेरी वाइफ ने सुसाइड अटेंप्ट करने के कुछ देर पहले ही लिखा था और इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं थी।

जहर खाने के बाद अस्पताल में भर्ती पायल मोदी और कथित सुसाइड नोट।

अब जानिए, पूर्व सीईओ सुनील त्रिपाठी के आरोप और मोदी की सफाई   जयश्री गायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व सीईओ सुनील त्रिपाठी से बात की तो उन्होंने तमाम आरोपों को खारिज कर दिया। सुनील त्रिपाठी ने किशन मोदी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सिलसिलेवार पढ़िए, क्या है त्रिपाठी के आरोप और इन पर मोदी की सफाई…

आरोप1: किशन मोदी परिवार समेत दुबई फरार होने की फिराक में था सुनील के मुताबिक, किशन मोदी ने दुबई में ‘रॉयल इंडस्ट्रीज’ नाम से एक कंपनी खरीदी है और वे अपने परिवार के साथ वहां भागने की योजना बना रहे थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि किशन मोदी ने इस कंपनी के दस्तावेज तैयार कर लिए थे, जो उन्होंने  उपलब्ध कराए हैं।

सुनील त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि भारत से जयश्री गायत्री फूड्स के नाम पर खरीदा गया सारा मटेरियल दुबई में ‘रॉयल इंडस्ट्रीज’ को भेजा जाता था। किशन मोदी का असली मकसद कंपनी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करना था। ये भी दावा किया कि जयश्री गायत्री फूड्स के जरिए काले धन को विदेश भेजकर उसे सफेद किया जाता था।

मोदी की सफाई: किशन मोदी ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि मुझ पर दबाव बनाया जाता था कि मैं एक्सटॉर्शन के 5 करोड़ रुपए दूं। मुझे बर्बाद करने की धमकी दी जाती थी। इन लोगों ने हर बैंक में ईमेल किया कि मैं नीरव मोदी की तरह करोड़ों रुपए ले कर भाग जाऊंगा। मोदी ने कहा कि मैंने कोई मनी लॉन्ड्रिंग नहीं की है।

हालांकि, उन्होंने ये माना कि दुबई में उनकी कंपनी रजिस्टर्ड है। बोले- ऐसा करके मैंने कोई चोरी तो नहीं की है।

आरोप2: मिलावटी डेयरी प्रोडक्ट्स बड़ी कंपनियों को सप्लाई किए गए सुनील त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि जयश्री गायत्री फूड्स ने अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को मिलावटी डेयरी प्रोडक्ट्स सप्लाई किए। उनका दावा है कि कंपनी ने दुनिया की कई बड़ी कंपनियों को मिलावटी पनीर और घी सप्लाई किया।

सुनील ने FSSAI की रिपोर्ट भी भेजी और बताया कि पिज्जा बनाने वाली कंपनी डोमिनोज को भी 13 टन मिलावटी पनीर सप्लाई किया था। इसी तरह शारजाह की कंपनी को भी मिलावटी पनीर सप्लाई किया।

मोदी की सफाई: कंपनी के लोगों ने ही बदनाम करने की साजिश रची। मोदी ने कहा, ‘हमारे पास डोमिनोज नॉर्थ इंडिया का पूरा टेंडर था। हमें माइनस 18 डिग्री तापमान पर प्रोडक्ट्स भेजने थे, लेकिन गाड़ी के AC में दिक्कत होने की वजह से बैक्टीरिया संक्रमण हो गया। इस कारण 13 टन पनीर खराब हो गया।

इसी तरह की समस्या शारजाह में सामने आई, जिसके चलते कंपनी ने पनीर लौटा दिया। मिलावट का आरोप गलत है। असल में समस्या सप्लाई चेन में खराबी के कारण हुई थी।’

आरोप3: ब्लैकमेलिंग और झूठी एफआईआर कर जेल भेजा सुनील का कहना है कि उनके ऊपर कंपनी से धोखाधड़ी करने के गलत आरोप लगाए गए थे। उन्हें 6 महीने तक जेल में रहना पड़ा था। सुनील का कहना है कि मुझे जेल से ब्लैकमेल किया जाता था और मेरे जेल के अंदर की तस्वीरें परिवार वालों को भेजी जाती थी। सुनील ने कहा है कि उनके ऊपर दबाव बनाकर जेल से झूठे मेमोरेंडम पर साइन करवाए गए थे।

मोदी की सफाई: सुनील ने खुद के और पत्नी-भतीजे के नाम पर कंपनी बनाई थी। उसने जयश्री गायत्री फूड से करोड़ों के पनीर का हेरफेर किया था। मोदी ने कहा है कि सुनील ने ही जेल में 22 नवंबर को मेमोरेंडम साइन किया था और ये माना था कि उसने अन्य साथियों के साथ मिलकर कंपनी से ही प्रोडक्ट चोरी कर बाजार में बेचे थे और अपनी एक फर्म बनाई थी।

11 साल में कंपनी का टर्न ओवर 1.75 करोड़ से 600 करोड़ पहुंचा

अब जानिए, कंपनी कब-कब विवादों में रही

  • 19 जनवरी 2022: कंपनी के खिलाफ सीहोर के पिपलिया मीरा गांव के लोगों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) को शिकायत की। शिकायत में कहा कि कंपनी के रासायनिक युक्त अपशिष्ट पानी की वजह से फसलें खराब हो रही हैं। पीसीबी ने जांच की और फैक्ट्री के संचालन पर रोक लगा दी। साथ ही 1 करोड़ 20 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
  • 7 अगस्त 2023: दुबई के कारोबारी ने एमपी के गृहमंत्री को एक पत्र लिखा। इसमें कहा गया कि जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्रा. लिमिटेड के प्रोडक्ट मिलावटी हैं।
  • 29 अगस्त 2023: किशन मोदी ने अपनी कंपनी में सीईओ रहे सुनील त्रिपाठी, हितेश पंजाबी, वामिक सिद्दीकी और बलजीत शर्मा के नाम से हबीबगंज थाने में FIR दर्ज कराई। आरोप लगाया कि त्रिपाठी ने 15 करोड़ का घोटाला किया। त्रिपाठी ने अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई, लेकिन खारिज हो गई।
  • अक्टूबर 2023: खाने-पीने की चीजों को सुरक्षा मापदंडों का लाइसेंस देने वाले FSSAI ने जयश्री गायत्री फूड के सैंपल लिए। 26 अक्टूबर को रिपोर्ट दी। इसमें कहा कि कंपनी लोगों की मेंटल हेल्थ और धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। 18 सेंपल फेल हो गए। रिपोर्ट के मुताबिक, सैंपल में एनिमल फैट यानी जानवरों की चर्बी मिली।
  • 20 नवंबर 2023: मोदी की शिकायत पर त्रिपाठी को जबलपुर से गिरफ्तार किया गया। 10 दिन पुलिस रिमांड पर रखा गया। 30 नवंबर 2023 को जेल भेज दिया। त्रिपाठी को 15 जुलाई 2024 को इस केस में जमानत मिली।
  • दिसंबर 2023: कंपनी के ठिकानों पर सेंट्रल जीएसटी ने छापामार कार्रवाई की। इसमें टैक्स चोरी के दस्तावेज मिले।
  • 28 जुलाई 2024: मिलावटी प्रोडक्ट की रिपोर्ट आने के बाद मध्यप्रदेश ईओडब्ल्यू ने कंपनी के ठिकानों पर छापा मारा और कंपनी के डायरेक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
  • 29 जनवरी 2025: ईडी ने कंपनी के ठिकानों पर कार्रवाई की। ईडी को विभिन्न कम्पनियों और परिवार के सदस्यों के नाम पर 66 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी मिली। सर्चिंग के दौरान ईडी को कई दस्तावेज, 25 लाख नकदी और लग्जरी कारें मिली हैं। जिन्हें जब्त कर लिया गया है। ईडी ने कंपनी की एफडी के 6.26 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिए हैं।

सांची से लेकर दुबई तक कारोबार

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