सौरभ ने अविरल कंस्ट्रक्शन कंपनी में बनाया पार्टनर… कई जमीनों की करी खरीद-फरोख्त, लोकायुक्त की पूछताछ में शरद-चेतन ने किए बड़े खुलासे — देखें VIDEO

आरटीओ का पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा, उसके सहयोगी शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं। उन्हें लोकायुक्त कोर्ट ने मंगलवार को जेल भेजा था। इससे पहले लोकायुक्त की टीम ने तीनों से 6 दिन तक पूछताछ की थी।

इस पूछताछ में शरद और चेतन ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। शरद ने बताया कि उसकी मुलाकात सौरभ से साढ़े चार साल पहले हुई थी। शरद ने यह भी कबूल किया कि सौरभ ने उसके कहने पर कई जमीनों की खरीद-फरोख्त की। वहीं, चेतन ने पूछताछ में बताया कि सौरभ ही उसे ग्वालियर से भोपाल लाया था।

लोकायुक्त की टीम सौरभ, चेतन और शरद को दो गाड़ियों में कोर्ट लेकर पहुंची थी।

शरद का कबूलनामा

स्वयं को आरटीओ अधिकारी बताता था सौरभ

लोकायुक्त की पूछताछ में शरद ने कहा- सौरभ से मेरी मुलाकात केवल साढ़े चार साल पुरानी है। मैं पहले से कंस्ट्रक्शन फील्ड में था। रोहित तिवारी के नाम से सौरभ ने ई-7/78 नंबर बंगला खरीदा था। इस बंगले के मोडिफिकेशन का काम मैंने किया।

सौरभ मेरे काम की अक्सर तारीफ करते थे। हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई। शुरुआत में वह स्वयं को आरटीओ का अधिकारी बताते थे। धीरे-धीरे सौरभ को मेरे काम में रुचि जागने लगी।

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अविरल कंस्ट्रक्शन में शरद और चेतन भागीदार

शरद ने कहा- सौरभ ने मुझे ऑफर दिया कि कंस्ट्रक्शन के बड़े ठेके उठाए जाएं। रुपए की कमी होने पर वे मदद करेंगे। इसके बाद हमने साथ काम शुरू किया। कई जमीनों की खरीद-फरोख्त सौरभ ने मेरे कहने पर की। इसे बेचकर मैंने रकम मुनाफा सहित लौटा दी।

धीरे-धीरे उन्होंने मुझे होटल संचालन और रेस्टोरेंट बिजनेस की देखरेख का जिम्मा भी दिया। उन्होंने ही अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया, जिसमें चेतन और मुझे बराबरी का हिस्सेदार बताया। यह एकमात्र कंपनी है, जिसमें मैं और चेतन पार्टनर हैं।

लोकायुक्त टीम ने 19 दिसंबर को सौरभ शर्मा के घर-दफ्तर पर छापा मारा था। यहां से चांदी की सिल्लियां भी मिली थीं।

शरद बोला- पूरी संपत्ति का हिसाब दे सकता हूं अपनी बेगुनाही को सिद्ध करने के लिए शरद ने कहा- मैं अपनी पूरी संपत्ति का हिसाब दे सकता हूं। उसने बताया कि चेतन, जयपुरिया स्कूल में सौरभ के साधारण कर्मचारी की हैसियत से दो कमरों में रहता था। उसके नाम पर जो करोड़ों रुपए की संपत्ति है, वह सौरभ की है।

इसी तरह चेतन ने लोकायुक्त के अधिकारियों को बताया कि पांच साल पहले सौरभ उसे ग्वालियर से भोपाल लाया था। वह सौरभ के पास सैलरी पर जॉब करता था।

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ज्यादा पूछताछ होने पर खुद को बताया बीमार

लोकायुक्त के ज्यादा पूछताछ करने पर शरद लगातार खुद को बीमार बताता रहा। शुरुआती दिनों में उसने एन्जायटी की शिकायत की। इसके बाद उसने लंबे समय तक एक स्थान पर बैठने और खड़े रहने में असमर्थता जताई। उसने लोकायुक्त को अगस्त महीने में अपने दोनों घुटनों के ऑपरेशन की जानकारी दी।

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मुंबई के प्रतिष्ठित कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएट है शरद

शरद मुंबई के एक प्रतिष्ठित कॉलेज से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) है। इसके बाद उसने नागपुर, भोपाल, इंदौर में कंस्ट्रक्शन के कई काम किए। चार साल पहले उसकी पत्नी और उसने सेपरेट होने का फैसला लिया। शरद के दोनों बच्चों की कस्टडी उसी के पास है। शरद बैडमिंटन और क्रिकेट का अच्छा प्लेयर है। भोजपुर क्लब का रजिस्टर्ड मेंबर है।

शरद के पिता वल्लभ भवन के क्लास टू ऑफिसर रहे हैं। वे रिटायर्ड हो चुके हैं। लोकायुक्त की पूछताछ में शरद ने बताया कि पुश्तैनी जमीन को बेचने के बाद पिता ने उसे कारोबार शुरू कराया था।

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लोकायुक्त के बाद अब ईडी करेगी पूछताछ

 लोकायुक्त के बाद अब आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा समेत शरद और चेतन से ईडी पूछताछ करेगी। बुधवार को ईडी की टीम भोपाल केंद्रीय जेल पहुंची।

सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को सिर्फ सौरभ से पूछताछ की गई। सौरभ की प्रॉपर्टी, इन्वेस्टमेंट के साथ उसकी कंपनियों में हिस्सेदारी और विदेशी निवेश से जुड़े मसलों को भी ईडी ने निशाने पर रखा है। सौरभ से मिले जवाबों के आधार पर ईडी के अफसर चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल से अलग-अलग पूछताछ कर सकते हैं। इसके बाद आमने-सामने बैठाकर पूछताछ और जवाबों को क्रॉस चेक किया जा सकता है।

आयकर विभाग बना रहा पूछताछ की रणनीति

 मामले में आयकर विभाग ने सौरभ शर्मा से पूछताछ को लेकर कोई रणनीति फाइनल नहीं की है। एक-दो दिन में आयकर विभाग पूछताछ संबंधी अगला स्टेप ले लेगा। विभाग के इन्वेस्टिगेशन डीजी सतीश गोयल अधिकारियों से चर्चा कर प्लान को अंतिम रूप दे रहे हैं।

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