गूगल का कड़ा फैसला; प्ले स्टोर पर लगाने जा रही टैक्स

गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर मौजूद सभी ऐप डेवलपर्स को अगले साल से किसी भी डिजिटल प्रोडक्ट को बेचने या उसके इन-ऐप परचेज  के लिए गूगल के इन-ऐप पेमेंट सिस्टम Google billing system का इस्तेमाल करना होगा। गूगल के इस फैसले से ऐप डेवलपर्स को Google Play Store पर किसी भी एंड्रॉयड सॉफ्टवेयर या किसी दूसरे डिजिटल प्रोडक्ट को बेचने पर गूगल को 30% फीस चुकानी होगी। अगर कोई ऐप डेवलपर प्ले स्टोर पर 100 रुपये का कोई ऐप या सॉफ्टवेयर बेचता है तो फीस के तौर पर उसे गूगल को उसमें से 30 रुपये देने होंगे।

गूगल ने मंगलवार को कहा कि प्ले स्टोर के माध्यम से डिजिटल सामग्री बेचने वाले ऐप को गूगल प्ले बिलिंग प्रणाली का इस्तेमाल करना होगा और ऐप से हुई बिक्री का 30 प्रतिशत शुल्क के तौर पर देना होगा। गूगल ने कहा कि उसकी बिलिंग प्रणाली के इस्तेमाल की नीति पहले से बनी हुई है, लेकिन इसे स्पष्ट करने की जरूरत थी। गूगल के डायरेक्टर (बिजनेस डेवलपमेंट, गेम एंड एप्लिकेशंस) पूर्णिमा कोचिकर (Purnima Kochikar) ने कहा, हम प्ले बिलिंग नीति को स्पष्ट कर रहे हैं, जो लंबे समय से चली आ रही है। हरेक ऐप डेवलपर जो गूगल प्ले के जरिए अपनी डिजिटल सामग्री बेचता है, उन्हें Google billing system का इस्तेमाल करना होगा। कोचिकर ने कहा कि लगभग 98% प्रतिशत डेवलपर्स इस नीति को समझते हैं और इसका पालन करते हैं।

 

Physical Product बेचने पर नियम लागू नहीं:-कोई भी ऐप जो डिजिटल प्रोडक्ट की इन-ऐप खरीदारी की पेशकश करने का विकल्प चुनता है जैसे कि सिस्टम टूल के लिए अतिरिक्त फीचर्स को अनलॉक करना, या गेम कैरेक्टर को पावर-अप करने के लिए टोकन खरीदना या कराओके ऐप (karaoke app) में गाने के लिए भुगतान करना, इन सभी को Google Play की बिलिंग प्रणाली का उपयोग करना होगा। गूगल ने कहा कि मौजूदा ऐप डेवलपर्स को सितंबर 2021 से गूगल बिलिंण प्रणाली का इस्तेमाल करना होगा। वहीं, नए ऐप के लिए यह 1 जनवरी 2021 से लागू होगा। हालांकि, यदि डेवलपर कोई भौतिक वस्तु बेचता है या अपनी वेबसाइट के जरिए भुगतान लेता है, तो उसे प्ले बिलिंग की जरूरत नहीं होगी।

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