शहर में शनिवार रात तीन पुलिसकर्मी शराब पीकर कार दौड़ाते हुए रावजी बाजार की भीड़ में घुस गए, जिससे 5 लोग घायल हो गए। हादसे के बाद इलाके में भगदड़ मच गई, लेकिन गुस्साए लोगों ने कार रोकी और पुलिसकर्मियों को पकड़ लिया। इन नशे में धुत पुलिसवालों को देखकर लोग नाराज हो गए और नारे लगाने लगे। फिर पुलिस अधिकारियों को सूचना दी।

बाल-बाल बची दो लड़कियां
हादसा रावजी बाजार की सबसे भीड़भाड़ वाली गली में हुआ। कार बेकाबू होकर सब्जी की गुमठियों और दवा लेने आई दो युवतियों के पास जा घुसी। गनीमत रही कि दोनों लड़कियां बाल-बाल बच गईं, वरना हादसा जानलेवा साबित हो सकता था।
चश्मदीदों के मुताबिक, कार के अंदर से तीन वर्दीधारी पुलिसकर्मी उतरते दिखे, जो नशे में धुत दिखाई दे रहे थे। लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने कार फिर दौड़ा दी। इस दौरान पांच लोगों को टक्कर मारकर घायल कर दिया।

तेज रफ्तार में थी कार
रावजी बाजार के दुकानदार सुनील जैन ने बताया कार इतनी तेज़ थी कि लोगों ने सोचा कोई बदमाश भाग रहा होगा।
लेकिन जब दरवाजा खुला और पुलिस की वर्दी में लोग निकले, तो सब हक्के-बक्के रह गए। हमने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी, वरना वो फिर किसी को कुचल देते।
ड्यूटी खत्म, नशा शुरु, जांच में खुली पोल
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि तीनों पुलिसकर्मी शनिवार को ड्यूटी खत्म होने के बाद पास के एक ठेके से शराब लेकर निकले थे। नशे में उन्होंने कार से रावजी बाजार की तरफ कार दौड़ाई (इंदौर के पुलिसकर्मियों ने भीड़ को मारी टक्कर) और बेकाबू होकर भीड़ में जा घुसे।
कांस्टेबल चला रहा था कार
एडिशनल डीसीपी दिशा अग्रवाल ने बताया कि कार को संयोगितागंज थाने में पदस्थ कांस्टेबल अनिल चला रहा था। कार में भंवरकुआं में पदस्थ हेड कांस्टेबल सुदर्शन और आजाद नगर थाने का हेड कांस्टेबल वेदांत भी था।
वर्दी में नशा बर्दाश्त नहीं

indore accident news: डीसीपी
अग्रवाल के अनुसार प्रारंभिक जांच में यह साफ है कि वे ड्यूटी पर नहीं थे और निजी वाहन में शराब पीकर घूम रहे थे। ऐसे कर्मियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि वर्दी पहनकर शराब पीना, पुलिस बल की मर्यादा और जनता के विश्वास दोनों का अपमान है।