राजगढ़ में लोकायुक्त ने मत्स्य महासंघ की जिलाधिकारी के असिस्टेंट को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। यह रकम कथित तौर पर जिलाधिकारी सुरेखा सराफ के लिए ली जा रही थी। सूचना मिलते ही अफसर ऑफिस और घर से फरार हो गईं। उनके मोबाइल नंबर भी बंद है।
मामला रविवार का है। लोकायुक्त ने जिलाधिकारी सुरेखा और उनके अस्थायी कर्मचारी मुबारिक गौरी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस और लोकायुक्त की टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं।
मत्स्य महासंघ की जिलाधिकारी के असिस्टेंट को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।
हर महीने तीन लाख रुपए देने का था दबाव
लोकायुक्त निरीक्षक रजनी तिवारी ने बताया कि सुरेखा सराफ के आउटसोर्स कर्मचारी मुबारिक गौरी को जीरापुर के छापीहेड़ा नाके पर एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। फरियादी अनवर कादरी ने शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि मत्स्य महासंघ की जिलाधिकारी उन पर हर महीने तीन लाख रुपए देने का दबाव बना रही थी, ताकि उनका मछली पालन का काम बिना रुकावट जारी रह सके।
7 साल के लिए मिला था मछली पालन का ठेका
लोकायुक्त निरीक्षक रजनी तिवारी ने बताया कि इंदौर निवासी और वार्ड 58 के पार्षद अनवर कादरी ने अपने दो साझेदारों के साथ कुंडालिया डैम में सात साल के लिए मछली पालन का ठेका लिया है। नवंबर 2024 से काम शुरू हुआ, लेकिन सुरेखा सराफ ने काम में लगातार बाधा डालनी शुरू कर दी। पहले तीन लाख रुपए प्रति माह की मांग की गई, फिर एक लाख रुपए माह पर बात तय हुई, लेकिन बीते चार महीने की कुल चार लाख की राशि मांगी जा रही थी।
महिला अफसर की गिरफ्तारी में जुटी टीमें
लोकायुक्त ने सुरेखा सराफ और मुबारिक गौरी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 7 और 12 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। टीम अब इस मामले की तह तक जाने के लिए और सबूत जुटा रही है। साथ ही सुरेखा सराफ की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
अनवर कादरी पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था। झूठी कार्रवाई का डर पैदा कर टेंडर रद्द करने की धमकी दी जा रही थी। जिसके बदले में उनसे 3 लाख रुपए प्रति माह रिश्वत की मांग की गई थी।
रजनी तिवारी
लोकायुक्त निरीक्षक