इंदौर चिड़ियाघर में रविवार रात 10.30 बजे मादा जेब्रा ने बच्चे को जन्म दिया है।
इंदौर चिड़ियाघर में रविवार रात 10.30 बजे अफ्रीकन जेब्रा ने जन्म लिया। एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत जामनगर से 5 महीने पहले जेब्रा का जोड़ा लाया गया था। बेबी जेब्रा पूरी तरह से स्वस्थ है। पर्यटक जल्द ही इसके दीदार कर सकेंगे।
चिड़ियाघर मैनेजमेंट ने कहा कि MP में पहली बार किसी अफ्रीकन जेब्रा ने जन्म लिया है। पूरे प्रदेश में जेब्रा सिर्फ इंदौर जू में है जिनकी संख्या बढ़कर अब 3 हो गई है। जन्म लेने के कुछ ही घंटे बाद बेबी जेब्रा पैरों पर खड़ा हो गया और चहलकदमी करने लगा।
इंदौर जू को यह जेब्रा का जोड़ा तीन राज्यों में 3 साल तक कोशिश करने के बाद मिला था। यह गुजरात से मिला था जिसके बदले इंदौर से व्हाइट टाइगर भेजा जाएगा
अफ्रीकन जोड़े के साथ बेबी जेब्रा।
रातभर मां के साथ रहा, सुबह पैरों पर खड़ा हुआ
चिड़ियाघर के क्यूरेटर निहार पारुलेकर ने बताया अफ्रीकन जेब्रा के जोड़े ने रविवार रात 10.30 बजे एक बच्चे को जन्म दिया है। मादा और बेबी जेब्रा दोनों स्वस्थ हैं। वह रातभर मां के ही पास रहा और सोमवार सुबह तक धीरे-धीरे पैरों पर खड़े होकर चहलकदमी करने लगा है।
बेबी जेब्रा ने जन्म के कुछ घंटों बाद ही चलना शुरू कर दिया। यह चित्र सोमवार सुबह का है। इसे पास खड़ी मादा जेब्रा ने रविवार रात जन्म दिया था।
महाराष्ट्र, कर्नाटक ने नहीं दिया, गुजरात से आया था जोड़ा
इंदौर चिड़ियाघर प्रबंधन ने इंदौर में जेब्रा जोड़ा लाने के लिए प्रयास किए थे। प्रबंधन तीन साल के प्रयास के बाद सफल हो पाया था। अफ्रीकन जेब्रा के लिए मुंबई के वीरमाता जीजाबाई भोंसले चिड़ियाघर को प्रस्ताव भेजा था। साथ ही सेंट्रल जू अथारिटी से एनिमल एक्सचेंज के तहत अनुमति चाही थी। वहां से तब हरी झंडी मिल गई थी।
मुंबई और इंदौर कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अफ्रीकन जेब्रा को मुंबई चिड़ियाघर से इंदौर भेजने की तैयारी पूरी हो चुकी थी। महाराष्ट्र में फाइनल निर्णय लेने में दिक्कत आ गई और मामला अटक गया।
इसके चलते कर्नाटक और गुजरात से जेब्रा मांगा गया। अंतत: गुजरात से यह सहमति बनी। पांच महीने पहले जेब्रा आ गए। बदले में व्हाइट टाइगर जामनगर-गुजरात को देना तय हुआ है।
जू में 245 विदेशी पक्षी, जानवर बाहर से आए हैं
52 एकड़ में फैले चिड़ियाघर में 1300 से ज्यादा वन्यप्राणी हैं। इनमें नौ शेर, 11 बाघ और चार तेंदुए शामिल हैं। 10 शावकों ने बीते 11 महीने में जन्म लिया है। हिरण और सियार की संख्या पचास से अधिक है। यहां स्नेक और बर्ड हाउस भी बना है। जो यहां आने वाले लोगों को काफी आकर्षित कर रहे हैं। बर्ड हाउस में 40 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी हैं। ग्रीन विग मकाऊ, ब्लू एड गोल्ड मकाऊ, कैपडोवे, लारी, उड़ने वाली गिलहरी, ग्लाइडर सहित कई पक्षी शामिल हैं।
इंदौर जू में कई बार एनिमल एक्सचेंज के तहत जानवरों को लाया गया है। 80 से ज्यादा प्रजातियों के 245 से ज्यादा विदेशी पक्षी और जानवर आए हैं। इनमें सांप, मकाऊ, इगुआना, कछुए, पाकेट मंकी, फिनएच, कानोट, लारी सहित अन्य पक्षी शामिल हैं।
पूरे प्रदेश में जेब्रा सिर्फ इंदौर जू में है जिनकी संख्या बढ़कर अब 3 हो गई है।