बदलने वाला है Facebook का नाम, लेकिन क्यों? जानिए पूरी कहानी

सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक अपना नाम बदलने की योजना बना रही है. जी हां. कुछ दिनों में हो सकता है कि फेसबुक का नाम बदल भी जाए. द वर्ज  की एक रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक के सीईओ मार्क ज़करबर्ग 28 अक्टूबर को होने वाली कंपनी की कनेक्ट कॉन्फ्रेंस में नाम बदलने की योजना पर बात कर सकते हैं. हालांकि, ये भी संभावना है कि फेसबुक अपनी री-ब्रांडिंग की खबर कॉन्फ्रेंस से पहले शेयर कर दे. लेकिन फेसबुक ने इन खबरों पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है.

क्या प्लानिंग कर रहे हैं मार्क ज़करबर्ग:-अभी इस साल जुलाई में अपने बिग प्लान की झलक दी थी. फेसबुक एक आभासी दुनिया बनाने जा रहा है और काफी वक्त से वो इसकी तैयारी कर रहा है. मार्क ज़करबर्ग ने कहा था कि उनकी कंपनी मुख्य तौर पर सोशल मीडिया कंपनी रहने के बजाय अगले पांच सालों में एक मेटावर्स कंपनी बनने जा रही है. यानी कि मार्क ज़करबर्ग अब बस फेसबुक के लिए ही नहीं जाने जाना चाहते हैं, बल्कि वो एक मेटावर्स बनाने के लिए जाने जाना चाहते हैं.

मेटावर्स के कॉन्सेप्ट के बारे में मार्क ज़करबर्ग कुछ वक्त से बात कर रहे हैं. मेटावर्स फेसबुक का वो प्लान है, जिसके तहत वो एक वर्चुअल रियलिटी वर्ल्ड तैयार करेगा. इसमें वर्चुअल वातावरण में सोशल कनेक्टिविटी का प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा. इस तकनीक के तहत कोई भी वर्चुअल रियलिटी ग्लासेज़ पहन लेगा और उसे अहसास होगा कि वो अपने किसी दोस्त से आमने-सामने बात कर रहा है, भले ही उसका दोस्त हजारों मील दूर बैठा हो और दोनों बस इंटरनेट से एक-दूसरे से कनेक्टेड हों.

फेसबुक ने अभी इसी हफ्ते इस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए 10,000 से ज्यादा नौकरियां पैदा करने की घोषणा की थी. फेसबुक की ओर से एक ब्लॉगपोस्ट में कहा गया था कि ‘इस मेटावर्स में नई रचनात्मक, सामाजिक और आर्थिक संभावनाओं के द्वार खोलने की क्षमता है और यूरोपियन इसकी शुरुआत से ही इसे आकार देने का काम करेंगे. आज हम अगले पांच सालों तक यूरोपियन यूनियन में 10,000 हाई स्किल्ड जॉब पैदा करने की घोषणा कर रहे हैं.’

ऐसा पहली बार नहीं होगा:-अपना नाम बदलकर रीब्रांडिंग करने वाला फेसबुक पहली कंपनी नहीं बनेगा. Google पहले ही ऐसा कर चुका है. सर्च इंजन की तरह शुरुआत करने वाली कंपनी ने 2015 में Alphabet Inc. कंपनी की शुरुआत की और इसे अपनी होल्डिंग कंपनी बनाया. इसके तहत कंपनी अब बस सर्च इंजन नहीं है, एक कॉन्गलोमरेट की कंपनी बन चुका है, जो कई क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी रखती है.

फेसबुक की रीब्रांडिंग के बाद गूगल की ही तरह फेसबुक का सोशल मीडिया ऐप भी इसके बाकी प्लेटफॉर्म्स की तरह एक प्रॉडक्ट बन जाएगा.

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