India UK Free Trade Agreement: लग्ज़री कार और प्रीमियम बाइक्स के शौकीनों के लिए अच्छी ख़बर है. बहुत जल्द ही जगुआर लैंडरोवर, रोल्स रॉयस और एस्टन मार्टिन जैसी लग्ज़री कारें सस्ती हो जाएंगी. भारत और यूनाइटेड किंगडम ने एक ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA), व्यापारिक समझौता किया है. इस एग्रीमेंट से न केवल दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और मजबूत होंगे बल्कि हमारे देश के ऑटोमोटिव क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलने की पूरी उम्मीद है. इसके अलावा दोनों देशों के लिए सस्ते आयात के दरवाजे भी खुलेंगे. इस एग्रीमेंट का सबसे बड़ा असर लग्ज़री और प्रीमियम वाहनों के आयात पर देखने को मिलेगा, जिससे इनकी कीमत में भारी कटौती के आसार हैं.
क्या है FTA एग्रीमेंट?
दरअसल, भारत और यूनाइटेड किंगडम ने आधिकारिक तौर पर फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं. जिसके बाद लगभग तीन वर्षों से अधिक समय तक चल रहा एक लंबा नेगोशिएशन खत्म हुआ है. इस एग्रीमेंट से 2040 तक दोनों देशों के बीच कुल एनुअल ट्रेड में तकरीबन 25.5 बिलियन पाउंड का इजाफा होने का अनुमान है. इस एग्रीमेंट के यूनाइटेड किंगडम से आयात किए जाने वाले प्रोडक्ट्स पर आयात कर को कम करने का फैसला किया गया है, जिसका सीधा असर वाहनों की मौजूदा उंची कीमत पर भी देखने को मिलेगा.
इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से इंडियन एक्सपोर्ट को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि ये समझौता दोनों देशों के बीच आयात और निर्यात होने वाले प्रोडक्ट्स पर लागू होगा. इस एग्रीमेंट के तहत यूनाइटेड किंगडम भारत से एक्सपोर्ट होने वाले तकरीबन 99 प्रतिशत सामानों पर लगने वाला भारी टैरिफ हटा देगा. हालांकि इस समझौते के तहत कपड़ा, मरीन फूड (समुद्री खाद्य), ऑटो कंपोनेंट और चमड़ा उत्पाद जैसे कई प्रोडक्ट शामिल हैं. लेकिन इसका एक बड़ा लाभ देश के ऑटो सेक्टर को भी मिलेगा.
कितना होगा लाभ?
जहां एक तरफ यूनाइटेड किंगडम भारत से एक्सपोर्ट होने वाले गुड्स पर टैरिफ को कम करेगा वहीं भारत भी यूनाइटेड किंगडम से आयात होने वाले सामानों पर लगने वाले ड्यूटी में कटौती करेगा. इस ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के तहत भारत, यूनाइटेड किंगडम से आयात (Import) किए जाने वाले लग्ज़री और हाई-एंड कारों पर लगने वाले मौजूदा टैरिफ को 100% से घटाकर केवल 10% कर देगा.
कौन सी कारें होंगी सस्ती?
चूंकि ब्रिटेन में बनी कारों पर आयात शुल्क में भारी कमी आएगी, इसलिए जगुआर लैंडरोवर, एस्टन मार्टिन, बेंटले और रोल्स रॉयस जैसे वाहन निर्माताओं की कारें सस्ती होंगी. ये सभी कार निर्माता कंपनियां ब्रिटेन में वाहनों का निर्माण करती हैं और भारत में अपनी कारों को आयात करती हैं. ऐसे में हाई इंपोर्ट ड्यूटी चलते आम ग्राहकों तक पहुंचते-पहुंचते इन कारों की कीमत काफी उंची हो जाती है. ऐसे में टैरिफ में कटौती से इन कार कंपनियों के पोर्टफोलियो में कीमतों में कटौती का लाभ मिलने की संभावना है.
ब्रिटेन सरकार की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि उसने “मूल नियमों के आधार पर भारत के साथ अब तक का सबसे अच्छा समझौता किया है. यह दर्शाता है कि भारत को निर्यात की जाने वाली कारों को नए टैरिफ नियमों का पालन करने के लिए लोकल कंटेंट की आवश्यकता नहीं होगी. हालांकि दोनों सरकारों की तरह से अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि कितने मॉडल टैरिफ-मुक्त होंगे, और किन मॉडलों को “हाई-एंड कारों” (High-End Car) की श्रेणी में रखा जाएगा.
650 करोड़ रुपये की कारें हुई थीं इंपोर्ट:
बताते चलें कि, बीते साल 2024 में भारत ने ब्रिटेन से तकरीबन 650 करोड़ रुपये की कारों को आयात किया था. जबकि मोटरसाइकिल आयात तकरीबन 30 करोड़ रुपये रहा है. कारों के अलावा बहुत से ब्रिटिश टू-व्हीलर ब्रांड भी हैं जो भारत में अपने दोपहिया वाहनों की बिक्री करते हैं. इसके अलावा भारत सरकार की साइट पर वर्ष 2024 के दौरान 1,150 करोड़ रुपये के ऑटो पार्ट्स को भी आयात किए जाने की जानकारी दी गई है.