इंदौर में कांग्रेस कलह: दिग्विजय सिंह पर भड़के शहर अध्यक्ष चिंटू चौकसे — सुरजीत चड्ढा संग गाली-गलौज वाला ऑडियो लीक, ‘किसी के बाप के नौकर हैं क्या?’ बयान से मचा बवाल

शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे और पूर्व अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा का एक ऑडियो लीक हो गया है. इस ऑडियो में दोनों कांग्रेस नेता पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बारे में बात कर रहे है.

इस कथित ऑडियो में गुस्साए चिंटू चौकसे को सुरजीत शांत करने की कोशिश करते हुए समझाते है की वो (Digvijay Singh) पिता तुलय है लेकिन फिर भी सुरजीत के समझने के बाद भी चिंटू का गुस्सा कम नहीं होता है और वो कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को गालियां बकने लगते है.

सुरजीत चड्ढा : मेरी बात समझना चिंटू, दिग्विजय सिंह जी का कद बहुत बड़ा है, अगर वो जा रहे हैं… तुमको मीटिंग में ये बात आज बोलना नहीं थी

चिंटू चौकसे : फिर उन्होंने ये कैसे बोल दिया कि चिंटू मत आना, वो मत आना, उनके बाप के नौकर हैं क्या अपन?

सुरजीत चड्ढा : ये गलत बात है, आपकी भाषा गलत है… हैं तो वो पिता तुल्य

चिंटू चौकसे : अगर पिता तुल्य हैं तो जयवर्धन सिंह को सार्वजनिक रूप से डांट दो कि मेरे पास मत आना, किसी के बाप के नौकर हैं क्या? पिता तुल्य हैं तो क्या सार्वजनिक रूप से गाली बकेंगे?

सुरजीत चड्ढा : ऐसी क्या… ऐसा क्या बोल दिया उन्होंने

चिंटू चौकसे : राजू भदौरिया किसी की नौकरी कर रहा है क्या?…जो खिलाफ बोलेगा  देंगे… वो कोई भी हो

विवाद की जड़

दिग्विजय सिंह और चिंटू चौकसे के बीच विवाद की शुरुआत करीब एक महीने पहले सितंबर माह के आखरी हफ्ते में हुई थी। इंदौर के शीतलामाता बाजार में कुछ दुकानों से मुस्लिम कर्मचारियों को उनके धर्म की वजह से हटाए जाने की खबर सामने आने के बाद दिग्विजय इंदौर पहुंचे और उन्होंने बाजार के व्यापारियों से मिलकर इस विषय पर चर्चा की थी.

इस पुरे घटनाक्रम के समय शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे की अनुपस्तिथि ने सबको हैरान कर दिया था। इस घटना के अगले दिन कांग्रेस कार्यालय पर हुई बैठक में चिंटू चौकसे ने बिना नाम लिए दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए बोला था कि

हालांकि चौकसे की नाराजगी की असली वजह दिग्विजय सिंह द्वारा उनके करीबी राजू भदौरिया को मिलने से मना करने के साथ ही फटकार लगाना बताया गया था। दिग्विजय सिंह राजू भदौरिया के गरबा पंडालों से मुसलमानों की दूकान हटाने की बीजेपी नेताओं की मुहिम का समर्थन करने से नाराज थे।

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