
मोहन ने ‘क्रांति’ का ‘सम्मान’ कर मध्यप्रदेश का मान बढ़ाया है…
नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम पर जब दक्षिण अफ्रीका का अंतिम विकेट गिरा तब भारतीय महिला टीम को मानो ‘क्रिकेट की पटेल’ का खिताब हासिल हो गया। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार महिला वनडे विश्व कप जीता। भारतीय महिला क्रिकेट टीम को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पाने में पूरे 47 साल लग गए। पर इस जीत ने 140 करोड़ भारतीयों की उम्मीदों में रंग भर दिया। और इस रंग की चमक में मध्यप्रदेश की क्रांति ने जो आभा बिखेरी, उससे प्रदेश की पूरी 9 करोड़ आबादी का सीना गर्व से भर गया। और मध्यप्रदेश का मान बढ़ाने वाली बेटी क्रांति को सम्मान देने में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी पीछे नहीं रहे। तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ के लिए डॉ. मोहन यादव ने खजाना खोल दिया। 3 नवंबर 2025 को डॉ. मोहन यादव ने कहा, “बीती रात हमारे प्रदेश की बेटी और देश की बेटियों ने जिस प्रकार क्रिकेट में धूम मचाई, मैं उन्हें बधाई देना चाहता हूं। जब भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप फाइनल जीता, उस टीम में मध्य प्रदेश की क्रांति गौड़ भी शामिल हैं। मैं उन्हें बधाई देना चाहता हूं। मैं छतरपुर जिले से आने वाली क्रांति गौड़ के लिए 1 करोड़ रुपये इनामी राशि की घोषणा करता हूं।” यहां बात एक करोड़ की नहीं है। यहां बात बहिन-बेटियों को सम्मान देने वाली मध्यप्रदेश की पावन धरा की है। जिस पर मुखिया के नाते मोहन खरे उतरे हैं।
47 साल का लंबा इंतजार, अधूरे सपने और वर्षों की मेहनत। ये सब कुछ 2 नवंबर की रात उस एक पल में समा गया जब हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार महिला वनडे विश्व कप अपने नाम किया। वास्तव में यह दिलों में बसी उम्मीदों का चरमोत्कर्ष था। यह आधी आबादी को संबल देने वाली जीत है जो नजीर बन गई उनके लिए जो एक मुकाम हासिल करना चाहती हैं। भारत ने 1978 में पहली बार महिला विश्व कप में हिस्सा लिया था। 2005 व 2017 में मिताली राज की कप्तानी में भारत फाइनल तक पहुंचा, पर दोनों बार ट्राफी हाथ से फिसल गई। आखिरकार हरमनप्रीत की कप्तानी में टीम विश्वविजेता बन गई। महिला टीम की यह पहली आइसीसी ट्राफी है। 1983 में कपिल देव और 2011 में महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में पुरुष टीम ने वनडे विश्व कप जीता था। अब हरमनप्रीत कौर की अगुआई में बेटियों ने भी विश्व चैंपियन का तमगा हासिल कर लिया। यह जीत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट पर 297 रन का स्कोर खड़ा किया जो महिला वनडे विश्व कप फाइनल का दूसरा सर्वोच्च स्कोर है। जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम 246 रन पर आलआउट हो गई थी। दक्षिण अफ्रीका महिला क्रिकेट की कप्तान लौरा वोल्वार्ट (101) ने शतकीय पारी खेली, पर वह अपनी टीम को जीत नहीं दिला पाईं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रविवार रात देश की बेटियों ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम के साथ आईसीसी महिला एकदिवसीय विश्व कप-2025 में इतिहास रच दिया। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत के लिए उच्चतम मानक स्थापित करने वाली प्रगति का अभूतपूर्व स्तर है। यह प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई योजनाओं का भी परिणाम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय टीम पहली बार आईसीसी विश्व चैंपियन बनी है। उन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट टीम की जीत पर सभी खिलाड़ियों और देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। इस ऐतिहासिक जीत में प्रदेश की बेटी और टीम की ऑलराउंडर क्रांति गौड़ का भी अहम योगदान रहा। ऑलराउंडर क्रांति ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच (ग्रुप स्टेज) में भी 3 खिलाड़ियों को आउट किया था। उन्हें इस मैच में प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था। बुंदेलखंड की बेटी क्रांति गौड़ घरेलू क्रिकेट के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय और डब्ल्यूपीएल में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाकर झंडे गाड़ रही हैं। वह परिवार में 6 भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। मीडियम तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल में मात्र 3 ओवरों का स्पेल किया था, इसमें वह काफी किफायती रहीं। उन्होंने मात्र 16 रन दिए, हालांकि उन्हें विकेट नहीं मिल पाया था। पर उन्होंने टूर्नामेंट में खेले 8 मैचों में 9 विकेट लेकर अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवाया।
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के घुवारा ग्राम की रहने वाली क्रांति के पिता पुलिस आरक्षक हैं। वह पुलिस कॉलोनी के सरकारी घर में रहते हैं। क्रांति को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था, उनके परिवार ने हमेशा उनका साथ दिया। और इसीलिए क्रांति आज पूरे देश का साथ दे पाई और मध्यप्रदेश का मान बढा पाई। और इसीलिए पूरा मध्य प्रदेश क्रांति को सम्मान देकर खुद गौरवान्वित महसूस कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश की शान इस लाड़ली बेटी का मान रखकर पूरे प्रदेश का सम्मान बढ़ाया है… क्रांति तुम इसी तरह मध्यप्रदेश का मान बढ़ाती रहो और मध्यप्रदेश इसी तरह तुम्हारा सम्मान करता रहे।

कौशल किशोर चतुर्वेदी
कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं