मध्यप्रदेश की विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में हार को लेकर बीजेपी में मंथन चल रहा है। चुनाव प्रचार में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की गैर मौजूदगी पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब सिंधिया ने इस पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि उन्हें विजयपुर में प्रचार के लिए बुलाया ही नहीं गया।
शुक्रवार को जब सिंधिया ग्वालियर पहुंचे तो उन्होंने विजयपुर उपचुनाव में वन मंत्री रामनिवास रावत की हार पर कहा-
हमें चिंतन करना होगा। यह हार चिंता की बात है। यदि मुझसे वहां प्रचार का कहा होता, तो मैं जरूर जाता। मैं जनता का सेवक हूं।
सिंधिया के इस बयान के बाद शनिवार देर रात बीजेपी संगठन का जवाब आया। पार्टी के प्रदेश महामंत्री और विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा- विजयपुर के स्टार प्रचारकों की सूची में सिंधिया का नाम था। सीएम डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद ने उन्हें विजयपुर में आने के लिए आग्रह किया था। सिंधिया ने अपनी व्यस्तता के चलते नहीं आ पाने की बात कही थी। ऐसा नहीं है कि उनको नहीं बुलाया गया था। उनको आमंत्रित किया गया था।
कांग्रेस का तंज- आ भी जाते तो फर्क नहीं पड़ता मामले को लेकर कांग्रेस ने सिंधिया पर तंज कसा है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा- कोई शादी होती तो पीले चावल दिए जाते। सिंधिया को पार्टी ने केंद्रीय मंत्री बनाया है, उन्हें प्रचार के लिए जाना चाहिए था। वैसे विजयपुर कांग्रेस की परंपरागत सीट है, किसी के जाने या नहीं जाने से फर्क नहीं पड़ता। सिंधिया चले भी जाते तो नतीजे नहीं बदलते।
विजयपुर से वन मंत्री रावत उपचुनाव हारे हैं मध्यप्रदेश की दो विधानसभा सीटों- विजयपुर और बुधनी में उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोट डाले गए थे। 23 नवंबर को आए नतीजों में विजयपुर सीट से वन मंत्री रामनिवास रावत हार गए। यहां कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा ने 7364 वोटों से जीत दर्ज की। वहीं, बुधनी में भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव 13901 वोटों से जीते। उन्होंने कांग्रेस के राजकुमार पटेल को हराया।
रामनिवास रावत ने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। इसी दौरान मुकेश मल्होत्रा ने कांग्रेस जॉइन की थी। मुकेश पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार थे। तब 44 हजार वोट हासिल कर वे तीसरे नंबर पर रहे थे। मुकेश सहरिया समुदाय से आते हैं, जिनकी संख्या विजयपुर में अधिक है।