उज्जैन में शुक्रवार शाम को महाकाल मंदिर के गेट नंबर 4 के पास दीवार ढहने से दो लोगों की मौत हो गई। दो अन्य घायल हो गए।
‘पिछले साल जब स्मार्ट सिटी के अधिकारी रिटेनिंग वॉल के ऊपर नई दीवार बना रहे थे, तभी मैंने कहा था कि 8 इंच दीवार बनाने से क्या होगा, ये एक न एक दिन गिर जाएगी। तब अधिकारियों ने मेरी बात को अनसुना कर दिया था। जिसकी मैंने आशंका जाहिर की थी वो ही हुआ। एक साल पहले बनी दीवार ढह गई और दो लोगों की मौत हो गई।’
ये कहना है महाकाल मंदिर के गेट नंबर 4 के सामने बड़ा गणपति मंदिर के पुजारी विमल व्यास का। वे पंडित सूर्यनारायण व्यास के परिवार से हैं, जिन्होंने भारत की आजादी का शुभ लग्न निकालकर देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू को दिया था।
पंडित व्यास का मकान महाराजवाड़ा स्कूल की दीवार से सटा हुआ है। जो दीवार गिरी है उसकी वजह से उनके मकान की छत पर भी पानी भरने लगा था, जिसकी शिकायत उन्होंने अधिकारियों को की थी। स्थानीय कांग्रेस की पार्षद भी अधिकारियों पर ही लापरवाही का आरोप लगा रही हैं।
जो दीवार ढही उसके पीछे एक और दीवार बनाई गई है। इसका निर्माण मप्र पर्यटन विभाग ने कराया है। ये दीवार ही पुरानी दीवार के गिरने की वजह बनी है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें तो स्मार्ट सिटी ने प्रोजेक्ट हैंड ओवर किया था। वहीं कलेक्टर का कहना है कि पंडित व्यास के मकान की वजह से पूरा हादसा हुआ है। पढ़िए रिपोर्ट
पहले जानिए क्या है दीवार गिरने की वजह….
पानी की निकासी नहीं थी, प्रेशर से गिरी दीवार
महाकाल लोक फेज-2 के तहत महाराजवाड़ा स्कूल हेरिटेज बिल्डिंग का संरक्षण होना है। स्मार्ट सिटी ने इसका संरक्षण कर हेरिटेज होटल बनाया और एमपी टूरिज्म को सौंप दिया। खास बात यह है कि महाराजवाड़ा ऊंचाई पर है और मंदिर की तरफ का हिस्सा ढलान पर है। इसलिए यहां कुछ साल पहले रिटेनिंग वॉल बनाई गई थी।
हेरिटेज होटल का महाकाल लोक के साथ संविलियन किया जाना था। इसलिए रिटेनिंग वॉल के पहले एक और दीवार बननी थी। बाद में रिटेनिंग वॉल को ढहाना था। यह प्रोजेक्ट यूडीए के पास था, लेकिन स्टे होने की वजह से काम रुका था।
इधर, एमपी टूरिज्म ने होटल शुरू करने से पहले रिटेनिंग वॉल के पीछे 15 दिन पहले दीवार बनाना शुरू कर दी। दोनों दीवारों में 20 फीट का फासला है। दो दिन से हो रही बारिश से दोनों के बीच पानी को रास्ता नहीं मिला और रिटेनिंग वॉल का ऊपरी हिस्सा ढह गया।
सूचना मिलने के बाद रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। मलबा हटाने का काम शुरू किया।
अब जानिए रिटेनिंग वॉल के ऊपर दीवार बनाने में क्या लापरवाही हुई?
महाराजवाड़ा स्कूल से सटा हुआ मकान गणपति मंदिर के पुजारी विमल व्यास का है। वे बताते हैं कि 2016 के सिंहस्थ के दौरान 5 फीट की रिटेनिंग दीवार बनाई थी। उस समय रोड चौड़ा किया गया था, जिसमें मेरे मकान का हिस्सा भी टूटा है। इसके बाद स्मार्ट सिटी ने महाराजवाड़े को अधिगृहीत किया और वहां हेरिटेज होटल बनाया है।
उसका जो गार्डन बना है वहां इतनी मिट्टी भर दी कि पानी निकालने का कोई रास्ता ही नहीं छोड़ा। मैंने इसकी शिकायत तत्कालीन स्मार्ट सिटी सीईओ आशीष पाठक से की थी। इसके बाद पिछले साल सितंबर में रिटेनिंग वॉल के ऊपर आठ इंच चौड़ी दीवार बनाई। उस वक्त भी मैंने कहा था कि आठ इंच दीवार से कुछ नहीं होगा। इसकी शिकायत कलेक्टर को भी की थी।
व्यास बताते हैं कि पिछले साल अक्टूबर नवंबर में स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने रिटेनिंग वॉल और हेरिटेज होटल के बीच के स्पेस में लगभग 5 फीट मिट्टी भर दी थी। इसका लेवल मेरे मकान की छत के बराबर कर दिया था। जबकि, इसके लेवल को कम रखना था, ताकि पानी बाहर निकल सके।
पिछले साल जब हमारे घर में पानी आने लगा तो हमने भी 18 इंच चौड़ी आठ इंच ऊंची दीवार बनाई ताकि पानी घर में दाखिल न हो।
पार्षद बोलीं- स्मार्ट सिटी के इंजीनियर और अधिकारी दोषी
स्थानीय पार्षद माया राजेश त्रिवेदी कहती हैं कि दीवार ढहने से जिन दो लोगों की मौत हुई है वो प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही है। वे कहती हैं कि जो रिटेनिंग वॉल बनी है वो ऐरन की है। उसके ऊपर आठ इंच की दीवार बिना पिलर उठाए बना दी। इसके बाद इसमें 100 ट्रक मिट्टी भर दी। पानी को निकालने का कोई रास्ता ही नहीं बचा।
हेरिटेज होटल वालों ने 15 दिन पहले अपनी नई दीवार बनाना शुरू कर दी। दीवार बनाते समय इंजीनियरों ने ये नहीं देखा कि वे किस तरह से कंस्ट्रक्शन कर रहे हैं। पार्षद कहती हैं कि जो भी निर्माण हो रहा है वह गुणवत्ता पूर्ण नहीं हो रहा है।
टूरिज्म के अधिकारी बोले- हमें तो स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट हैंड ओवर किया
इस पूरे मामले में भास्कर ने मध्य प्रदेश टूरिज्म विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर डी एस परिहार से बात की। उन्होंने बताया कि मार्च के महीने में यह प्रोजेक्ट टूरिज्म विभाग को हैंड ओवर किया गया। भास्कर ने पूछा कि जो दीवार ढही है आखिर उसकी जिम्मेदारी किसकी थी? टूरिज्म विभाग 20 फीट दूरी से अपनी दीवार क्यों बना रहा है?
इस पर परिहार ने कहा कि यह पूरा प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी उज्जैन देख रही थी। हमें तो 6 महीने पहले मिला है। हमने इसमें कोई छेड़खानी नहीं की। जो भी स्मार्ट सिटी ने काम किए थे वो वैसे ही है। हमें तो जो एरिया मिला है उसमें अपना कंस्ट्रक्शन कर रहे हैं।
कलेक्टर बोले- मकान की वजह से पानी निकल नहीं सका
भास्कर ने इस मामले में कलेक्टर नीरज सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच एसडीएम को दी गई है। जांच रिपोर्ट में जिन्हें भी दोषी माना जाएगा उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
उनसे पूछा कि गणेश मंदिर के पुजारी विमल व्यास का आरोप है कि प्रशासन ने दीवार बनाते वक्त ध्यान नहीं दिया, तो कलेक्टर ने कहा कि पूरा हादसा उन्हीं की वजह हुआ है।
2015 में यहां रोड चौड़ी होनी थी, लेकिन ये सुप्रीम कोर्ट में जाकर स्टे ले आए। जिस तरफ उनका घर है उसी तरफ से पानी निकासी का रास्ता बनना था।
दीवार ढहने के बाद क्या हुआ..
बड़े गणपति के पास बैठा था, तभी पता चला की दीवार ढह गई
जिस जगह से दीवार गिरी है उसी जगह प्रसाद की दुकान चलाने वाले देवेंद्र माली ने कहा कि जब हादसा हुआ था उस वक्त में बड़ा गणपति मंदिर के पास बैठा था। जो सड़क पर दुकान लगाकर बैठते थे उन्हें मैं काफी समय से जानता हूं।
दीवार गिरने के तुरंत बाद ही मैंने आसपास के लोगों को मदद के लिए बुलाया। सभी वहां पहुंचे और दीवार का मलबा हटाना शुरू किया। इसमें दो महिलाएं और दो पुरुष दबे हुए थे। इस दौरान किसी ने एम्बुलेंस को कॉल कर बुला लिया।
उस वक्त तक नगर निगम और महाकाल प्रशासन का एक भी कर्मचारी नहीं आया। कुछ देर बाद अधिकारी वहां पहुंचे तब तक हमने घायलों को बाहर निकाल लिया था।
एसपी बोले- ज्यादा लोगों के दबे होने की केवल अफवाह
इस मामले में उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि मलबे को जब स्थानीय लोगों की मदद से हटाया गया तो चारों लोग गंभीर रूप से घायल थे, कुछ देर बाद अजय योगी और फरीन राठौर की मौत हो गई। जबकि फरीन की 3 साल की बेटी रूही और उज्जैनिया की शारदा बाई को इलाज के लिए इंदौर रेफर किया है।
हादसे के बारे में बताते हुए एसपी कहते हैं कि नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि पड़ोस में एक मकान है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दिया है। इस वजह से हेरिटेज होटल के गार्डन का पानी बाहर नहीं निकल सका। बारिश के कारण मिट्टी फूल गई और दीवार ढह गई।
सावधानी के तौर पर दीवार के बाकी हिस्से को भी नगर निगम ने ढहा दिया है। एसपी ने कहा कि ज्यादा लोगों के दबने की बात सिर्फ अफवाह है, मौके पर पुलिस और प्रशासन के तमाम अधिकारी मौजूद थे। अधिकारियों की मौजूदगी में मलबे को हटाकर सड़क को साफ किया था। इन चारों के अलावा कोई मीसिंग नहीं है।