पैसों के लिए 1 घंटे इंतजार फिर बंदूक अड़ाकर आर्मी अफसर की गर्लफ्रेंड से किया गैंगरेप… बदमाशों ने दूसरे कपल को 10 लाख लाने को भेजा, चार्जशीट से सामने आया जामगेट घटनाक्रम का पूरा सच — देखें VIDEO

पिछले साल 10 सितंबर को इंदौर के पास महू के जामगेट पर आर्मी अफसर की गर्लफ्रेंड से गैंगरेप हुआ था। इस घटना का पूरा सच सामने आया। पुलिस ने दिसंबर में इस केस की चार्जशीट कोर्ट में पेश की। मामले में एक सुनवाई भी हो चुकी है। चार्जशीट में पुलिस ने दावा किया कि बदमाशों ने आर्मी अफसर की महिला मित्र को बंदूक का डर दिखाकर उसका रेप किया था।

वहीं बदमाशों ने दूसरे कपल को एक घंटे में 10 लाख रुपए लाने का अल्टीमेटम दिया था। एक घंटे बाद भी जब कपल नहीं लौटा तो बदमाशों को उसके पुलिस के पास जाने का शक हुआ। पुलिस सुबह 5 बजे घटनास्थल पर पहुंची थी तब तक आर्मी अफसर और पीड़िता पैदल पहाड़ी से नीचे उतर चुके थे।

आखिर क्या हुआ था उस रात? पुलिस और आर्मी के अफसरों को मामले की सूचना किस तरह मिली? पढ़िए पूरी कहानी…

जानिए चार्जशीट के मुताबिक 11 बजे से सुबह 5 बजे तक क्या-क्या हुआ

रात 2.30 बजे आर्मी अफसरों पर हमला किया महू में यंग ऑफिसर का कोर्स करने आए यूपी के रहने वाले लेफ्टिनेंट विनय और आदित्य (बदला हुआ नाम) अपनी दो महिला मित्रों के साथ कार से महू के जाम गेट पर घूमने गए थे। जाम गेट आर्मी की ओल्ड फायरिंग रेंज है। रात 11 बजे चारों महू से रवाना हुए। यहां चारों कार से उतरे और सेल्फी लेने लगे।

रात 2 बजे तक सबकुछ ठीक था। चारों आपस में बातचीत कर रहे थे। करीब 2.30 बजे 7-8 बदमाशों ने दोनों आर्मी अफसरों पर लाठी और डंडों से हमला कर दिया। दोनों के साथ मारपीट की। घटना में दोनों को पैर, पीठ, पेट, हाथ में चोट लगी। विनय ने बदमाशों से पूछा कि उन्हें क्या चाहिए तो बोले कि 10 लाख रु. कैश चाहिए वर्ना सभी को जान से मार डालेंगे।

बदमाश चारों को कार से कुछ दूर ले गए। एक बदमाश के हाथ में पिस्टल थी। सभी बदमाशों के चेहरे खुले हुए थे। बदमाशों ने विनय और उसकी गर्लफ्रेंड को बंधक बनाकर अलग-अलग बैठा दिया। आदित्य और उसकी गर्लफ्रेंड को 10 लाख रु. रुपए लाने के लिए छोड़ दिया।

महू का जामगेट जहां 10 सितंबर 2024 को वारदात हुई थी।

पैसों के लिए 1 घंटे इंतजार फिर बंदूक अड़ाकर रेप एक घंटे इंतजार के बाद जब कपल पैसे लेकर नहीं लौटा तो बदमाशों ने आर्मी अफसर विनय की गर्लफ्रेंड को उससे दूर ले गए। पहले उसके साथ मारपीट की, फिर गलत काम किया। सुबह करीब साढ़े चार बजे सड़क पर गाड़ियों की लाइट देखकर बदमाश दोनों को मौके पर छोड़कर फरार हो गए। विनय के पर्स में रखे चार हजार और उसकी गर्लफ्रेंड के पर्स से करीब आठ हजार रुपए उन्होंने लूट लिए।

इधर आदित्य और उसकी गर्लफ्रेंड सुबह करीब 4 बजे कार चलाते हुए इंफ्रेंट्री स्कूल महू पहुंचे। उन्होंने अपने सीनियर व आर्मी अधिकारियों को पूरी बात बताई। सीनियर आर्मी अधिकारियों ने कंट्रोल रूम और थाना प्रभारी बडगोंदा को सूचना दी । थाना प्रभारी और आर्मी अफसर बल के साथ सुबह 5 बजे घटना स्थल पर पहुंचे।

तब तक बदमाश जंगल की तरफ भाग चुके थे। विनय और उसकी गर्लफ्रेंड नीचे उतरते हुए अफसरों को मिले। दोनों बुरी तरह से घबराए हुए थे। चारों को मेडिकल परीक्षण के लिए मध्यभारत हॉस्पिटल महू लाया गया। डॉक्टर ने विनय और आदित्य को एक्स-रे करवाने के लिए कहा मगर दोनों ने मना कर दिया। वहीं महिला मित्र ने भी स्वेच्छा से मेडिकल परीक्षण नहीं करवाया। पीड़ित का मेडिकल परीक्षण हुआ।

11 सितंबर 2024 की सुबह घटनास्थल की जांच करते पुलिस अधिकारी।

अब जानिए कैसे पकड़े गए थे गैंगरेप के आरोपी

पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक आरोपियों की पहचान करने की चुनौती थी। जामगेट पर न तो कोई सीसीटीवी लगे थे और न ही रात के वक्त किसी ने भी वारदात होते नहीं देखी थी। ऐसे में पुलिस ने बड़गोंदा थाने में पिछले 10 सालों में पदस्थ टीआई से हिस्ट्री शीटर्स की फोटो मंगाई। इनमें से एक फोटो मुख्य आरोपी अनिल की थी।

ये फोटो आर्मी के ट्रेनी अफसर को दिखाई गई। उसने तत्काल ही अनिल को पहचान लिया। इसके बाद गैंगरेप की पीड़िता ने भी इसकी पुष्टि की। पुलिस ने 12 सितंबर को अनिल को मानपुर से गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ के आधार पर उसके गांव के रहने वाले पवन को भी गिरफ्तार किया।

अनिल से पूछताछ में पता चला कि गैंगरेप में रितेश भी शामिल था। कट्‌टा दिखाकर उसी ने धमकाया था। बाद में पुलिस ने रितेश और सबसे आखिरी में संदीप, रोहित सिंह गीरवाल और सचिन मकवाना को एक सरपंच की मदद से पकड़ा।

महू गैंगरेप के आरोपी

अनिल-रितेश की डीएनए रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई

बड़गोंदा पुलिस ने गैंगरेप में शामिल अनिल व रितेश के वारदात के समय पहने गए कपड़े, घटनास्थल पर मिले सिर के बाल, ब्लड आदि डीएनए जांच के लिए भेजे थे। पीड़ित युवती के सैम्पल भी भेजे गए थे। चार्जशीट में पुलिस ने दावा किया है कि डीएनए से पुष्टि हुई कि आरोपी अनिल और रितेश ने ही पीड़िता के साथ रेप किया था।

हालांकि, पीड़िता का लूटा गया आधार कार्ड आरोपियों के पास से जब्त नहीं हुआ। पुलिस ने केस में सबूत मिटाने की धारा 238 बढ़ा दी। आरोपी रितेश के पास से घटना में इस्तेमाल देसी पिस्टल और जिंदा कारतूस जब्त किए गए।

पहले उम्र 19 साल बताई बाद में 17 साल 4 महीने निकली

घटना में शामिल एक आरोपी ने पहले अपनी उम्र 19 साल बताई थी। लिहाजा उसे उपजेल महू भेज दिया गया था। बाद में आरोपी के द्वारा आधार कार्ड और कक्षा 8वीं की अंकसूची पेश की गई। जिसमें वो जन्म से घटना वाले दिन 17 साल 4 महीने और 26 दिन का निकला। नाबालिग पाए जाने पर उसे उप जेल महू से निकाल किशोर न्यायालय इंदौर पेश किया गया। जहां से उसे बाल सम्प्रेषण गृह इंदौर भेजा गया।

इन धाराओं में दर्ज है केस

मोबाइल डेटा रिकवर किया तो जामगेट के फोटो-वीडियो मिले

पुलिस ने आरोपियों के पास से उनके मोबाइल जब्त कर उनकी जांच की। आरोपियों ने डेटा डिलीट कर दिया था। पुलिस ने सभी के फोन का डेटा रिकवर किया। जब डेटा खंगाला गया और फोटो, वीडियो को देखा तो सभी के एक-दूसरे के साथ फोटो मिले। आरोपी जामगेट पर अक्सर अवैध हथियारों के साथ रील बनाते थे।

कुछ फोटो-वीडियो घटना स्थल के पास जाम गेट क्षेत्र के भी मिले। इससे भी साफ हो गया कि आरोपी पहले भी घटना स्थल और उसके आसपास जाते थे और लोगों को अकेला देखा लूट-पाट करते थे। अनिल के मोबाइल की कॉल डिटेल से भी पता चला कि उसी ने कॉल कर बाकी साथियों को वारदात वाले दिन जामगेट पर बुलाया था। उसके मोबाइल की टावर लोकेशन से भी इसकी पुष्टि हुई।

दोनों अफसर महू से जा चुके, आरोपियों का रूटीन सामान्य

घटनाक्रम के बाद पीड़िता के लंबे समय तक बयान नहीं हुए थे। घटना के बाद से उसकी मनोस्थिति ऐसी नहीं थी कि वो बयान दे सके। बाद में वो बयान देने को तैयार हुई। उसके सामने आरोपियों की परेड करवाई गई। उसने गैंगरेप के आरोपी अनिल और रितेश को पहचान लिया था।

वहीं पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना के बाद दोनों सैन्य अधिकारी महू से जा चुके हैं। आरोपी इस समय महू के उपजेल में है। जेलर मनोज चौरसिया का कहना है कि दोनों का आचरण सामान्य ही है। पढ़ाई लिखाई सहित अन्य किसी प्रकार की कोई डिमांड उनकी तरफ से नहीं की गई है। यदि मांग की जाती है तो किताबें उपलब्ध कराते हैं।

दोनों का रूटीन सामान्य ही है। सुबह उठने के बाद योगा करते हैं। दैनिक क्रियाकलाप में ही उनका दिन गुजरता है।

– मनोज चौरसिया, जेलर उपजेल महू

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